तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थाअेां के लिए राष्ट्रीय अभियान चलाने की मांग 

नई दिल्ली ( विनोद वैष्णव )। बिहार के सिवान से सांसद ओमप्रकाश के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर देशभर में बच्चों व युवाअेंा को व्यसनों से बचाने की अपील की और राष्ट्रीय स्तर पर तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थाअेां के लिए अभियान चलाने के लिए ज्ञापन दिया। सांसद ओमप्रकाश ने महामहिम राष्ट्रपति को बताया कि यह बहुत ही गंभीर समस्या है, बच्चेंा, युवाअेां को इसके दुष्परिणामेंा की जानकारी है लेकिन वे फिर भी इसका सेवन कर रहे है। इसकी रोकथाम के लिए जागरुकता कार्यक्रम चलाना काफी नही है, इसके लिए इस अभियान को राष्ट्रीय स्तर पर चलाना होगा। इसके साथ ही बच्चों व युवाअेंा को इस अभियान के तहत संकल्प लेना होगा कि इसका सेवन नही करेंगे। इस तरह के अभियान की मुहिम की जिम्मेदारी भी इनके हाथों में हो, तभी वे सार्थक होंगे।
सांसद ओमप्रकाश ने बताया कि संबध हैल्थ फांउडेशन (एसएचएफ) वायॅस आॅफ टोबेको विक्टिम देशभर में तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थानों के लिए काम कर रहें है। खासतौर पर मध्यप्रददेश और महाराष्ट्र के शिक्षण संस्थाअेां को तंबाकू मुक्त कराया है। जिसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे है। आजकल युवाअेां में तंबाकू का प्रचलन बढ़ रहा है, जो कि बेहद चितंा का विषय है। लोक स्वास्थ्य के लिए यह अतिआवश्यक है कि तंबाकू से नष्ट होने वाली अपनी युवा पीढ़ी को बचाने की जरुरत है।
संबध हैल्थ फांउडेशन (एसएचएफ) के संजय सेठ ने बताया कि देशभर में 50 प्रतिशत कैंसर तंबाकू के कारण होता है वंही 90 प्रतिशत मुंह का कैंसर भी तंबाकू के कारण हेाता है। ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (गेट्स-2) 2017 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 28.6 प्रतिशत लोग किसी न किसी रुप मंेे तंबाकू उत्पादों का उपभोग करतें है। प्रतिवर्ष देशभर में 10 लाख लोग इससे दम तोड़ रहे है। वंही देशभर में 5500 बच्चे हर दिन तंबाकू सेवन की शुरुआत कर रहें है और वयस्क होने की आयु से पहले ही तम्बाकू के आदी हो जाते हैं। जेा कि बेहद चिंताजनक है। देश में 92 प्रतिशत युवा मानते है कि धूम्रपान ही गंभीर बीमारियों का कारक है वंही 96 प्रतिशत युवा आबादी मानती है कि चबाने वाला तंबाकू गंभीर बीमारियों का मुख्य कारक है। सेठ ने बताया कि तंबाकू सेवन करने वाले केवल तीन प्रतिशत लोग ही इस लत को छोड़ने में सक्षम हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि हम बच्चों को तम्बाकू सेवन की पहल करने से ही रोके।   उन्होने महामहिम राष्ट्रपति को बताया कि इसके लिए तंबाकू के इस्तेमाल और रक्षात्मक नियमों की निगरानी रखकर, शिक्षण संस्थाओं केा तंबाकु मुक्त बनाकर इसको सफल बनाया जा सकता है और युवाअेां को इससे बचाया जा सकता है। प्रतिनिधिमंडल में की संबध हैल्थ फांउडेशन के संजय सेठ, वायस आॅफ टोबेको विक्टिमस की डायरेक्टर आशिमा सरीन, एम्स के डा.शिव चैधरी, विभोर निझावन, डा.मुदित अग्रवाल, प्रदीप माथुर, दीपक छीबा, अरविंद माथुर इत्यादि शामिल थे।

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