सतयुग दर्शन ट्रस्ट द्वारा आयोजित अनूठा अंतर्राष्ट्रीय मानवता ई-ओलमिपयाड-२०१८

Posted by: | Posted on: July 23, 2018

( विनोद वैष्णव )| सभी की सूचनार्थ वैश्विक स्तर पर स्कूली छात्रों व जन सामान्य में उच्च नैतिक मानवीय मूल्यों की स्थापना द्वारा सदाचार का मार्ग प्रशस्त करने हेतु सतयुग दर्शन ट्रस्ट द्वारा चतुर्थ अंतर्राष्ट्रीय मानवता ई-ओलमिपयाड-२०१८ का आयोजन किया गया है। आनलाइन आयोजित १५ मिनट की इस परीक्षा को किसी भी उम्र, जाति, वर्ग या समप्रदाय का कोई भी सजन बिना किसी भेदभाव के दे सकता है। इस परीक्षा के अंतर्गत कुल मिलाकर २५ बहुविकल्पीय रुचिकर चित्रात्मक प्रश्नों का समावेश किया गया है जोकि किसी भी धर्म विशेष से समबन्धित न होकर पूरी तरह एक मानव के जीवन में नैतिक मानवीय मूल्यों को धारने की आवश्यकता को दर्शाते है। परीक्षा की एक खास विशेषता यह है कि यह परीक्षा परीक्षार्थी अग्रेजी एवं हिन्दी किसी भी माध्यम में दे सकते हैं व परीक्षा देने के उपरांत तुरन्त अपना परिणाम व ई-सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं। यही नहीं वैश्विक स्तर पर मानवता अपना कर चरित्रवान बनने का संदेश प्रसारित करने हेतु सजनों इस परीक्षा को पूरी तरह नि:शुल्क रखा रखा गया है तथा टॉप हजार विजेताओ को लैपटाप, टेबलेट, स्मार्टफोन, टी0वी, ई-गेजेटस व अन्य आकर्षण इनाम इत्यादि प्रदान करने का प्रावधान रखा गया है।

हालाँकि ट्रस्ट गत तीन वर्षो से इस परीक्षा का सफलतापूर्वक आयोजन करता आया है व इससे लाभान्वित हो लगभग ३० लाख बच्चों व परिवारिक सदस्यों में एक अच्छा इंसान बनने की उमंग जागरूक की है परन्तु पेपर वेसटेज को बचाने व डिजीटल इंडिया को प्रोत्साहित करने के लिए इस बार इस परीक्षा को पूरी तरह आनलाइन रखा गया है। इस संदर्भ में ट्रस्ट के इन तमाम प्रयासों की सराहना करते हुए देश के इले1ट्रानिकस एवं आई0 टी0 मंत्री माननीय एस0 एस0 आहलूवालिया जी ने कहा कि नैतिक चरित्र हमारे जीवन का बहुत महत्त््वपूर्ण पक्ष है। भौतिक समृद्धि चाहे हमें कितना ही सुख प्रदान 1यों न कर दे लेकिन नैतिक मूल्यों की धारणा से ही व्यक्ति उच्च व सही तरीके से जीवने जीने योग्य बनता है। अत:इनकी धारणा में ही परिवार, समाज एव राष्ट्र का उत्थान है। अपने इस संदेश में उन्होंने आगे देश की जनता एवं स्कूली छात्र-छात्राओं से इस परीक्षा को देकर अच्छा इंसान बनने की अपील की है।

यही नहीं परीक्षा के प्रयोजन व महत्ता को समझते हुए माध्यमिक शिक्षा निर्देशालय, पंचकूला व असम सरकार, ने तो असम राज्य व हरियाणा राज्य के विभिन्न जिला निर्देशकों को इस परीक्षा को आनलाइन समपन्न कराने के निर्देश समस्त स्कूलों में जारी कर दिए हैं। इस संदर्भ में यू0 पी, पंजाब, राज्यथान व उत्तराखंड शिक्षा निर्देशालयों को भी प्रार्थना पत्र भेजा गया है। आशा है कि आगामी सप्ताह तक हमें इन सब शैक्षणिक बोर्डो का सहयोग भी प्राप्त हो जाएगा।

आप सब की जानकारी हेतु अब तक लगभग १०० शहरों के लगभग ४०० से अधिक स्कूल, कोचिंग सेंटर व कालेजों के विद्यार्थी इस आनलाईन परीक्षा के अंतर्गत अपने आप को रजिस्टर कर चुके है व इनमें से लगभग पचास हजार लोग इस परीक्षा को दे चुके हैं। सजनों इससे पहले की कही ओर देर न हो जाए और आप अच्छा इंसान बनने के सौभाग्य को प्राप्त कर इनाम प्राप्ति से वंचित न रह जाए,





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