हरियाणा के मशहूर पर्यटक स्थल

भारत का हर एक राज्य अपने साथ अमीट इतिहास समेटे हुए है, जिसमें उत्तर भारत का हरियाणा भी शामिल है। पौराणिक और ऐतिहासिक दृष्टि से हरियाणा काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। कौरवों और पांडवों के बीच महाभारत का ऐतिहासिक युद्ध इसी भूमि पर लड़ा गया था। जिसके बाद ऋषि कृष्ण द्वेपायन वेदव्यास जी ने महाभारत ग्रंथ की रचना की।

यह भूमि भारत के एक और ऐतिहासिक युद्ध ‘पानीपत की लड़ाई’ के लिए भी जाना जाता है। दिल्ली से नजदीक होने के कारण हरियाणा मुगल शासकों के प्रभाव क्षेत्र में भी रहा है। आज हमारी रिपोर्टर सुनैना सिंह के साथ जानिए उन ऐतिहासिक स्थलों के बारे में जो हरियाणा के गौरवाशाली इतिहास को बयां करते हैं।

1-असिगढ़ का किला

हरियाणा के हिसार में स्थित असिगढ़ का किला एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक विरासत है, जो अमटी सरोवर के पूर्वी छोर पर खड़ा है। इस किले को महान हिन्दू राजा पृथ्वीराज चौहान के किले के नाम से भी जाना जाता है। इस भव्य किले का निर्माण पृथ्वीराज चौहान ने मुगलों से रक्षा के लिए करवाया था। जिसके बाद is किले पर मुगलों का अधिकार हो गया। मुगलों ने यहां एक मस्जिद का निर्माण भी करवाया था।

वर्तमान में यह किला एक खंडहर में रूप में स्थित है, जिसे देखने के लिए सैलानियों का आवागमन लगा रहता है। अगर आप चाहें तो इस वीकेंड दिल्ली से यहां तक का प्लान बना सकते हैं।

2-गुजरी महल

हरियाणा के हिसार में एक और ऐतिहासिक स्थल मौजूद है जिसका नाम गुजरी महल है। इस महल का निर्माण 13 चौबन में फिरोजशाह तुगलक ने करवाया था। यह संरचना भी ताजमहल की तरह ही अमीट प्रेम की निशानी है। जो फिरोजशाह तुगलक और गुजरी की अमर प्रेम कथा को बयां करता है। यह महल फिरोजशाह तुगलक ने अपनी प्रेमिका गुजरी के लिए बनवाया था।

इस महल को बनने में दो साल का वक्त लगा। दरअसल गुजरी महल फिरोज शाह तुगलक के किले का एक हिस्सा है। जो कुछ महल जैसा ही है। इसके अलावा किले के अंदल दीवान-ए-आम और बारादरी भी मौजूद हैं।

3-सुखना झील

सुखना झील हरियाणा के राजधानी शहर चंडीगढ़ का प्रसिद्ध सरोवर है। जो हिमालय की तलहटी में बसा है। यह 3 किमी के क्षेत्र में फैली एक बरसाती झील है जिसका निर्माण सन् 1958 में करवाया गया था। इस झील का निर्माण शिवालिक की पहाड़ियों से आती एक मौसमी धारा को रोककर किया गया है, जो कभी-कभी भयावह स्थिति पैदा कर देती है।

झील की सहायता के लिए यहां 25.42 किमी की जमीन पर कृत्रिम जंगल का निर्माण भी करवाया गया है। अब यह झील अच्छा खासा पर्यटन स्थल बन चुकी है। जहां रोजाना सैलानियों का आना जाना लगा रहता है।किसी भी राज्य से यहां तक का प्लान आसानी से बनाया जा सकता है।

