प्रगति मैदान में प्रारंभ हुए विश्व पुस्तक मेले स्टॉल का शुभारंभ हरियाणा  ग्रंथ अकादमी के डिप्टी चेयरमैन प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह चौहान ने किया। 

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Vinod Vaishnav | प्रोफ़ेसर चौहान ने आशा व्यक्त की है कि विश्व पुस्तक मेले में हरियागणा ग्रंथ अकादमी का स्टॉल हरियाणा के संदर्भ में रुचि रखने वाले पुस्तक प्रेमियों के लिए उपयोगी रूप से आकर्षण का केंद्र रहेगा। हरियाणा ग्रंथ अकादमी, हरियाणा के इतिहास, संस्कृति और साहित्य के विभिन्न पक्षों को ग्रंथों में गूंथने के लिए प्रतिबद्धता है।इसके  दृष्टिगत  उच्च कोटि की पुस्तकों के प्रकाशन की प्रकिया सतत रूप से जारी है। अकादमी के  प्रकाशन सस्ती दरों पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं ।   हरियाणा ग्रंथ अकादमी द्वारा अब तक 370 पुस्तकें प्रकाशित की जा चुकी हैं। इनमें हरियाणा की लोक संस्कृति, इतिहास और साहित्य से जुड़े ग्रंथों के अलावा विश्वविद्यालय स्तर के विद्यार्थियों के लिए भी उपयोगी मानक पुस्तकें  शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि हरियाणा के  मुख्यमंत्री और हरियाणा ग्रंथ अकादमी के अध्यक्ष श्री मनोहर लाल के मार्गदर्शन में अकादमी ने अपने सभी प्रकाशनों के डिजिटल संस्करण तैयार करने का निर्णय लिया है। भविष्य में प्रकाशित होने वाली सभी पुस्तकें प्रकाशन के साथ ही डिजिटल रूप में भी  उपलब्ध करवाई जाएंगी। हरियाणा ग्रंथ अकादमी ने विश्वविद्यालय स्तर पर विभिन्न विषयों की पढ़ाई हिंदी माध्यम से हो सके, यह सुनिश्चित करने के लिए इंजीनियरिंग डिप्लोमा की पुस्तकें हिंदी में तैयार कराने और उनका प्रकाशन करने का महत्वपूर्ण कार्य अपने हाथ में लिया है। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग डिप्लोमा की करीब एक दर्जन पुस्तकें अगले शैक्षणिक सत्र से पूर्व विद्यार्थियों और शिक्षकों को उपलब्ध हो सकेंगी।
हरियाणा ग्रंथ अकादमी के सदस्य और साहित्यकार डॉ वेद व्यथित ने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश में वर्तमान राज्य सरकार ने साहित्य समेत विभिन्न प्रकार के लेखन कार्य  को प्रोत्साहन देने के लिए अनुकूल माहौल उपलब्ध कराया है। हिंदी माध्यम से उच्च शिक्षा की दिशा में हरियाणा ग्रंथ अकादमी के माध्यम से की गई पहल को उन्होंने एक क्रांतिकारी कदम करार दिया और कहा कि इसके दूरगामी सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। हरियाणा ग्रंथ अकादमी के स्टॉल के शुभारंभ पर अवसर पर प्रसिद्ध कवि डॉ कुंवर बेचैन और हरीश नवल भी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर हरियाणा उर्दू अकादमी के निदेशक डॉ नरेंद्र उपमन्यु , सुलभ साहित्य अकादमी से  अशोक कुमार ज्योति , वेदप्रकाश विद्यार्थी , विद्या भारती के नरेंद्र दत्त, सरनाम सिंह तोमर और सुरजीत सिंह नेहरा भी उपस्थित थे।

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