वृंदावन में प्रेम मंदिर कब और किसने बनवाया? जानिए इस विश्व प्रसिद्ध मंदिर की मान्यता और इतिहास

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फरीदाबाद (साक्षी रावत) : अगर भारत की बात करे तो भारत एक विविध संस्कृति वाला देश है। ये विविधता आपको भारत के मौसम ,भौगोलिक स्थल में स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ती है। यहां विभिन विभिन धर्मो का पालन किया जाता है। जैसे की यहां ईसाई ,पारसी , जैन ,बौद्ध ,हिन्दू व् मुस्लिम धर्म सबको सामान रूप से देखा जाता है। पर भारत का प्राचीन व् सबसे ज्यादा अपनाये जाना वाला धर्म हिन्दू है।

भारत एक हिंदुत्व प्रदेश है। पर ये सब धर्मो का सम्मान करता है। भारत एक हिन्दू प्रदेश है ये उसकी संस्कृति एवं उसके वास्तुकला से साफ़ दिखाई देता है। यहां विभिन विभिन देवी देवताओ का पूजन होता है। ये पूजन प्राचीन कल से ही यहां की संस्कृति का हिस्सा है। यहां दक्षिण से लेकर पश्चिम तक बहुत अतुलनात्मक मंदिर व् धार्मिक स्थल दिखाई पड़ते है। आपने कश्मीर में वैष्णो देवी मंदिर , केदारनाथ में भोलेनाथ मंदिर, त्रिवंदुरम मे पदमनाभस्वामी मंदिर के बारे में तो जरूर ही सुना होगा। ऐसे ही कुछ धार्मिक मंदिर आपको भारत के हर कोने -कोने पर मिलेंगे।

आपने उत्तरप्रदेश राज्य का नाम तो सुना ही होगा। यहां पर भी विभिन प्रकार के मंदिर और धार्मिक स्थल है। जैसे यहां प्रयागराज , अयोध्या ,बनारस , वाराणसी,मथरा ,वृन्दावन अदि जो की बहुत ही आकर्षक हैं। इन सभी में से सबसे परिचित व् मनमोहक वृन्दावन है। वृन्दावन में बहुत सारे मनमोहक व् भक्ति के रस मे डूबा देने वाले मंदिर है। अपने यहां के मंदिरो के बारे मे अवश्य ही सुना होगा जैसे अंग्रेज मंदिर ,बांके बिहारी मंदिर , प्रेम मंदिर अदि।

आज हम सबसे अनूठा व् आकर्षित मंदिर के बारे मे आपको बताते है। ये मंदिर और कोई नहीं प्रेम मंदिर ही है।प्रेम मंदिर भारत का एक हिंदू मंदिर है। ये मंदिर बहुत ही खुबसुरत है। यह मथुरा के जिले वृन्दावन मे स्तिथ है। यह मथुरा स्टेशन से २-३ किलोमीटर की दुरी पर है।इसका निर्माण जगद्गुरु कृपालु महाराज द्वारा किया गया था। निर्माण जनवरी 2001 में शुरू हुआ और उद्घाटन समारोह 15 फरवरी से 17 फरवरी 2012 तक हुआ। मंदिर 17 फरवरी को जनता के लिए खोला गया था। लागत 150 करोड़ रुपये (23 मिलियन डॉलर) थी।

यह मंदिर श्री कृष्ण और राधा को समर्पित है। इस मंदिर मई श्री कृष्ण की बाल लीला , रास लीला व् अन्य लीलाओ को झांकियो द्वारा दिखाया गया है। ये झांकिया अति ही सुन्दर व् मंत्रमुघ्द कर देने वाली है। यह मंदिर बहुत आकर्षित है। यही वजह है कि भक्त यहां पर घंटो रूकने के लिए मजबूर हो जाते हैं। मंदिर पूरे एक हजार मजदूरों द्वारा 11 सालों में बनाकर तैयार किया गया था।

इस मंदिर खासियत ये भी है कि ये दिन में बिल्कुल सफेद दिखाई देता है और शाम को ये अलग-अलग रंग में नजर आता है. बता दें कि यहां पर स्पेशल लाइटिंग लगाई गई है जिसकी वजह से हर 30 सेकेंड में मंदिर का रंग बदल जाता है.मंदिर में सत्संग के लिए एक विशाल भवन का निर्माण किया गया है। जिसमें एक साथ 25000 हजार लोग बैठ सकते हैं. इस भवन को प्रेम भवन कहा जाता है। जोकि साल 2018 में आम लोगों के लिए खोल दिया गया था।





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