बादशाह खान अस्पताल के प्रशासन को बदनाम कर रहा एक समिति का पदाधिकारी:-गुलशन अरोड़ा

फरीदाबाद( विनोद वैष्णव )। अस्पताल प्रशासन अस्पताल में आने वाले हर गरीब मरीज का ईलाज बेहतर और आधुनिक तरीके से करने में कृतसंकल्प है बशर्ते मरीज के ईलाज की तकनीक उनके पास उपलब्ध हो लेकिन एक समिति का पदाधिकारी अस्पताल को बदमान करने पर तुला है। यह कहना है बादशाह खान अस्पताल के सिविल सर्जन गुलशन अरोड़ा का। गुलशन अरोड़ा ने बताया कि नवजन मोर्चा समिति(रजि.) ताऊ देवीलाल वृद्वाश्रम का पदाधिकारी वृद्वों की आड़ में उनके अस्पताल पर वृद्वों का ईलाज नहीं करने का आरोप लगा रहा है जबकि सच्चाई इससे कोसों दूर है। उन्होनें बताया कि नवजन मोर्चा समिति(रजि.) ताऊ देवीलाल वृद्वाश्रम से दो बुजुर्ग मरीज सुमित्रा(70) व प्रकाश कुमारी(68) को अस्पताल में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होनें बताया कि सुमित्रा दिल के रोग के कारण 17.3.2018 को भर्ती की गई थी। उसका ईलाज पहले दिन से निशुल्क किया जा रहा था। इस मरीज को हार्ट सेंटर फरीदाबाद की रिपोर्ट के अनुसार ओपन हार्ट सर्जरी और वाल्व रिपलेंसमेंट की जरूरत थी। यह दोनों ही सुविधाएं सिविल अस्पताल में उपलब्ध नहीं है। इसलिए हार्ट सेंटर सिविल अस्पताल फरीदाबाद की सलाह के बाद दिनाक: 5.4.2018 को सफदरजंग अस्पताल नई दिल्ली में ईलाज के लिए रैफर किया गया। गुलशन अरोड़ा ने बताया कि इसी प्रकार प्रकाश कुमारी को दिनाक: 30.3.2018 को अस्पताल में भर्ती कराया गया था जोकि मधुमेह,सांस की तकलीफ तथा ह्रदय योग से पीडि़त थी और उसका दिल का वाल्व बदलने की जरूरत थी। बुजुर्ग मरीज का पूरा ईलाज भर्ती के दिन से निशुल्क किया गया जिसमें हार्ट सेंटर द्वारा दिया गया सलाह/उपचार भी शामिल है। इस बुजुर्ग का भी हार्ट सेंटर सिविल अस्पताल फरीदाबाद की सलाह उपरांत अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान(एम्स) दिल्ली में दिनाक:5.4.2018 को रैफर किया गया। गुलशन अरोड़ा ने बताया कि दिनाक:5.4.2018 को ही नवजन मोर्चा समिति(रजि.) ताऊ देवीलाल वृद्वाश्रम का पदाधिकारी श्री कृष्ण लाल बजाज पीएमओ और मुझसे आकर मिला और रैफर करने का कारण पूछा तो हमने अस्पताल में सुविधाएं उपलब्ध ना होने का हवाला देकर उसे हर तरह से समझाने का प्रयास किया। श्री कृष्ण लाल ने बुजुर्गो के ईलाज का एक ज्ञापन सीएमओ कार्यालय मेें दिया और चले गए। लेकिन आज दिनाक:6.4.2018 को कृष्ण लाल बजाज कुछ बुजुर्गो के साथ अस्पताल में पहुंच गया और सीएमओ/पीएमओ के खिलाफ नारेबाजी की और उसके बाद बीके चौक पर पुतला फूंका। गुलशन अरोड़ा ने बताया कि इस तरह से इन्होनें ना केवल पीएमओ/सीएमओ की छवि निजी तौर पर धूमिल की ब्लकि स्वास्थय विभाग हरियाणा को भी बदनाम करने की कोशिश की है। गुलशन अरोड़ा ने कहा कि ऐसा करने से ना केवल डाक्टरों का मनोबल गिरता है ब्लकि गरीबों के लिए चलाई जा रहा लाभकारी योजनाओं को भी धक्का लगता है।

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