फरीदाबाद (विनोद वैष्णव / दीपक शर्मा)| प्रभु का साक्षात श्रीविग्रह है श्रीमद्भागवत। ऐसा कहना था अनंत श्री विभूषित निंबार्काचार्य पीठाधीश्वर जगतगुरु श्री “श्री जी” महाराज का। श्री जी महाराज अपने श्री मुख से श्रीमद्भागवत रस वर्षण सप्ताह के समापन दिवस के दौरान भक्तों को संबोधित कर रहे थे। दशहरा मैदान सेक्टर 16 ए में अद्भुत धाम द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह के समापन दिवस पर दिला श्री जी महाराज ने श्रीमद्भागवत कथा का संक्षिप्त वर्ण, गोपियों का मद दूर करने के लिए भगवान का अदृश्य होना तथा गोपियों द्वारा विरह वंदन का मनमोहक व्याख्यान किया।
श्रीमद्भागवत कथा के समापन समारोह में श्री जी महाराज ने बताया कि यदि संपूर्ण श्रीमद्भागवत का श्रवण संभव न हो पाए तो मात्र गोपिगीत का पाठ करने से संपूर्ण श्रीमद्भागवत के श्रवण जितना फल प्राप्त होता है। अगर की वैर भाव से भी भगवान
को याद करता है तो वह भी प्रभु को प्राप्त कर लेता है ठीक उसी प्रकार जैसे शिशुपाल ने अनजाने में वैरभाव से भगवान को स्मरण किया उसे भी प्रभु प्राप्त हो गए।
इस मौके पर अजय गौड़ ने माल्यार्पण करके श्री जी महाराज का स्वागत किया। श्री जी महाराज ने श्रीमद्भागवत रस वर्षण सप्ताह के सकुशल आयोजन के लिए महन्त लक्ष्मीनारायण जी को मंगलकामनाएं दी तथा सुव्यव्यस्था के लिए पंडित मोहित शास्त्री को शुभाशीष प्रदान किया।
इस अवसर पर सैकड़ों महिलाओं समेत अपार जनसमूह एवं दूरदराज शहरों से आए जनप्रतिनिधि समेत महंत श्री लक्ष्मी नारायण जी महाराज, श्री राजेन्द्र देव जी महाराज, डॉ आचार्य संतोष दास जी, अनु शर्मा, लाल चंद शर्मा, रूपेश यादव, प्रदीप लवानियाँ, सतीश सिंघला, महेंद्र कुमार सिंघल, विकास राठी, वीरेंद्र सिंह,बसंता जी ,सोम दत्त शास्त्री, देवेंद्र,प्रमोद जी, राधेश्याम झंवर, आचार्य विवेक नौटियाल, संजय कक्कड़ जी, प्रिया शरण, आदित्य किशोर शरण, अनंत प्रिया शरण, अनंत किशोर शरण, सर्वेश्वर शरण, कृष्णा चरण गौतम, धर्मवीर शास्त्री जी, निकुंज बिहारी, राजीव शर्मा जी, सुभाष शर्मा, सुनील शर्मा, अशोक कुमार बृजवासी, गोपाल कौशिक जी, पंडित तपन पाराशर, चुन्नीलाल जी, बालकृष्ण मलिक, पंडित राधेश्याम शर्मा, पंडित मोहित शास्त्री, के.के. मित्तल जी एवं अनेक आचार्यगण मुख्य रूप से उपस्थित रहे।