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फरीदाबाद में ब्लैक फंगस ने दी दस्तक, एसएसबी अस्पताल ने किया सफल आप्रेशन
68 वर्षीय महिला को दिया नया जीवन, डा. एस.एस. बंसल ने की डाक्टरों की टीम की हौंसला अफजाई
फरीदाबाद। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे फरीदाबाद में भी ब्लैक फंगस ने दस्तक दे दी है। हालांकि यहां पीडि़त 68 वर्षीय महिला का एसएसबी अस्पताल के डाक्टरों ने सफल आप्रेशन करके नई जिंदगी दी है। एसएसबी अस्पताल के वरिष्ठ ईएनटी स्पेशिलिस्ट डॉ प्रशांत भारद्वाज ने बताया महिला 11 मई को फरीदाबाद के एसएसबी अस्पताल में ईएनटी ओपीडी में आई थी, महिला मरीज पिछले 2 दिनों से चेहरे के दाहिने हिस्से में सूजन, सुन्नता और दर्द से परेशान थी। उसकी नाक से खून का स्राव भी हो रहा था और दाहिनी आंख की रोशनी भी कम हो रही थी। महिला की 26 अप्रैल, 2021 को आरटी-पीसीआर की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी थी और वह 15 दिनों से घर पर स्टेरॉयड की हाई डोज ले रही थी। डा. भारद्वाज ने बताया कि महिला की जांच करने पर नाक के दोनों हिस्से मे काले रंग के बहुत सारे काली फंगल के टिस्सूस थे, बाएं नथुने की तुलना में दाहिनी नथुने में ज़्यादा टिस्सूस थे। महिला के चेहरे पर सुन्नपन भी मौजूद था और उनका ब्लड शुगर भी बढ़ा हुआ था। उसकी एमआरआई, पीएनएस और ओरबिट रिपोर्ट ब्लैक फंगल संक्रमण का संकेत दे रही थी। उनकी आंखों की जांच भी की गयी जिसमें दाहिनी आंख की दृष्टि लगभग खत्म हो गई थी। डा. प्रशांत भारद्वाज ने बताया कि ब्लैक फंगस संक्रमण को म्यूकरमायकोसिस कहते हैं। म्यूकरमायकोसिस एक बेहद दुर्लभ संक्रमण है, यह इन्फेक्शन मरीज़ की नाक में दाहिने तरफ मालिरी साईनस व इंफ्राटेम्परोल फोस्सा तक फैल चुका था। ब्लैक फंगस कोविड-19 संक्रमण और उसमे दी जानी वाली स्टेरॉइड्स की वजह से होता है। उन्होंने बताया कि सभी जांचों और फिटनेस क्लेरेन्स के बाद उन्हें 14 मई को सर्जरी के लिए ले जाया गया। सर्जरी के दौरान नाक की दोनों गुहाओं से ब्लैक फंगस और निकरोटिक डैड टिस्ससू को हटा दिया गया था। ज्यादा नुक्सान की वजह से दाहिने मैक्सिलरी साइनस की हड्डी को हटा दिया गया था। ऑपरेशन के बाद मरीज़ की सेहत की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है और वह पिछले 3 दिनों से एंटीफंगल दवाइयां (एम्फोटेरिसिन बी) पर है जो सर्जरी से काफी पहले शुरू किया गया था। मरीज़ की हालत अब स्थिर है। एसएसबी अस्पताल के निदेशक एवं वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डा. एस.एस. बंसल ने ब्लैक फंगल के सफल आप्रेशन पर अस्पताल के डाक्टरों व नर्सिंग स्टाफ को बधाई देते हुए उनकी हौंसला अफजाई की। डा. बंसल ने कहा कि उनका प्रयास है कि कोरोना महामारी के इस दौर में लोगों को बेहतर चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करवाकर उनके जीवन को बचाया जाए और इसी उद्देश्य को लेकर वह इस दिशा में कार्य कर रहे है। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही क्रिटिकल मामला था, जिसे डाक्टरों की टीम ने सूझबूझ से समझा और महिला को नया जीवन दिया।
वहीं एसएसबी अस्पताल के वरिष्ठ ईएनटी स्पेशिलिस्ट डॉ प्रशांत भारद्वाज ने बताया की म्यूकरमायकोसिस एक दुर्लभ संक्रमण है जो आमतौर पर मिट्टी, पौधों, सड़े हुए फल एवं सब्जय़िों में पाया जाता है। ये फंगस दिमाग़, फेफड़ों को प्रभावित करती है तथा डायबिटीज़ के मरीज़ों या उन मरीज़ों को प्रभावित करती है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। भारत दुनिया का ऐसा सबसे बढ़ा देश है, जहां कोविड के बाद मरीज़ ब्लैक फंगल जैसे बीमारी का शिकार हो रहे हैं । यह फंगल संक्रमण आमतौर पर मधुमेह, स्टेरॉयड पर निर्भर, अनियंत्रित शुगर और इम्यूनोकम्प्रोमाइज्ड रोगियों में देखा जा रहा है। सभी मरीज़ जो कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके है और खासकर उन्हें जिन्हे मधुमेह हो और उपचार के दौरान स्टेरॉयड दिए गए हो उन्हें ईएनटी स्पेशलिस्ट को जरूर दिखाना चाहिए!
