जाते जाते सुरज कर गये प्रकाशित अन्जान का अन्धेरा जीवन
फरीदाबाद (विनोद वैष्णव ) | हर इंसान चाहता है कि जीवन मे ऐसा कुछ करे कि मरने के बाद भी लोग उसे याद करे। लेकिन इसके लिए कुछ असाधारण काम करने होते है। जिंदगी यह मौका हर किसी को नहीं देती। लेकिन अंतिम समय में इंसान के मन में यह बात जरूर आती है कि काश, मैं भी कुछ असाधारण काम, कुछ अच्छे काम कर पाता/या कर पाती ताकि मेरा अगला जन्म सुधर जाता।
ऐसा ही पुण्य का कार्य करके पलवल निवासी, वर्तमान में बल्लभगढ़ में रह रहे सुरज प्रकाश आर्य अमर हो गये। उनकी इच्छा अनुसार उनकी पत्नी भगवती देवी पुत्रों अतुल व सुधीर, पुत्री मीनाक्षी नें उनके नेत्र पलवल डोनर्स क्लब “ज्योतिपुँज” की मदद से ई एस आई मेडिकल कालेज फ़रीदाबाद के नेत्रदान टीम को दान करवा दिये ।पलवल डोनर्स क्लब ” ज्योतिपुँज” के संयोजक आर्यवीर लायन विकास मित्तल ने बताया कि इस नेत्रदान में पलवल डोनर्स क्लब की सहसंयोजक अल्पना मित्तल, दीपांशु, सोनिया, रेखा और ललित श्यामाआदि का विशेष सहयोग रहा। गत दिवस बल्लभगढ़ स्थित उदासीन साधु आश्रम में हुए श्रद्धांजलि सभा में नेत्रदाता परिवार को सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर संयोजक विकास मित्तल और अल्पना मित्तल ने नेत्रदानी परिवार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि नेत्रदान महादान है। इससे बड़ा कोई दान नहीं है। हम इससे किसी दृष्टिहीन के अँधेरे जीवन में रोशनी भर सकते हैं। इस अवसर पर परिवार के सदस्यों के अलावा अनेक गणमान्य व्यक्ति समाजसेवी जगबीर गिरधर, कृष्ण छाबड़ा, पवन भुटानी, मोहन सिंह आदि सहित सैंकड़ो लोग मौजूद थे।
