फरीदाबाद (विनोद वैष्णव) : मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज के स्कूल ऑफ मीडिया स्टडीज एंड ह्यूमेनिटीज, पत्रकारिता और जनसंचार विभाग की ओर से वार्षिक फिल्म फेस्टिवल ‘अवलोकन- द क्रिएटिव काइट्स 2023’ का आयोजन हुआ। सोनी एंड वुडपेकर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल एंड फोरम के साथ आयोजित हुए इस समारोह में लघु फिल्म श्रेणी के तहत एपीजे इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन की फिल्म ‘लिपस्टिक’ और डॉक्यूमेंट्री श्रेणी में एशियन एकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन की ‘साह जर्नी ऑफ चाय’ को सर्वश्रेष्ठ फिल्म चुना गया।
फिल्म फेस्टिवल का शुभारंभ करते हुए मुख्य अतिथि डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता विजय एस जोधा ने कहा कि देश के युवाओं में प्रतिभा की कमी नहीं है। इस तरह के आयोजन छात्रों को उनकी रचनात्मकता दिखाने को मंच प्रदान करते हैं। एमआरईआई के डायरेक्टर जनरल एनसी वाधवा ने कहा कि फिल्में भावनाओं का प्रदर्शित करने का रचनात्मक तरीका हैं। कार्यक्रम में ज्यूरी सदस्यों के तौर पर राम नरेंद्र यादव और विजय लोकपल्ली शामिल हुए। इस दौरान संस्थान के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल आरके आनंद, फैकल्टी ऑफ मीडिया स्ट़डीज एंड ह्यूमेनिटीज की डीन डॉ. मैथिली गंजू, पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग प्रमुख डॉ. किरण बाला भी उपस्थित रहे।
तीन श्रेणियों में 40 फिल्मों की स्क्रीनिंग हुई फिल्म फेस्टिवल में आईआईएमसी, एशियन एकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन , बेनेट यूनिवर्सिटी, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, वाईएमसीए, एपीजे इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन सहित देशभर से करीब 70 संस्थानों ने भाग लिया। समारोह में लघु फिल्म, डॉक्यूमेंट्री और एनिमेशन श्रेणियों के तहत चयनित 40 फिल्मों की स्क्रीनिंग हुई।
इनमें छात्रों ने शिक्षा, गरीबी, मानसिक स्वास्थ्य, शास्त्रीय नृत्य, घरेलू हिंसा और महिला सशक्तिकरण जैसे मुद्दों को उजागर किया। इस दौरान फोटोग्राफी प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसमें देशभर से मिली प्रविष्टियों को शामिल किया गया। फिल्मों की स्क्रीनिंग के बाद मास्टर क्लास भी हुई जिसमें मुख्य अतिथि ने फिल्म निर्माण पर जानकारी दी। फेस्टिवल के समापन पर डॉ. मैथिली गंजू ने कहा कि साल 2012 से कराए जा रहे इस फिल्म फेस्टिवल का मकसद युवाओं की प्रतिभा को प्रदर्शित करना है।