पूर्व चेयरपर्सन हरियाणा सरकार डॉअनीता शर्मा को जे.जे.पी हरियाणा प्रदेश सचिव नियुक्त किया गया
पूर्व चेयरपर्सन हरियाणा सरकार डॉअनीता शर्मा को जे.जे.पी हरियाणा प्रदेश सचिव नियुक्त किया गया
फरीदाबाद :जननायक जनता पार्टी, डॉ अनीता शर्मा को हरियाणा प्रदेश की सचिव नियुक्त किया है। डॉ. अनीता शर्मा पूर्व में हरियाणा सरकार में चेयरपर्सन रही हैं। आपको बता दे कि डॉ अनीता शर्मा जी ने” हरी चुनरी चौपाल” के तहत मैडम नयना चौटाला जी (विधायिका) के नेतृत्व में ग्रामीण व अन्य महिलाओं के उत्थान के लिए अपना निरंतर सहयोग व सेवाएं देती आ रही हैऔर भविष्य में भी महिलाओं को हर तरह से जागृत व सशक्त करने का बीड़ा उठा रखा है, हर कदम पर वह सार्थक प्रयास कर रही है और अपना सम्पूर्ण योगदान संगठन को नई बुलंदियों तक ले जाने के लिए सदैव तत्पर है । डॉ. अनीता शर्मा जी ने अपनी नियुक्ति पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अजय सिंह चौटाला,विधायक नैना चौटाला , हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला,हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष सरदार निशान सिंह व अन्य शीर्ष नेतृत्व का हृदय से आभार व्यक्त किया पार्टी के नेतृत्व ने जो भरोसा करते हुए मुझे जिम्मेदारी दी हैं। मैं उसकी तन्मयता से पालना करूंगी और पूर्णतःखरा उतरते हुए पार्टी की नीतियों को जन जन तक पहुंचाने का काम करूंगी
रेडिसन होटल फरीदाबाद में अभी तक #Radissoncaresके तहत एक और पहल ने हाल ही में COVID -19 से प्रभावित लोगों के लिए निशुल्क भोजन थालियों को वितरित करने का नेक कार्य शुरू किया है
फरीदाबाद (विनोद वैष्णव ) | कोरोना माहवारी से एक साथ संकट से लड़ने के लिए #Radissoncares, रेडिसन होटल फरीदाबाद में अभी तक #Radissoncaresके तहत एक और पहल ने हाल ही में COVID -19 से प्रभावित लोगों के लिए मानार्थ भोजन थालियों को वितरित करने का नेक कार्य शुरू किया है। इस सरलता के तहत, होटल अधिक से अधिक जरूरतमंद लोगों तक पहुंच सके।
रैडिसन ब्लू फरीदाबाद एंड क्लस्टर जीएम, दिल्ली-एनसीआर, रेडिसन होटल ग्रुप के महाप्रबंधक हरप्रीत वोहरा ने अपने विचारों को साझा करते हुए कहा, “इन अभूतपूर्व समय में, करुणा और दयालुता की चिंगारी हमेशा प्रज्वलित रहें। हम COVID -19 से प्रभावित परिवारों की मदद करने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि हमारे लिए हर जीवन मायने रखता है। होटल स्वच्छता और स्वच्छता के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित कर रहा है और एसजीएस, दुनिया की अग्रणी निरीक्षण और प्रमाणन कंपनी के अनुपालन में है।
यह होटल फरीदाबाद शहर में जरूरत से ज्यादा 3000 लोगों तक पहुंच चुका है। रैडिसन ब्लू फरीदाबाद का यह निस्वार्थ कार्य टीम द्वारा एक बड़ी पहल है और होटल इस उद्देश्य के लिए प्रतिबद्ध है और समाज की सेवा करना जारी रखेगा।
