लिंग्याज विद्यापीठ में ‘निर्णायक स्मार्ट और स्थायी शहर’ पर अतिथि व्याख्यान

Posted by: | Posted on: April 19, 2019

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव ) | लिंग्याज विद्यापीठ के स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर विभाग द्वारा नवोदित वास्तुकारों व इंजीनियरों के लिए व्यवहारिक प्रदर्शन और सहभागिता को अत्यधिक महत्व देने के उद्देश्य से शीर्ष उद्योग के प्रख्यात वक्ता प्रो. चित्रा चिदम्बरम, आर्किटेक्चर, शारदा विश्वविद्यालय, दिल्ली को अपने विचारों व अनुभवों को प्रकट करने के लिए लिंग्याज विद्यापीठ में आमंत्रित किया।मुख्य वक्ता ने ‘निर्णायक स्मार्ट और स्थायी शहर’ विषय पर अपने महत्वपूर्ण विचार प्रकट किये। बड़ी संख्या में स्नातक और स्नाकोत्तर छात्रों तथा विभिन्न संकाय सदस्यों ने इस महत्वपूर्ण लेक्चर में भाग लिया।इस अवसर पर कुलपति डॉ. डी.एन. राव, डीन आर्किटेक्चर स्कूल, प्रो. एसएन सहगल विभागाध्यक्ष, एआर कविता नागपाल, संकाय सदस्य और विभाग के छात्र भी शामिल थे। सत्र की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई।व्याख्यान के अध्यक्ष प्रो. चित्रा चिदम्बरम थे, जो वर्तमान में बैंगलोर में आर्किटेक हैं, जिन्होंने स्टटगार्ट विश्वविद्यालय से इंफास्ट्रक्चर प्लानिंग में विशेषज्ञता के साथ ही डीएसटी, एचयूडीसीओ, एफआईसीससीआई, यूएनडीपी आदि सहित कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय निकायों के साथ विभिन्न क्षमताओं में 30 वर्षों का समग्र पेशेवर अनुभव है। मुख्य प्रवक्ता प्रो. चित्रा चिदम्बरम नें इस व्याख्यान में स्मार्ट सीटी के मिशन पर ध्यान दिया तथा किस प्रकार स्मार्ट इंडिया इस दिशा में एक नया कदम होगा, पर बल दिया। प्रो. चिदम्बरम ने वर्तमान परिदृश्य को लागू करने पर ध्यान केंद्रित करने के साथ स्थायी व समावेशी शहरों के कोर इन्फ्रास्ट्राचेक्टर, नागरिकों को स्वच्छ व टीकाऊ वतावरण में स्मार्ट समाधान के अनुप्रयोग तथा प्रदूषण की जांच के लिए सिविल इंजीनियरस व अर्किटेक्स को सामाग्री के उपयोग में योगदान हेतु विभिन्न तत्वों पर प्रकाश डाला जिससे हम अपने देश को एक स्मार्ट और सस्टनेबेल सिटीज का दर्जा दे सकें।इस अवसर पर कुलपति डा. डीएन राव ने प्रवक्ता डा. चित्रा चिदंबरम का आभार व्यक्त किया। तथा शहरीकरण और आधुनिकीकरण पर अपने विचार प्रकट किया। उन्होंने महानगरीय शहरोपतन के विभिन्न कारको के बारे में भी बताया। साथ ही उन्होंने स्मार्ट शहरों के नामकरण, इमारतों के डिजाइन तथा सड़कों के डिजाइन इत्यादि द्वारा छात्रों को अवगत कराया।स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर के डीन प्रो. एस.एन. सहगल ने आर्किटेक्चर और सिविल इंजीनियारों के छात्रों के लिए किस प्रकार यह व्याख्या कि एक स्मार्ट सिटी संरचना तैयार करने में महत्वपूर्ण होगा, के बारे में बताया। साथ ही उन्होंने सिविल इंजीनियर व अर्किटेक्चर विषयों को निर्माण उद्योग के क्षेत्र में प्रभावशाली व सफल उपयोग बनाने पर भी प्रकाश डाला। अंत में विभाग के प्रमुख ए.आर. कविता नागपाल ने प्रतिष्ठित शिक्षाविदों व सभी संकाय सदस्यों का धन्यवाद दिया।





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