फरीदाबाद(विनोद वैष्णव)। विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल, सेक्टर-२ में आयोजित अभिभावक सम्मेलन में बच्चों के विकास और शिक्षा पर चर्चा की गई। इस अवसर पर बात करते हुए स्कूल की डॉयरेक्टर सुनीता यादव ने मां की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा गया कि बच्चों की प्राथमिक व पहली गुरु मां होती है। इसलिए बच्चों की मदर्स को उनके कैरियर और विकास पर खास ध्यान देना चाहिए और समझना चाहिए कि बच्चा क्या चाहता है? उसकी किस विषय पर रूचि है? तभी वे बच्चों को सही मार्गदर्शन दे पाएंगी। इस अवसर पर श्रीमती यादव ने विद्यालय की वर्तमान सुविधाओं का जिक्र करते हुए कहा कि विद्यासागर वर्तमान में अंग्रेजी माध्यम से शिक्षण के साथ-साथ बच्चों एवं परिवार को अपनी संस्कृति से जोडऩे का कार्य कर रहा है। जिससे बच्चे अपनी संस्कृति, देशभक्ति, माता-पिता और गुरुओं का सम्मान करना सीखता है।प्रधानाचार्य ज्योति चौधरी ने कहा कि बच्चों के विकास के लिए माता-पिता का सहयोग आवश्यक है। उन्होंने मां की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि मां प्राथमिक गुरु के साथ बच्चे की देखभाल करती है। बच्चे के आहार से लेकर उसकी स्वच्छता का ध्यान भी मां ही रखती है। आहार, विचार से भी बच्चे का शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास होता है। वर्तमान में बाजार में मिलने वाले मैगी, चाउमिन, सोया आदि खाद्य पदार्थों को उन्होंने बच्चे के स्वास्थ्य के प्रति गलत बताया। कार्यक्रम के आयोजन पर बच्चों की मदर्स ने भी संतुष्टि प्रकट की।विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल ने किया मदर्स मीट का आयोजनफरीदाबाद। विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल, सेक्टर-२ में आयोजित अभिभावक सम्मेलन में बच्चों के विकास और शिक्षा पर चर्चा की गई। इस अवसर पर बात करते हुए स्कूल की डॉयरेक्टर सुनीता यादव ने मां की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा गया कि बच्चों की प्राथमिक व पहली गुरु मां होती है। इसलिए बच्चों की मदर्स को उनके कैरियर और विकास पर खास ध्यान देना चाहिए और समझना चाहिए कि बच्चा क्या चाहता है? उसकी किस विषय पर रूचि है? तभी वे बच्चों को सही मार्गदर्शन दे पाएंगी। इस अवसर पर श्रीमती यादव ने विद्यालय की वर्तमान सुविधाओं का जिक्र करते हुए कहा कि विद्यासागर वर्तमान में अंग्रेजी माध्यम से शिक्षण के साथ-साथ बच्चों एवं परिवार को अपनी संस्कृति से जोडऩे का कार्य कर रहा है। जिससे बच्चे अपनी संस्कृति, देशभक्ति, माता-पिता और गुरुओं का सम्मान करना सीखता है।प्रधानाचार्य ज्योति चौधरी ने कहा कि बच्चों के विकास के लिए माता-पिता का सहयोग आवश्यक है। उन्होंने मां की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि मां प्राथमिक गुरु के साथ बच्चे की देखभाल करती है। बच्चे के आहार से लेकर उसकी स्वच्छता का ध्यान भी मां ही रखती है। आहार, विचार से भी बच्चे का शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास होता है। वर्तमान में बाजार में मिलने वाले मैगी, चाउमिन, सोया आदि खाद्य पदार्थों को उन्होंने बच्चे के स्वास्थ्य के प्रति गलत बताया। कार्यक्रम के आयोजन पर बच्चों की मदर्स ने भी संतुष्टि प्रकट की।