वार्ड नं 1 के निवासियों को स्वस्थ रखना ही हमारी जिम्मेदारी उसी के तहत ही सैकड़ो निवासियों को कोविड का टीका लगवाने का कार्य किया :-मुकेश डागर पार्षद प्रतिनिधि
वार्ड – 1 राजीव कालोनी स्थित UPHC(डिस्पैंसरी) में 18 वर्ष से 44 वर्ष तक के आयु वर्ग कि कोविशील्ड के 80 इंजैक्शन लगाए गए जबकि 45 वर्ष से ऊपर के आयु वर्ग कि कोविशील्ड के 90 इंजैक्शन लगाए हैं ||
कोरोना के टीके के काला बाजारी को रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा डोज लगवाने के लिए रजिस्ट्रेशन ( 18 वर्ष से 44 ) अनिवार्य कर दिया गया है ||
समस्त वार्ड वासियों से अनुरोध है कि पहले रजिस्ट्रेशन करवाऐं ( 18 वर्ष से 44 ) उसके बाद आपको टीके के लिए आपके नम्बर पर मैसेज प्राप्त जिसके बाद आप टीका लगवा सकते हैं ||
आपको ज्ञात हो केंद्रीय मंत्री व सांसद फरीदाबाद श्री कृष्ण पाल गुर्जर जी व कैबिनेट मंत्री व विधायक बल्लभगढ़ पंडित मूलचंद शर्मा जी के आशीर्वाद से व भाजपा नेता भाई मुकेश डागर जी के अथक प्रयासों से इस डिस्पेंसरी का उद्घाटन व इस डिस्पेंसरी को वार्ड वासियों की शुरुआत अभी कुछ समय पहले ही पंडित मूलचंद शर्मा जी की अध्यक्षता में करी गई थी ||
इस डिस्पेंसरी के राजीव कालोनी में खुलने से आसपास के हजारो लोगों को फायदा मिल रहा है और इस महामारी के दौरान कहीं बाहर जाना नहीं पड़ रहा है और ना ही कहीं लंबी-लंबी लाइनों की कतारों में खड़ा होना पड़ रहाँ है ।
यह डिस्पेंसरी इस महामारी में वार्ड न.1 व राजीव कॉलोनी के लोगों को एक नया जीवनदान दे रही है।
कोविड19 से ठीक होने के बाद हृदय जांच जरूरी:- – डॉ नीरज जैन, मेडिकल डारेक्टर एवं डायरेक्टर – हृदय रोग विशेषज्ञ मैट्रो अस्पताल फरीदाबाद
- कोविड19 मुख्यतः एक स्वास की बीमारी के रूप में शुरू हुई
- लॉन्ग कोविड विश्व भर के डॉक्टरों एवं वैज्ञानिकों के परेशानी का कारण बना हुआ है।
- कोविड19 से संक्रमित मरीज जो कि हृदय रोग से भी ग्रस्त है उनके अस्पताल में भर्ती होने की संभावना सामान्य मरीज की तुलना में 6 गुना बढ़ जाती है एवं उनमें मृत्यु दर 12 गुना बढ़ जाती है।
कोविड19 मुख्यतः एक स्वास की बीमारी के रूप में शुरू हुई परंतु समय के साथ-साथ अब ये लगने लगा है कि ये मल्टी ऑर्गन सिस्टम की बीमारी है। कोविड19 मुख्यतः हमारे फेफड़ों को निशाना बनाती है परंतु लॉन्ग कोविड विश्व भर के डॉक्टरों एवं वैज्ञानिकों के परेशानी का कारण बना हुआ है।
हमें आज ये मालूम है कि कोरोना वायरस किसी भी आदमी के छीकने एवं खाँसने से हवा में फैलता है परंतु इसे सिर्फ फेफड़ों की बीमारी नहीं माना जा सकता।
डॉ नीरज जैन, मेडिकल डायरेक्टर एवं डायरेक्टर – हृदय रोग विशेषज्ञ मैट्रो अस्पताल फरीदाबाद ने बताया कि “कोविड19 से हृदय की नाड़ियों में थक्का बनने की संभावना बढ़ जाती है जिससे हार्ट अटैक का खतरा है। आज कल इसके कारण कम उम्र के लोगों में भी हार्ट अटैक की समस्या देखने मे आ रही है। कोविड19 के मरीज़ो में हृदय की मांसपेशियों के कमजोर होने के कारण हार्ट फेलियर की समस्या देखने मे काफी आ रही है।
