गुरुग्राम( विनोद वैष्णव ) | मेड ईज़ी स्कूल का 8 अक्टूबर 2018 से आरंभ फुटबॉल टूर्नामेंट 12 अक्टूबर 2018 को समाप्त हो गया। स्कूल कैम्पस में आयोजित टूर्नामेंट का मकसद बच्चों में खेल भावना का विकास करना और उन्हें इसकी अहमियत का अनुभव देना है। तीन आयुवर्गों (अंडर 10, अंडर 12, अंडर 14) के नॉक-आउट टूर्नामेंट में गुरुग्राम के सभी प्रमुख स्कूलों जैसे कि खेरदला सीनियर स्कूल, शौलोम हिल्स, डीपीएस इंटरनेशनल, प्रेज़ीडियम, एक्मे इंटरनेशनल, स्कॉटिश हाई, शैलोम प्रेज़िडेंसी, रायन इंटरनेशनल, नोबल हाई, डीपीएसजी पालम विहार, रॉयल ओक इंटरनेशनल स्कूल, अजंता पब्लिक, डीपीएस 84, जी डी गोयनका और सनसीटी की भागीदारी देखी गई।
समारोह का उद्घाटन सुश्री पूनम चोपड़ा ने किया जो जूडो में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित पहली महिला खिलाड़ी हैं। 12 अक्टूबर को फाइनल मैच के बाद दिल्ली डायनमो क्लब के मिड-फील्डर श्री बिक्रमजीत ने विजेता टीम, उप विजेता, बेस्ट कोच, रेफरी और अलग-अलग पोजिशन के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को सम्मानित किया। बिक्रमजीत दो अलग-अलग वर्षों में आईएसएल की दो चैम्पियन टीमों का महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं। सभी भागीदार स्कूलों के बच्चों को इस अवसर का बेसब्री से इंतजार था। सभी अपनी चहेती टीम के विजेता होने और यह कप हासिल करने को लेकर उत्साहित दिखे।
टूर्नामेंट के दौरान विभिन्न वर्गों के बच्चों को आपस में मेल-मिलाप करने का अवसर मिला। खेल का मैदान आपसी संपर्क का केंद्र बन गया। इसमें सभी बच्चों के बीच टीम भावना का विकास देखा गया चाहे वे जिस भूमिका में टूर्नामेंट से जुड़े हां। बच्चों को इस टूर्नामेंट से खेल का बहुत व्यापक बुनियादी अनुभव हुआ। टूर्नामेंट का एक अन्य लाभ बच्चों में तंदुरुस्ती और ऊर्जा के विकास के साथ-साथ उनका पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करना और आत्मविश्वास बढ़ना है।
फाइनल मैच के बाद विजेता टीम के हाथों में यह कप आने के साथ गुरुग्राम में बुनियादी स्तर पर संगठित फुटबॉल टूर्नामेंट के इतिहास में एक नए युग की शुरुआत होगी। मेड ईज़ी स्कूल का यह अभूतपूर्व प्रयास युवा खेल प्रतिभाओं को उनका हुनर दिखाने का बड़ा मंच होगा जहां बच्चों को उनका आत्मविश्वास बढ़ाने और कुछ बड़ा हासिल करने का हौसला बढ़ेगा।
गुरुग्राम (एनसीआर) सेक्टर 58 एवं 59 के निकट बांधवाड़ी स्थित मेड ईज़ी स्कूल के-12 स्कूल है। स्कूल का 25 एकड़ का विशाल कैम्पस है और यह शहर की भीड़ और प्रदूषण से दूर है। स्कूल की कक्षाओं में प्राकृतिक रोशनी है। इनका आकार बड़ा है। स्मार्टक्लासरूम और इंडोर खेल परिसर भी हैं ताकि पूरे साल खेल कार्यक्रम जारी रहें। सोच-समझ कर विकसित कई अन्य सुविधाएं हैं जो बच्चों के सुनहरे भविष्य के सफर में सहायक हैं।