टैगोर पब्लिक स्कूल का प्रांगण गुरू नानक देव जी के 550वीं गुरपरब के उपलक्ष में शब्द कीर्तन की मधुर ध्वनि से गुंजायमान हो उठा

Posted by: | Posted on: November 13, 2019

पलवल(विनोद वैष्णव ) | टैगोर पब्लिक स्कूल का प्रांगण गुरू नानक देव जी के 550वीं गुरपरब के उपलक्ष में शब्द कीर्तन की मधुर ध्वनि से गुंजायमान हो उठा। हर तरफ एक दिव्यता छाई हुई थी। समारोह का आरम्भ पंज प्यारों के नेतृत्त्व में नगर कीर्तन से हुआ। एस. छाबड़ा ने गुरू नानकदेव जी के अद्भुत् जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने जपजी साहिब के मूलमंत्र ‘इक ओंकार, सतनाम, करतापूरख’ का महत्त्व बताया और कहा कि ‘ईश्वर एक है, ईश्वर सत्य है, सर्वव्यापी है, निर्भय है, निरबैर और अमर है। गरू नानक जी का मानना था कि स्त्री माँ के रूप अपना सबकुछ बलिदान कर देने वाली सर्वोच्च शक्ति है।प्रशासिका नीलम गाँधी ने ‘Kirat Karo, Naam Japo, Vand Chakko’ के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि लंगर की पंरपरा स्वयं से पहले सेवा के भाव को प्रेरित करती है।छात्रों ने मुधर शबद गायन द्वारा उस सर्वशक्तिमान ईश्वर से सन्मार्ग पर चलने की प्रार्थना की। उत्सव का समापन वाहे गुरूजी दा खालसा, वाहे गुरूजी जी फतेह के पवित्र उच्चारण के साथ हुआ। सभी छात्रों में कडाह प्रसाद वितरित किया गया।विद्यालय की निदेशिका मनोरमा अरोड़ा ने इस पावन अवसर पर सभी छात्रों और अभिभावकों को बधाई एवं शुभकामनाएँ प्रषित कीं।लोगो बिजली -पानी की सुविधा दी गयी





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