ये वायरस हमारे शरीर के सभी कोशिकाओं को प्रभावित कर सकता है जिसमे फेफड़े, हृदय, मस्तिष्क, आँत और रक्त कोशिकाएं शामिल हैं। इसीलिए बचाव में ही इसका ईलाज है । कोरोना वायरस के भारत मे आने के बाद चिकित्सा विशेषज्ञों को अब ये जानकारी है कि उच्च रक्तचाप, मधुमेह, मोटापा एवं हृदय व अन्य रोगों से ग्रस्त मरीजों में कोरोना वायरस किस प्रकार से नुकसान पहुँचता है। परन्तु प्रमुख एवं जरूरी सलाह यही है कि हमें कोरोना वायरस को गंभीरता से लेना होगा और कोरोना वायरस हमसे दूर रहे इसके लिए प्रयत्न करने होंगे। हृदय रोगों के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना एवं लक्षण आने पर नजदीक के अस्पताल में सलाह लेना।“
डॉ नीरज जैन ने बताया “ऐसा नहीं लगता कि हृदय रोगियों को कोरोना संक्रमण होने की संभावना ज्यादा होती है, परंतु इन रोगियों में कोरोना वायरस का ईलाज़ मुश्किले पैदा कर सकता है। सेंटर फॉर डिसीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन, न्यूयॉर्क के आंकड़ों के अनुसार कोविड19 से संक्रमित मरीज जो कि हृदय रोग से भी ग्रस्त है उनके अस्पताल में भर्ती होने की संभावना सामान्य मरीज की तुलना में 6 गुना बढ़ जाती है एवं उनमें मृत्यु दर 12 गुना बढ़ जाती है।“
“यह पाया गया है कि कुछ मरीज जो कि कोविड 19 से ग्रस्त थे उन्होंने कुछ समय के बाद हृदय, मस्तिष्क एवं किडनी के रोगों के लक्षणों को महसूस किए।“
“अब हम कोविड19 से ठीक हुए मरीज़ो को ये सलाह दे रहे है कि उन्हें हृदय रोगों के लक्षणों का ध्यान रखना है । अब यह सबूत मिल रहे है कि कोविड19 का हमारे शारीर पर लम्बे समय तक नुकसान दायक प्रभाव बना रहता है ।“
“यह सलाह दी जाती है कि कोविड 19 से ठीक होने के बाद मरीज हृदय की सेहत का पता लगाने के लिए किसी भी अस्पताल में जांच कराएं।
कोविड के मरीजों को कोविड से ठीक होने के बाद निम्नलिखित लक्षणों पर नज़र रखने की सलाह दी जाती है
छाती में किसी तरह का परेशानी महसूस होना। हाथों एवं बाजुओं में दर्द एवं दबाव महसूस करना। अधिक पसीना आना । अधिक थकान होना। सांस फूलना ।
इन लक्षणों के महसूस होने पर मरीज को अपने हृदय रोग विशेषज्ञ से तुरंत सलाह ले कर हृदय की जाँच करवाने की सलाह दी जाती है।“
सतयुग दर्शन विद्यालय में सम्पन्न हुई अन्तर्विद्यालीय विज्ञान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता
दिनांक:08-05-2021को शाम 4:00-5:30 बजे सतयुग दर्शन विद्यालय की तरफ़ से एक वर्चुअल अन्तर्विद्यालीय विज्ञान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
इस प्रतियोगिता में फरीदाबाद के सतयुग दर्शन विद्यालय के अतिरिक्त अन्य चार प्रसिद्ध विद्यालयों- सैफरॉन पब्लिक स्कूल, महादेव देसाई पब्लिक स्कूल, रावल इंटरनेशनल स्कूल व सेंट मेरी कॉन्वेंट स्कूल आदि के प्रतिभागियों ने भाग लिया। सतयुग दर्शन विद्यालय ने मेजबानी के साथ-साथ प्रतियोगिता में भाग भी लिया।
