- कोविड19 मुख्यतः एक स्वास की बीमारी के रूप में शुरू हुई
- लॉन्ग कोविड विश्व भर के डॉक्टरों एवं वैज्ञानिकों के परेशानी का कारण बना हुआ है।
- कोविड19 से संक्रमित मरीज जो कि हृदय रोग से भी ग्रस्त है उनके अस्पताल में भर्ती होने की संभावना सामान्य मरीज की तुलना में 6 गुना बढ़ जाती है एवं उनमें मृत्यु दर 12 गुना बढ़ जाती है।
कोविड19 मुख्यतः एक स्वास की बीमारी के रूप में शुरू हुई परंतु समय के साथ-साथ अब ये लगने लगा है कि ये मल्टी ऑर्गन सिस्टम की बीमारी है। कोविड19 मुख्यतः हमारे फेफड़ों को निशाना बनाती है परंतु लॉन्ग कोविड विश्व भर के डॉक्टरों एवं वैज्ञानिकों के परेशानी का कारण बना हुआ है।
हमें आज ये मालूम है कि कोरोना वायरस किसी भी आदमी के छीकने एवं खाँसने से हवा में फैलता है परंतु इसे सिर्फ फेफड़ों की बीमारी नहीं माना जा सकता।
डॉ नीरज जैन, मेडिकल डायरेक्टर एवं डायरेक्टर – हृदय रोग विशेषज्ञ मैट्रो अस्पताल फरीदाबाद ने बताया कि “कोविड19 से हृदय की नाड़ियों में थक्का बनने की संभावना बढ़ जाती है जिससे हार्ट अटैक का खतरा है। आज कल इसके कारण कम उम्र के लोगों में भी हार्ट अटैक की समस्या देखने मे आ रही है। कोविड19 के मरीज़ो में हृदय की मांसपेशियों के कमजोर होने के कारण हार्ट फेलियर की समस्या देखने मे काफी आ रही है।
ये वायरस हमारे शरीर के सभी कोशिकाओं को प्रभावित कर सकता है जिसमे फेफड़े, हृदय, मस्तिष्क, आँत और रक्त कोशिकाएं शामिल हैं। इसीलिए बचाव में ही इसका ईलाज है । कोरोना वायरस के भारत मे आने के बाद चिकित्सा विशेषज्ञों को अब ये जानकारी है कि उच्च रक्तचाप, मधुमेह, मोटापा एवं हृदय व अन्य रोगों से ग्रस्त मरीजों में कोरोना वायरस किस प्रकार से नुकसान पहुँचता है। परन्तु प्रमुख एवं जरूरी सलाह यही है कि हमें कोरोना वायरस को गंभीरता से लेना होगा और कोरोना वायरस हमसे दूर रहे इसके लिए प्रयत्न करने होंगे। हृदय रोगों के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना एवं लक्षण आने पर नजदीक के अस्पताल में सलाह लेना।“
डॉ नीरज जैन ने बताया “ऐसा नहीं लगता कि हृदय रोगियों को कोरोना संक्रमण होने की संभावना ज्यादा होती है, परंतु इन रोगियों में कोरोना वायरस का ईलाज़ मुश्किले पैदा कर सकता है। सेंटर फॉर डिसीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन, न्यूयॉर्क के आंकड़ों के अनुसार कोविड19 से संक्रमित मरीज जो कि हृदय रोग से भी ग्रस्त है उनके अस्पताल में भर्ती होने की संभावना सामान्य मरीज की तुलना में 6 गुना बढ़ जाती है एवं उनमें मृत्यु दर 12 गुना बढ़ जाती है।“
“यह पाया गया है कि कुछ मरीज जो कि कोविड 19 से ग्रस्त थे उन्होंने कुछ समय के बाद हृदय, मस्तिष्क एवं किडनी के रोगों के लक्षणों को महसूस किए।“
“अब हम कोविड19 से ठीक हुए मरीज़ो को ये सलाह दे रहे है कि उन्हें हृदय रोगों के लक्षणों का ध्यान रखना है । अब यह सबूत मिल रहे है कि कोविड19 का हमारे शारीर पर लम्बे समय तक नुकसान दायक प्रभाव बना रहता है ।“
“यह सलाह दी जाती है कि कोविड 19 से ठीक होने के बाद मरीज हृदय की सेहत का पता लगाने के लिए किसी भी अस्पताल में जांच कराएं।
कोविड के मरीजों को कोविड से ठीक होने के बाद निम्नलिखित लक्षणों पर नज़र रखने की सलाह दी जाती है
छाती में किसी तरह का परेशानी महसूस होना। हाथों एवं बाजुओं में दर्द एवं दबाव महसूस करना। अधिक पसीना आना । अधिक थकान होना। सांस फूलना ।
इन लक्षणों के महसूस होने पर मरीज को अपने हृदय रोग विशेषज्ञ से तुरंत सलाह ले कर हृदय की जाँच करवाने की सलाह दी जाती है।“