पलवल (विनोद वैष्णव )| एम वी एन विश्वविद्यालय के परिसर में स्कूल ऑफ एलाइड हेल्थ साइंसेस द्वारा दो दिवसीय वर्ल्ड फिजियोथेरेपी डे का शुभारंभ मां सरस्वती व गणेश वंदना से किया गया। इस कार्यक्रम के शुभारंभ पर फिजियोथैरेपी विभाग की विभागाध्यक्षा डॉ दिव्या अग्रवाल ने दो दिवसीय वर्ल्ड फिजियोथेरेपी डे के उपलक्ष में होने वाले कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की और बताया कि इस अवसर पर पुन्हाना (मेवात) में निःशुल्क स्वास्थ्य व परीक्षण शिविर लगाया और विभिन्न प्रकार के जोड़ों और मांसपेशियों की समस्याओं का समाधान आधुनिक उपकरणों द्वारा किया गया। कैंप लगाने का मुख्य उद्देश समाज में एम वी एन विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं में सेवा भावना को प्रबल करना था जिससे वह विद्यार्थी पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद समाज में निष्काम भाव और बिना लोभ के कार्य कर सकें। इस कैंप के द्वारा लगभग डेढ़ सौ व्यक्तियों ने स्वास्थ्य लाभ लिया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 (डॉ) जे वी देसाई ने विधिवत रुप से दीप प्रज्वलित कर बताया कि हमारी जीवन शैली दिन प्रतिदिन भाग दौड़ के कारण अस्त.व्यस्त होती जा रही है जिसके लिए हमें सूर्य नमस्कार आसन जैसी कारगर विधि का प्रयोग करना जरूरी है। वहीं फिजियोथैरेपी योग का ही विशुद्ध रूप है। फिजियोथैरेपी में मरीज की मांसपेशियों की गतिविधियों को समझकर उसका इलाज करते हैं। इस अवसर पर उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं व प्राध्यापकों को वर्ल्ड फिजियोथेरेपी डे की शुभकामनाएं दी और कहा कि आने वाला भविष्य उनका है।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ राजीव रतन ने अपने उद्गार में कहा कि एम वी एन विश्वविद्यालय अत्याधुनिक एवं सुसज्जित उपकरणों की सहायता से अध्ययन-अध्यापन के साथ-साथ वाह्य रोगी विभाग भी सफलतापूर्वक संचालित कर रहा है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के आसपास के ग्रामों के विभिन्न ग्रामीणों द्वारा इसका लाभ उठाया जा रहा है और कहा कि गठिया और स्पाइनल इंजरी जैसी जटिल बीमारियों का इलाज फिजियोथैरेपी में संभव हैए वहीं किसी भी प्रकार का साइड इफेक्ट का ना होना इस को आकर्षक बनाता है।
इस अवसर पर फिजियोथेरेपी विभाग के विद्यार्थियों द्वारा सुप्रसिद्ध नृत्यांगना एवं अभिनेत्री सुधा चंद्रन के जीवन पर आधारित नाटक की प्रस्तुति की गई कि कैसे उन्होंने एक दुर्घटना में अपने पैर को गॅंवाने के बाद फिजियोथेरेपी की मदद से पुन्हः जीवन में सफलता प्राप्त की दूसरी ओर तृप्ति गर्ग ने एक कविता का पाठ किया और बताया कि सफलता एक चुनौती है और उसे स्वीकार करो क्योंकि कोशिश करने वालों की हार कभी नहीं होती।
इस अवसर पर डॉ ज्योति गुप्ता, डॉ विनीत सिन्हा, डॉ सचिन गुप्ता, डॉ ज्योति चावला, मुकेश सैनी, तरुण विरमानी, डॉ राहुल वार्ष्णेय, डॉ अनु भारती, डॉ ज्योत्स्ना ऐरी, डॉ पवन शर्मा, सुजीत, दयाशंकर प्रसाद, मोहित मंगला, मोहित संधूजा, कीर्ति वशिष्ठ, धरमवीर, अशोक आदि उपस्थित थे।