जीव को हमेशा अच्छे कर्म के लिए तत्पर रहना चाहिए :  धीरज कृष्ण ठाकुर

फरीदाबाद ( विनोद वैष्णव ): सैक्टर -3 मधुबन पार्क में न्यू रेजिडेंटस वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा भागवत कथा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर  श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया। जिसमें भगवान के जन्म की ख़ुशी में धर्मप्रेमीजन ने जमकर नृत्य किया। भागवत कथा में कथावाचक  श्रद्वेय  धीरज कृष्ण ठाकुर जी महाराज ने हरीश चन्दर के सत्य के पद पर चलने की बात कही।  ठाकुर जी ने  कहाकि  भगवान आपके चढ़ाए गए पकवानों के नहीं बल्कि भाव के भूखे हैं। यदि आपने दिखावा करते हुए भगवान को छप्पन पकवानों का भोग भी लगाया हो तो भी कुछ फल नहीं मिलने वाला है परंतु श्रद्घाभाव के साथ सादे से मन से एक चावल का दाना भी भगवान को समर्पित कर दिया तो आपका कल्याण हो जाएगा, क्योंकि जो कोई भगवान को सच्चे मन से पुकारता है, प्रभु उसके पास दौड़े चले आते हैं।  उन्होंने कहा कि कलयुग में कर्म का विशेष महत्व है, क्योंकि बिना कर्म किए प्राप्त फल कभी कल्याणकारी नहीं हो सकता है। इसलिए जीव को हमेशा अच्छे कर्म के लिए तत्पर रहना चाहिए। 16 कलाओं के ज्ञाता भगवान श्रीकृष्ण ने बाल्यकाल अवस्था में ही कई राक्षसों का वध किया। उन्होंने बताया गलत आचरण वाले रिश्तेदार ही क्यों न हो, उसका संसार में रहना प्राणियों के लिए नुकसानदायी है। इसलिए श्रीकृष्ण भगवान ने अपने कंस मामा का वध कर राक्षस युग का अंत किया था। सच्ची मित्रता अमीरी और गरीब से ऊपर होती है। भगवान कृष्ण और सुदामा की मित्रता इसकी ही मिसाल है। मित्रता में छल कपट और स्वार्थ जैसा कोई स्थान नहीं होता है। नि:स्वार्थ भाव से निभाई जाने वाली मित्रता ही सच्ची मित्रता कहलाती है। भगवान कृष्ण और सुदामा की मित्रता पूरे जग में एक अनूठा उदाहरण है। इस अवसर पर संस्था के प्रधान भगवान शर्मा, हरीश चंद शर्मा, एस.पी. नागपाल, सतेंद्र शर्मा, आनंद कुमार, एस.एस रावत, एस.सी. शर्मा मौजूद थे।  

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