जीवा आयुर्वेद में क्षारसूत्र चिकित्सा पर डॉक्टर्स की सीएमई का आयोजन

फरीदाबाद ( विनोद वैष्णव ) । श्रेष्ठ आयुर्वेदिक उपचार व औषधि उपलब्ध कराने में निरन्तर अग्रणी जीवा आयुर्वेद ने 16 फ रवरी को जीवा मेडिकल रिसर्च सेन्टर पर इसकी वार्षिक सीएमई में क्षारसूत्र चिकित्सा परिचर्चा का आयोजन किया। जीवा आयुर्वेद द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का उद्ेश्य जीवा डॉक्टर्स व प्राइवेट प्रैक्टिशनर्स को इस विधि की जानकारी प्रदान करना था।फरीदाबाद में कार्यरत 25 से अधिक डॉक्टर्स ने सीएमई में हिस्सा लिया जिनके लिए क्षारसूत्र चिकित्सा विधि की विशेषता को समझना व अपने ज्ञान में वृ़ि़द्ध करने का एक अनोखा अवसर था। जीवा आयुर्वेद के डायरेक्टर डॉ प्रताप चौहान ने, वरिष्ठ आयुर्वेदाचार्य डॉ0 सपना भार्गव के साथ, इस चिकित्सा के प्रभाव और फ ायदे के बारे में जानकारी दी। डॉ0 चौहान ने जीवा आयुर्वेद की अन्य उपलब्धियों व डॉक्टर्स के लिए सहभागिता के अवसरों के बारे में चर्चा की।
गुदा मार्ग संबंधी परेशानियों जैसे पाइल्स, फि शर व फि स्टुला के लिए क्षारसूत्र थैरपी एक प्रभावी, सुरक्षित व कम खर्चीली चिकित्सा पद्धति है। इस विधि में मिनिमल सर्जरी व नहीं के बराबर हॉस्पिटलाइजेशन की जरूरत होती है।अन्य उपचार प्रणालियों की तुलना में, क्षारसूत्र के उपरान्त रोग के दुबारा उत्पन्न होने की संभावना काफ ी कम होती है। इस चिकित्सा के परिणाम दर्शाते हैं कि एनो-रेक्टल रोगों की एडवांस स्टेज मेें भी यह रोगियों को काफ ी आराम पहुँचाती है।

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