टार्च बियरर्स कांवेंट स्कूल के बच्चों ने जागरूकता रैली निकालकर लोगों को किया जागरूक

Posted by: | Posted on: December 15, 2019

फरीदाबाद(विनोद वैष्णव )|भैंसरावली स्थित टॉर्च बियरर्स कॉन्वेंट स्कूल के छात्रों ने स्वच्छ भारत अभियान एवं प्लास्टिक के दुरूपयोग से लोगों को जागरूक करने के लिए एक जगरूकता रैली निकाली गई और कपड़े के थैले वितरित किए। रैली व नुक्कड नाटक के माध्यम से छात्रों ने स्वच्छता एवं प्लास्टिक का उपयोग न करने के प्रति लोगों को जागरूक किया। तिगांव से शुरू हुई इस रैली में करीब 200 छात्र छात्राओं और उनकी अध्यापकों ने हिस्सा लिया। रैली के दौरान सभी छात्र-छात्राओं ने प्लास्टिक का उपयोग न करने की और देश को स्वच्छ रखने की शपथ ली। इस दौरान छात्रों ने लोगों को साफ-सफाई एवं प्लास्टिक का उपयोग न करने के लिए अपने हाथों में स्वच्छता संदेश लिखी तख्तियां थामी हुई थी। इस दौरान छात्रों और छात्राओं ने कपडे के बैग वितरित किए। तिगांव के विधायक राजेश नागर के बडे भाई अमन नागर ने स्कूल प्रशासन की इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि टार्च बियरर्स स्कूल की यह पहल सराहनीय है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अन्य स्कूलों को भी आगे आना चाहिए और इस तरह की मुहिम में बढ़चढकर हिस्सा लेना चाहिए। स्थानीय लोगों ने छात्राओं के इस प्रयास की पूरी-पूरी प्रंशसा की विद्यालय और छात्रों की इस पहल के लिए स्कूल के डारेक्टर ओमदत्त कौशिक ने भी छात्रों को बधाई दी। ओमदत्त कौशिक ने लोगों स्वच्छता के प्रति प्रेरित करते हुए सिंगल यूज प्लास्टिक के गम्भीर खतरों से भी अवगत करवाया। उन्होंने लोगों से पालीथिन व सिंगल यूज प्लास्टिक का सम्पूर्ण बहिष्कार करने और जूट अथवा कपडे के थैलों का प्रयोग करने की अपील करते हुए कहा कि बाजार से सामान उठाकर लाने की सहूलियत देने वाली पॉलीथीन न केवल हमारे पर्यावरण के लिए बहुत हानिकारक है बल्कि जानलेवा भी है। यह जीवन के लिए जहर है। थोडी सी सहूलियत के लिए हम समूचे जीव जगत को खतरे में डाल रहे हैं। पॉलीथीन ऐसे रसायनों से बनाया जाता है, जो जमीन में सैंकड़ों वर्ष तक गाड देने से भी नष्ट नहीं होता। वहीं स्कूल की प्रिसिंपल अन्जुली कौशिक ने कहा की साफ-सफाई हर किसी के लिए आवश्यक है। हमें अपने आस-पास का वातावरण साफ रखने में योगदान देना चाहिए प्लास्टिक का उपयोग नही करना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा कपडे और कागज के बैगों का उपयोग करना चाहिए। बच्चों ने अपने इस प्रयास से समाज को स्वच्छता का संदेश देने के साथ ही नई दिशा देने की पहल की है।





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