मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का प्रेरक आदर्श जीवन अनुकरणीय है

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आर्य समाज (सेंट्रल), सैक्टर 15 फरीदाबाद के 35वें स्थापना दिवस के उपलक्ष में 7 दिवसीय वैदिक रामकथा महोत्सव में विदुशी बहन अंजली आर्या ने अपने प्रवचन और मधुर भजनों के माध्यम से मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जीवन और आदर्शों का मार्मिक चित्रण ओर वर्णन किया। कार्यक्रम के समापन अवसर पर बहन अंजली आर्या ने कहा कि श्री राम एक श्रेष्ठ राजा थे उन्होंने हमेशा दया, सत्य, सदाचार, मर्यादा, करुणा और धर्म का पालन किया उन्होंने समाज के लोगों के सामने सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण पेश किया था इसी लिए उनको मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है प्रभु श्रीराम ने सभी रिश्तों को दिल और शालीनता तथा दयालुता से निभाया। प्रभु श्री राम एक आदर्श मनुष्य, पुत्र, भाई और पति होने के साथ-साथ एक आदर्श कुशल शासक भी थे। उनके शासन काल में व्याप्त सुव्यवस्था के कारण ही आज भी रामराज्य का उदाहरण दिया जाता है उन्होने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती ने अपने ग्रंथों में श्रीराम और श्रीकृष्ण का गौरवपूर्वक उल्लेख किया है। उनके श्रीराम राज पुत्र पारिवारिक मर्यादाओं को मानने वाले, ऋषि मुनियों के भक्त, परम आस्तिक और विपत्तियों में कभी भी न घबराने वाले महापुरुष थे, वह महामानव, ज्येष्ठ- श्रेष्ठ आत्मा, परमात्मा के परम भक्त, धीर वीर पुरुष, विजय के पश्चात भी विनम्रता से विभूषित सहृदय तथा आदर्श पुरुष थे। आज राष्ट्र को ऐसे ही महापुरुषों की आवश्यकता है जिनके आदर्श को आचरण में लाकर हम अपने राष्ट्र की स्वतंत्रता, अखंडता, सार्व भौमिकता तथा स्वायत्तता की रक्षा कर सकते हैं। मुख्य अतिथि के रुप में योगेश वैध तथा धर्मेंद्र कौशिक ने भव्य और सफल आयोजन पर अपनी बधाई दी। इस अवसर पर डॉ. हरिओम आर्य, विजय भूषण आर्य, आई जे गिरधर, कुलभूषण आर्य, नंदलाल कालरा, जितेंद्र सरल, सत्य भूषण आर्य, वसु मित्र सत्यार्थी, रघुबीर शास्त्री, योगाचार्य देवराज आर्य, अंकित आर्य, संतोष शास्त्री, शिव कुमार टुटेजा, विमल सचदेवा, सुकीर्ति चावला, प्रेम बहल, सुषमा वधवा, ऊषा चितकारा व शोभा टंडन मौजूद रहे।





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