4-अग्रोहा धाम हिसार

अग्रोहा धाम एक खूबसूरत हिन्दू धार्मिक स्थल है जो हरियाणा के हिसार (अग्रोहा) में स्थित है। यह मंदिर अग्रसेन महाराजा और देवी महालक्ष्मी को समर्पित है। इस स्थल का निर्माण सन् 1976 में किया गया था, जो 1984 में पूरी तरह बनकर तैयार हुआ । इस मंदिर की संरचना और वास्तुकला किसी महल से कम नहीं। काफी खूबसूरत तरीके से इस पवित्र धाम को सजाया गया है।

इस मंदिर को तीन भागों में बांटा जा सकता है, जिसके केंद्र भाग में देवी महालक्ष्मी विराजमान हैं, पश्चिमी भाग में देवी सरस्वती और तीसरे पूर्वी भाग में महाराजा अग्रसेन का मंदिर स्थापित है। मंदिर के पास एक सरोवर भी स्थित है।

5-ब्रह्म सरोवर कुरुक्षेत्र

पवित्र ब्रह्म सरोवर हरियाणा के पौराणिक स्थल कुरुक्षेत्र में स्थित है। इस सरोवर का उल्लेख महाभारत और वामन पुराणों में किया गया है, जिसे ब्रह्ला जी से जोड़कर देखा जाता है। ब्रह्म सरोवर हिन्दुओं के पवित्र स्थलों में से एक है। सूर्यग्रहण के खास अवसर पर यहां लाखों लोगों को पवित्र स्नान करते देखा जा सकता है। लोकप्रियता को देखते हुए अब इस सरोवर को काफी खूबसूरत रूप दे दिया गया है। जहां साफ-सफाई का खास ध्यान रखा जाता है। यहां का सूर्योदय और सूर्यास्त देखने लायक होता है। इस वीकेंड आप यहां का प्लान बना सकते हैं।

6-किंगडम ऑफ ड्रीम्स
किंगडम ऑफ ड्रीम्स, ग्रेट इंडिया नौटंकी कंपनी जो कि विज़क्राफ्ट इंटरनेशनल एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड और अपरा ग्रुप ऑफ कम्पनीज़ का एक संयुक्त उद्यम है इसके द्वारा स्थापित और संचालित एक गीत-नाट्य रंगमंच (ओपेरा थियेटर) है। किंगडम ऑफ ड्रीम्स का उद्घाटन हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने
29जनवरी 2010 को किया था।ग्रेट इंडिया नौटंकी कंपनी की स्थापना भारत में मनोरंजन के परिदृश्य में उपस्थित खालीपन को भरने के साथ ही इसके द्वारा दुनिया भर में भारतीय संस्कृति और कला को बढ़ावा देने के लिए और भारतीयों को विश्व स्तर का उत्कृष्ट मनोरंजन प्रदान करने के लिए की गयी है। किंगडम ऑफ ड्रीम्स, भारत के राज्य हरियाणा के शहर गुड़गांव के सेक्टर 29 में स्थित है।

7-शेख चेहली का मकबरा

पवित्र गीता की जन्मस्थली कुरुक्षेत्र सिर्फ महाभारत, शक्तिपीठ और दूसरे हिंदू धर्मस्थलों के लिए ही नहीं, शेख चेहली के मकबरे के लिए भी प्रसिद्ध है। देश के प्रमुख राष्ट्रीय स्मारकों में शुमार इस मकबरे को हरियाणा का ताजमहल भी कहा जाता है। राजधानी दिल्ली से अमृतसर के बीच इसके अलावा कोई भी ऐसा स्मारक नहीं है, जिसमें शाहजहां के समकालीन संगमरमर का प्रयोग किया गया हो। प्रसिद्ध सूफी संत शेख चेहली की याद में दाराशिकोह ने लगभग 1650 ई. में इसे बनवाया था। यह मकबरा दाराशिकोह के पठन-पाठन और आध्यात्मिक ज्ञान का भौतिक प्रतीक था। मकबरे की स्थापत्य कला बेजोड़ है, जो हर्ष के टीले के नाम से विख्यात प्राचीन टीले के पूर्वी किनारे पर स्थित है।







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