फरीदाबाद (विनोद वैष्णव )| “The Curse of Manhood “बरखा त्रेहन द्वारा बनाया व निर्देशित किया गया एक दस्तावेजी चलचित्र है। यह महिलाओं द्वारा झूठे मामलों में फंसाए गए भारतीय पुरुषों की अनसुनी चीत्कार है। इन महिलाओं ने बलात्कार, यौंन शोषण, तलाक, घरेलू हिंसा जैसे उनकी सुरक्षा के लिए बनाए गए कानूनों का दुरुपयोग किया। यह घोर अन्याय भारतीय पुरुषों व उनके परिवारजनों पर लगातार हो रहा है लेकिन फिल्म उद्योग या मुख्यधारा की पत्रकारिता इसपर समुचित ध्यान नहीं देती। इसलिए फिल्म निर्मात्री ने स्वयं इन प्रताड़ित पुरुषों व उनके परिवारों की दुर्दशा दिखाने का निर्णय लिया। यह चलचित्र महिलाओं द्वारा कानूनी प्रावधानों का दुरुपयोग करने के पीड़ितों का चित्रण है। यह झूठे आरोप की बुराई को विशेषज्ञों और कार्यकर्ताओं द्वारा विश्लेषण करके विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करता है और समाधान के सुझाव देता है। यह व्यापक रूप से माना और कहा जाता है कि केवल महिलाएं ही पुरुषों द्वारा प्रताड़ित की जाती हैं। यह सत्य से परे है। पुरुष भी बुरी महिलाओं द्वारा बहुत सताए जाते हैं। यह चलचित्र ऐसे पुरुषों की भयानक कहानियां बताने का प्रयास है जिन्हें ऐसी महिलाओं ने प्रताड़ित किया जो अपनी सुरक्षा के लिए बने कानूनों का इन पुरुषों को धमकाने, प्रताड़ित करने व ब्लैकमेल करके धन हड़पने के लिए दुरुपयोग कर रही थीं.
प्रस्तुति
पायल रोहतगी, करण ओबरॉय -कलाकार
सुरेश चवान्के -प्रधान संपादक, सुदर्शन न्यूज
विक्रम सिंह- भूतपूर्व पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश
मनीष गुप्ता-फिल्म लेखक व निर्देशक
विवेक नारायण शर्मा-वरिष्ठ अधिवक्ता, सर्वोच्च न्यायालय
और सरबजीत सिंह जिन्होंने जसलीन कौर छेड़छाड़ मामले को सफलतापूर्वक लड़ाऔर जीता