रेनु भाटिया ने क्यूआरजी अस्पताल में प्रशिक्षणार्थी लडकियों को सम्बोधित किया

Posted by: | Posted on: December 2, 2019

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव )।महिला आयोग की सदस्य रेनु भाटिया ने कहा कि बेटा- बेटी में कोई फर्क नहीं है। समृध्द और सम्पन्न व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति बेटा और बेटी को बराबर का दर्जा देकर उन्हें समाजिक परिवेश के आदर्शों के साथ उनका पालन पोषण करते हैं । जो युवा लडकियों के प्रति गलत सोच और भावना से घिनौनी और शर्मनाक घटना को अंजाम देते हैं, उनमें कहीं न कहीं सामाजिक सरोकारों और आदर्शो की कमी होती है। रेनु भाटिया सोमवार को स्थानीय क्यूआरजी अस्पताल में प्रशिक्षणार्थी लडकियों को सम्बोधित कर रही थी। उन्होंने तेलंगाना में प्रियंका के साथ हुई घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसी दर्दनाक और शर्मसार घटनाए चंद लोगों की घटिया सोच के कारण देश को पूरे विश्व में कलंकित करती है। ऐसी शर्मसार घटनाओ को अन्जाम देने वाले लोगों में कही न कहीं सामाजिक आदर्शों और सिद्धांतिक मूल्यों की कमी रहती है। यदि मा -बाप बच्चों को सामाजिक सरोकारों और आदर्शो के प्रति बच्चों को जागरूक करें, तो निश्चित तौर पर ऐसी शर्मसार घटनाओ पर पूर्णतया काबू पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने प्रदेश में बारह वर्ष से कम आयु की लङकी के साथ रेप जैसी घिनौनी हरकत करने वाले को फांसी की सजा देने का प्रावधान किया हुआ है। उन्होंने आशा जताई कि केंद्र सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में इसे पूरे देश में लागू करके समाज में ऐसी घिनौनी और शर्मनाक घटनाओ को जङमूल से खत्म करने का प्रयास करेगी।
उन्होंने उपस्थित प्रशिक्षणाधीन लडकियो को संबोधित करते हुए कहा कि स्कूली शिक्षा के बाद कालेज और उच्च शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षारत विद्यार्थियों का संस्थान के अलावा स्वयं और परिवार के लिए भी दायित्व बढ जाता है, इसलिए हमें मजबूत इरादों और उच्च सोच के साथ सामाजिक जिम्मेदारी को निभाने का प्रयास करना चाहिए।अपने आप के साथ साथ अपने सहपाठियो और अन्य साथ रहने वाली लडकियो को मजबूती के साथ सुरक्षित रहने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने उपस्थित लडकियों को विभिन्न संस्थानों में इंटरनल कंप्लेंट कमेटी (आईसीसी ) और उस कमेटी की जिम्मेदारियों बारे विस्तार पूर्वक जानकारी दी।उन्होंने कहा कि समाज में महिला सुरक्षा की भावना को मजबूत करने के लिए धरातल पर पूरी निष्ठा और इमानदारी से कार्य करने की जरूरत है।महिलाओं को मानसिक रूप से प्रेरित करें।





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