आदर्श महिला महाविद्यालय में छात्राओं के शिक्षा के साथ-साथ मानसिक विकास एवं उनके मन की बात को सांझा कर समझने के लिए अभिभावक-शिक्षक मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया

भिवानी, ( विनोद वैष्णव )। आदर्श महिला महाविद्यालय में छात्राओं के शिक्षा के साथ-साथ मानसिक विकास एवं उनके मन की बात को सांझा कर समझने के लिए अभिभावक-शिक्षक मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में छात्राओं की कमियों, खुबियों सहित दिनचर्या के दौरान सामना करने वाली चुनौतियों पर खुल-कर बात की गई। बैठक के दौरान अभिभावकों द्वारा अपने बच्चों एवं शिक्षकों के व्यवहार पर भी खुब विचार-विमर्श किया गया। कार्यक्रम में सबसे खास बात जो देखने को मिली वो ये है कि इस बार शिक्षक बच्चों की पढ़ाई के साथ उनके व्यक्तिव एवं व्यवहार के बारे में भी बात करते दिखाई दिए। अभिभावकों को इस बात भी चिंता सता रही थी कि जिन बच्चों को वह शिक्षा दे रहे हैं वह अपने साथियों के साथ कैसा आचरण करते हैं। इसके साथ ही वह घर पर किसी तरह का आचरण करते हैं उसकी भी जानकारी शिक्षकों ने हासिल की। अभिभावकों के संज्ञान पर इसके अलावा छात्राओं के लिए अलग-अलग काउंसलिंग के सत्र आयोजित किए गए जिसमें उनके किशोरावस्था में होने वाले शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक परिवर्तन को विस्तार से समझाया गया, साथ ही इन परिवर्तनों के साथ समाज में बेहतर तालमेल बनाने के प्रभावी तरीके पर चर्चा की गई। ऐसी अवस्था में सामाजिक चुनौतियों से निपटने के उपायों पर भी चर्चा की गई। इस दौरान उन्हें इंटरनेट के सही प्रयोग की समुचित जानकारी दी गई। छात्राओं को समाज में अपनी जिम्मेदारियों का अच्छे से निष्पादन करना और साथ ही समाज में महिलाओं के लिए विशेष सम्मान देने की बात कही गई। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय बॉस्केट-बॉल खिलाड़ी रिया के पिता ने कॉलेज के अनुशासन व शिष्टाचार की सराहना की। कुछ अभिभावक जो पूर्व में इस महाविद्यालय के विद्यार्थी थे, आज अपनी बेटी को इसी महाविद्यालय में भेजकर गौरवान्वित थे। इन कार्यक्रम से वह अपने बच्चों की मानसिक स्थिती से न केवल रू-ब-रू होते हैं बल्कि बल्कि के उनके विकास में भी सहायक होते हैं। महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. माया यादव ने कार्यक्रम के दौरान अभिभावकों को बताया कि समय का प्रबन्ध नितान्त आवश्यक है। ताकि हम अपने बच्चे को पढ़ाकर आत्मनिर्भर बना सकें। उन्होंने यह भी समझाया कि सकारात्मक विचारधारा विद्यार्थी के उज्जवल भविष्य की नींव रखती है। इसी कड़ी में उन्होंने उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि अच्छे विचार व अच्छी सोच पानी की तरह होते है यदि उसमें गन्दगी मिलाएंगे तो वह नाले का रूप धारण कर लेगा और यदि उसमें अच्छी सोच व अच्छी विचारधारा का संचार करेंगे तो यही पानी गंगाजल का रूप धारण कर लेगा। अभिभावकों से अनुरोध करते हुए प्राचार्या ने कहा कि आज हम सभी प्राध्यापकगण महाविद्यालय की प्रबन्धकारिणी समिति की अध्यक्षा दर्शना गुप्ता एवं महासचिव अशोक बुवानीवाला के साथ मिलकर विद्यार्थियों के भविष्य को उज्जवल बनाने का प्रयास कर रहें है। कार्यक्रम की अध्यक्षा रीना तनेजा ने अभिभावकों से अनुरोध किया कि आज की बेटियों को केवल घर की चारदिवारी तक सिमित न रहने दें अपितु समय-समय पर उसकी प्रतिभा का अवलोकन कर उसे भागीदारी के लिए प्रेरित करें। आज खेल जगत, सांस्कृतिक जगह हर क्षेत्र में लड़कियां अपना लोहा मनवा चुकी है। इस अवसर पर अभिभावकों द्वारा रखी गई समस्याओं का बड़े ही सूझ-बूझ ढंग के साथ प्राध्यापिकाओं द्वारा निवारण किया गया। कार्यक्रम में महाविद्यालय की डॉ. रजनी राघव, डॉ. मनजीत मान, नीरू चावला, निशा, रिंकू सहित समस्त प्राध्यपिकाएं उपस्थित थी।

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