इस प्रतियोगिता का आद्यान्त वर्चुअल आयोजन सतयुग दर्शन विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री नीरज मोहन पूरी जी के मार्गदर्शन में किया गया।
इस प्रतियोगिता में प्रत्येक विद्यालय की टीम के सामने पाँच राउंड रखे गए। प्रत्येक राउंड में दस प्रश्न रखे गए। जैसा कि पहले ही बताया गया है कि यह प्रतियोगिता विज्ञान से संबंधित प्रश्नों से परिपूर्ण थी।
सभी प्रश्न रोचक, ज्ञानवर्धक व वर्तमान, भूत एवं भविष्य के परिपेक्ष्य से संदर्भित थे। सभी प्रतिभागियों ने दमख़म के साथ अपनी बौद्धिक क्षमता का परिचय देते हुए प्रश्नों के उत्तर दिए।
इस प्रतियोगिता को सम्पन्न करने के लिए टीम S D V के युवा एवं ऊर्जावान श्रीमती गीतांजलि चक्रवर्ती, श्रीमती रचना, मिस्टर सौरभ, मिस्टर अवधेश आदि सदस्यों ने कड़ी मेहनत की।
इस वर्चुअल प्रतियोगिता के समापन पर सतयुग दर्शन विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री नीरज मोहन पुरी जी ने अपने सम्बोधन में सभी विजेता प्रतिभागियों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी तथा छात्रों का मार्गदर्शन करते हुए व उन्हें प्रेरित करते हुए बताया कि वर्तमान समय के छात्र भविष्य में ज्ञान-विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किन-किन तरीकों से कर सकते हैं।
सच में यह प्रतियोगिता अपने आप में एक अभूतपूर्व प्रयोग थी।
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27 वर्षीय कोरोनाग्रस्त युवक को हार्ट अटैक आने पर समय पर इलाज देकर बचाई
। चिकित्सा क्षेत्र में अग्रणीय मेट्रो अस्पताल फरीदाबाद के डाक्टरों ने कोरोना काल में अपने दायित्व का बखूबी निर्वहन कर रहे है। इसी कड़ी में अस्पताल के डाक्टरों ने 27 वर्षीय कोरोनाग्रस्त युवक को हार्ट अटैक आने पर समय पर इलाज देकर उसकी जान बचाने का कार्य किया। यह केस डाक्टरों के लिए इसलिए जटिल था क्योंकि मरीज कोरोना पॉजिटिव था, लिहाजा डाक्टरों की टीम ने पूरी सुरक्षा बरतते हुए इस सर्जरी को अंजाम दिया। दरअसल गांव अलावलपुर पलवल निवासी 27 वर्षीय युवक रोहताश छाती में दर्द के कारण मेट्रो अस्पताल में दाखिल हुआ। अस्पताल में दाखिल होने के पश्चात शुरूआज जांच में पता चला कि उसे हार्ट अटैक हुआ है। कोरोना महामारी के चलते युवक का कोरोना टेस्ट भी करवाया गया, जो कि पॉजिटिव आया। मरीज की गंभीर हालत को देखते हुए मेट्रो अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर एवं डायरेक्टर कार्डियोलॉजी डा. नीरज जैन, असिस्टेंट डा. अजय बेलिया एवं उनकी टीम द्वारा इस मरीज का समय रहते इलाज देने का जिम्मा उठाते हुए बिना वक्त गंवाए इस मरीज को कैथ लैब में शिफ्ट किया गया क्योंकि यह मरीज कोरोना पॉजिटिव भी था तो इसको लेकर डा. नीरज जैन एवं उनकी टीम द्वारा काफी सावधानी बरतते हुए युवक की एंजियोग्राफी की गई, जिससे पता चला कि मरीज की एक मुख्य धमनी लगभग 80-85 प्रतिशत बंद है, जिसमें बहुत बड़ी रूकावट (ब्लाक)थी। यह रूकावट ऐसे स्थान पर थी, जहां से मुख्य धमनी के साथ-साथ 3 और छोटी धमनियां (नसें) जुड़ी होती है। डा. नीरज जैन एवं उनकी टीम द्वारा तुरंत बिना देरी किए इस मरीज को स्टेंट डालकर एंजियोप्लास्टी करने का फैसला लिया और पूरी सतर्कता एवं सावधानी बरतते हुए समय रहते इस मरीज को स्टेंट लगाकर इसकी जान बचाई गई क्योंकि यह युवक कोरोना संक्रमित होने के साथ-साथ हार्ट अटैक की बीमारी से भी ग्रस्त था इसलिए इस मरीज की ऐजियोप्लास्टी करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था, जिसको अंजाम देने के लिए अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डा. नीरज जैन एवं उनकी टीम द्वारा इस चुनौती को स्वीकार करते हुए सफलतापूर्वक एंजियोप्लास्टी की गई। अब मरीज की हालत संतोषजनक है। सफल सर्जरी करने के उपरांत मेट्रो अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर एवं डायरेक्टर कार्डियोलॉजी डा. नीरज जैन ने कहा कि यह एक चुनौतीपूर्ण केस था, जिसे सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया और आगे भी अस्पताल के डाक्टरों की टीम लोगों को बेहतर इलाज देने के लिए सदैव कृतसंकल्पित रहेगी।
प्रजनन संरक्षण के पीछे विचार हैं कि जिन अंडों को हमने 20 वर्ष की उम्र में संरक्षण किया है (क्यों कि उस समय अंडों की गुणवत्ता सर्वश्रेष्ठ होती है उन्हें हम 30-40 वर्ष की उम्र में स्त्री को गर्भधारण के लिए उपयोग कर सकते हैं) :-डॉ स्वेता गुप्ता
खुशियों की कोई सीमा नहीं है:- एक बेहतर कल के लिए ,गर्भधारण की संभावना को बढ़ावा देने के लिए : ivf
प्रजनन संरक्षण:- अंडो का संरक्षण
प्रजनन संरक्षण के पीछे विचार हैं कि जिन अंडों को हमने 20 वर्ष की उम्र में संरक्षण किया है (क्यों कि उस समय अंडों की गुणवत्ता सर्वश्रेष्ठ होती है उन्हें हम 30-40 वर्ष की उम्र में स्त्री को गर्भधारण के लिए उपयोग कर सकते हैं) :-डॉ स्वेता गुप्ता
आई.वि.अफ (इनविट्रोफर्टिलाइजेशन) गर्भधारण की एक चिकित्सा प्रक्रिया है जिसमें लैब में सभी के शुक्राणु के साथ महिलाओं के अंडे को निश्चित किया जाता है और फिर भ्रूण को महिलाओं के गर्भाशय मे स्थानांतरित किया जाता है, इस उन्नत प्रजनन उपचार में सफलता मुख्य रूप से साहित्य के अंडे , शुक्राणु के गुणवत्ता, बांझपन के कारण और गर्भशय ग्रहण शीलता पर निर्भर करती है| आई वी एफ उपचार दर्दनाक नहीं है और बिस्तर आराम की बहुत आवश्यकता नहीं है कुछ लोग को लगता है की अगर वह आई.वि.अफ के माध्यम से गर्भधारण करते हैं तो वह संतान उनकी नहीं है|मैं इस मंच का उपयोग यह बताने के लिए करूंगी कि आई.वि.अफ बच्चे जैविक रूप से आपके हैं| दुर्लभ मामलों में दातायुग्मक की आवश्यकता होती है मेरी और गौड़ीयम की दृष्टि उन महिलाओं के लिए एक नई दुनिया बनाना है जो उस लक्ष्य की दिशा में काम करते हुए सर्वोतम संभव स्वास्थ्य समानता और अःशक्तिगत को प्राप्त करना चाहती है|
सफलता के कुछ विकल्प :-*व्ययायाम ,धूम्रपान छोड़े , शराब छोड़े , संतुलित आहार ले |
*मल्टी विटामिन और खनिज अपूर्ति : शुक्राणु और अंडो की गुणवक्ता को बढ़ाने के लिए तीन माह तक प्रयोग करे|
- आई.वि.अफ से पहले कोई भी (सफेदपानी ,माहवारी मे अहनिमयता आदि ) स्त्री रोग का इलाज आवश्यक रूप से करें|
*आई.सी.एस.आई तकनीक द्वारा भ्रूण की गुणवत्ता को बढ़ाया जा सकता है| - अशुक्राणता (एज़ूस्पर्मिए) मेंTESA (टेस्टिकुलर स्पर्म एस्पिरेशन ) तकनीक द्वारा शुक्राणु को पाया जा सकता है|
*विशेष रूप से विकसित किया गया भ्रूणग्लू (EMBRYO ग्लू )जिसमे ह्यलुरॉन होता है, जो भ्रूण कोसमाविष्ट होन मे सहायकव् होता है |
बिना किसी जन्म दोष के स्वस्थ बच्चे की संभावना में सुधार के लिए स्वस्थ और गुणसूत्र के सामान्य भ्रूण का चयन करने के लिए प्रेम पलांटेशन अनुवांशिक परीक्षण का उपयोग किया जाता है|यह जानने के लिए आप के लिए कौन सा प्लान सबसे अच्छा है फार्टलिटी विशेषज्ञ से सलाह ले | कई विफलताओं के मामले में जोड़ों को आशा और विश्वास नहीं खोना चाहिए और इसके बजाए विफलता के कारणों पर चर्चा करें और आगे की जांच और प्रक्रिया को जानने के लिए अतिरिक्त दरों में सुधार करें| कई बार बहुत छोटी-छोटी चीजों इस धन्यता के कारण बाँझपन का कारण बनती है| महिला अद्वितीय है औरआई. बी.एफ उनके जीवन के विभिन्न चरणों की यात्राओं मे समर्थन करता है|मेरा संदेश उन सभी महिलाओं को यह जो यह पढ़ रही है कि आपना केवलसमान है बल्कि जीवन में के कई माइनो में भी बेहतर है|
Dr shweta gupta
M.B.B.S D.G.O
Consultant in Obs & Gynecologist ,Laproscopic & IVF Specialist in max super speciality and Gaudium women Hospital
लिंग्याज कर रहा है लेड फ्री प्रोजेक्ट पर काम
- लिंग्याज की नई पहल…बिजली का कम होगा बिल
- लिंग्याज लायेगा नया बदलाव
लिंग्याज डीम्ड–टू–बी– यूनिवर्सिटी हमेशा कुछ ना कुछ नया करने की कोशिश में लगा रहता है और उनकी ये कोशिश रंग भी लाती है। इस बार लिंग्याज सरकार के साथ मिलकर एक प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। जिससे लोगों को कुछ नया देखने को मिलेगा। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर आपके घरों का बिजली का बिल भी कम होगा और कई तरह के उपकरणों में भी कुछ नया बदलाव दिखेगा।
इस प्रोजेक्ट में लिंग्याज ने DRDO (डिफेंस रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट ऑर्गैनाइज़ेशन) और NPL (राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला) के साथ टाइअप किया है। इस टाइअप से ना की सरकार को बल्कि आम जनता को भी फायदा मिलेगा। इसके लिए लिंग्याज ने पीजोइलेक्ट्रिक एनर्जी हार्वेस्टिंग में काम आने वाले लेड सामग्री को बदलकर लेड फ्री सामग्री का इस्तेमाल करेगा। जिस पर काम करना शुरू हो चुका है। इसके जरिए बैट्री को रिपलेस कर पीजोइलेक्ट्रिक सैल का उपयोग किया जा सकेगा। इससे बिजली में भी बचत होगी और बिल भी कम आयेगा। स्कूल ऑफ बेसिक एंड एपलाइड फिजिक्स के प्रोफेसर डॉ. राधेश्याम राय ने बताया कि इस प्रोजेक्ट में कुछ पीएचडी स्टूडेंटस भी काम कर रहे। वही लिंग्याज ग्रुप के चेयरमैन डा. पिचेश्वर गड्डे का कहना है कि सरकार के साथ मिलकर काम करना बड़ी बात है। काम शुरू हो चुका है। जल्द ही सबको इसका रिजल्ट दिखेगा। पीजोइलेक्ट्रिक एनर्जी हार्वेस्टिंग में इस्तेमाल होने वाला लेड मैटेरियल हमारे शरीर के लिए बेहद ही खतरनाक होता है। इससे कैंसर, किडनी फेल, सांस लेने में परेशानी या यूं कहें कि हमारे शरीर के वे मुख्य अंग जिससे हमारी शरीर काम करता है। उन घरेलू जरूरत मंद चीजों में जिनमें लेड मैटेरिल का उपयोग होता है। वे सभी धीरे-धीरे हमारे शरीर पर खतरनाक असर डालती है।
पीजोइलेक्ट्रिक क्या है-
कुछ ठोस पदार्थों (जैसे क्रिस्टल, सिरैमिक्स, पोलिमर, आदि जैविक पदार्थ) पर यांत्रिक प्रतिबल (स्ट्रेस) लगाने पर उन पर आवेश एकत्र हो जाता है। इसी को दाबविद्युत (Piezoelectricity) कहते हैं तथा इस प्रभाव का नाम दाबविद्युत प्रभाव (पिजोएलेक्ट्रिक इफेक्ट) है। दाबविद्युत के बहुत से उपयोग हैं। जैसे अल्ट्रासोनिक ड्राईक्लिनर, मेडिकल उपकरणों गैस लैइटर आदि। इस मैटेरियल का इस्तेमाल मिलिट्री टॉर्च, घड़ी, सेटेलाइट आदी कई उपकरणों में भी किया जाता है।
सतयुग दर्शन विद्यालय ने किया कैरियर ओरिएंटेशन कार्यक्रम का वर्चुअल आयोजन
सतयुग दर्शन विद्यालय ने कक्षा दसवीं व बारहवीं के छात्रों के उज्ज्वल भविष्य हेतु एक वर्चुअल कैरियर ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया।
इस कार्यक्रम में विद्यालय के दसवीं व बारहवीं के सभी छात्रों व उनके अभिभावकों ने वर्चुअली जूम मीटिंग के माध्यम से भाग लिया।
इन दोनों कक्षाओं के छात्रों के सामने कैरियर को लेकर बड़ी उलझन भरी चिंताएँ होती हैं।
छात्रों को इन सभी चिंताओं से मुक्त करने हेतु विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री नीरज मोहन पुरी जी ने अपने सम्बोधन में बहुत ही अच्छे, प्रेरणादायक व मार्गदर्शन करने वाले महत्वपूर्ण निर्देश दिए, जो छात्रों के भविष्य निर्माण व दिशा निर्धारण हेतु बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले थे।
श्री नीरज मोहन पुरी जी ने छात्रों को उनकी बौद्धिक क्षमता व योग्यताओं को पहचान कर उनके भविष्य निर्माण हेतु अलग-अलग फैकल्टी में प्रवेश लेने के मार्ग प्रसस्त किए।
जिससे छात्रों व उनके अभिभावकों को पूर्ण सन्तुष्टि प्राप्त हुई। सभी ने सेमिनार के सम्बोधन को सुनकर एक निश्चिंतता प्रकट की।
इस वर्चुअल मीटिंग में विद्यालय की हैड एकेडेमिक मैम नसरीन खान, सीनियर फैकल्टी मेम्बर विवेक भाटिया, विवेक बैक्टर आदि ने भी कैरियर निर्धारण हेतु छात्रों का मार्गदर्शन किया।
इस कार्यक्रम में लगभग 150 छात्रों व उनके अभिभावकों ने वर्चुअली भाग लेते हुए अपनी-अपनी जिज्ञासा व ज्ञान पिपासा को शांत एवं लाभान्वित किया।
कुल मिलाकर छात्रों के लिए यह एक बहुत ही बहुमूल्य, प्रेरक व भविष्य निर्धारक कार्यक्रम था।