आध्यत्म
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श्री माता मनसा देवी व श्री काली माता मंदिर कालका में एक करोड़ 5 लाख 66 हजार 969 रुपये की राशि दान स्वरूप अर्पित की गई और 4 लाख 6 हजार 960 श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन किए
सतयुग दर्शन ट्रस्ट का वार्षिक रामनवमी यज्ञ महोत्सव
( विनोद वैष्णव )| सतयुग दर्शन ट्रस्ट का वार्षिक रामनवमी यज्ञ महोत्सव, आज भूपानी स्थित सतयुग दर्शन वसुंधरा पर प्रात: ८.०० बजे सतवस्तु के कुदरती ग्रन्थ व रामायण के अखंड पाठ के साथ आरंभ हुआ। आरमिभक विधि के उपरांत सजनों को सत्संग के दौरान ट्रस्ट के मार्गदर्शक श्री सजन जी ने मोक्ष प्राप्ति हेतु विचार की महत्ता बताते हुए कहा कि:- हँसना ही जीवन है, रोना तो है जी मरना। यहाँ जीवन-मरण के विषय में स्पष्टीकरण देते हुए उन्होंने कहा कि जहाँ जीवन–जीवन शक्ति, प्राणशक्ति है यानि हमारे सजीव ओजयुक्त अस्तित्व व सर्वांगीण स्वस्थता का आधार है और परमात्मा की अद्भुत देन है वहीं मरना जीवन का अन्त है यानि घोर संकटमय व कष्टप्रद अचेतन अवस्था है व इसके परिणाम से मनुष्य के मन में संसार के प्रति आसक्ति का भाव पनपता है और वह जन्म-जन्मांतरों तक जन्म-मरण की पीड़ा भोगता रहता है। आशय यह है कि जीवन मोक्ष की ओर ले जाता है व मृत्यु बन्धमान करती है। मोक्ष चौरासी के बंधन यानि आवागमन से मुक्ति, छुटकारा पाना है तथा बन्धन, संसार/कर्म व माया-पाश में फँस कर कारागार की पीड़ा भुगतना है। यह बताने के पश्चात् उन्होने सजनों से पूछा कि जीना चाहते हो या मरना? सभी ने उत्तर दिया कि हम जीवन की हर चिंता, फिक्र, कष्ट व बन्धन से आज़ादी यानि मुक्ति पा जीना चाहते हैं। इस पर श्री सजन जी ने कहा कि यदि मुक्ति चाहते हो तो स्वार्थ से परमार्थ होने का संकल्प लो यानि इसी जीवनकाल में निज धर्म पर स्थिर रहते हुए, सत्यता से अपने समस्त कर्तव्यों को कुशलता से संपादन करो व ए विध् निष्काम भाव से पुण्य कर्म करते हुए अपने सच्चे घर की ओर बढ़ो। यही नहीं इस शुभ संकल्प की सिद्धि हेतु च्च्विचार ईश्वर आप नूं मानज्ज् के सत्य को आत्मसात् करो और समभाव-समदृष्टि के सबक़ अनुसार सदा सजन भाव का वर्त-वर्ताव करते हुए, निरंतर संकल्प रहित अवस्था में स्थिर बने रहो। ऐसा सुनिश्चित कर ब्रह्म भाव में स्थित हो जाओ और अपना जीवन आबाद कर लो।इस तरह जीवन में विचार को अपनाने की महत्ता स्पष्ट करते हुए उन्होंने सजनों को बताया कि विचार सवलड़ा यानि सरल व सुगम रास्ता है और अव विचार कवलड़ा अर्थात् उलझनों भरा रास्ता है। विचार मार्ग पर चलने वाले की हर तरफ से जीत ही जीत होती है और अविचार के मार्ग पर चलने वाले को हर तरफ से ठोकरें व हार ही प्राप्त होती है। अत: इस परिणाम को याद रखते हुए कदम-कदम पर विचार पकड़ो यानि ब्रह्म विचार को धारण कर, उस पर खड़े हो जाओ। इस तरह जीवन में हर कदम पर, चिंतन-मनन द्वारा, गंभीरता से भली-भांति, सोच-समझकर विवेकपूर्ण निर्णय लेने की आदत बना लो। ऐसा करने पर विचार से प्यार होने लगेगा यानि विचारसंगत हर कार्य को करने की क्रिया, हमारे मन को भाने लगेगी और हम सत्य-असत्य, भले-बुरे की पहचान कर केवल यथार्थ को अपनाकर, व्यवहार में लाएंगे जो नीति व न्यायसंगत होगा। तभी अविचार यानि कुसंग छूटेगा और हम तीनों लोकों, तीनों कालों में सर्वव्यापी, अपने नित्य सत्य स्वरूप अर्थात् सतवस्तु शंख, चक्र, गदा पद्मधारी का दिव्य दर्शन कर आनन्दित हो जाएंगे और जन्म की बाजी जीत लेंगे।सजन जी ने सजनों से कहा कि यदि जगत विजयी होना चाहते हो तो वेद-शास्त्रों में वर्णित श4द ब्रह्म विचार धारण कर सदा विचारयुक्त बने रहो और निर्विकारी हो अ1लमंद नाम कहाओ। उन्होंने कहा कि ऐसा करना इसलिए भी आवश्यक है 1योंकि कलुकाल जा रहा है और सतवस्तु आ रही है। सतवस्तु में विचार, सतज़बान एक दृष्टि एकता और एक अवस्था होगी। न सिमरण, न भजन और न ही बन्दगी होगी। खुला प्रकाश होगा। सतवस्तु में कला से सब कुछ उपजेगा। इसीलिए हमारे लिए यही समय है अपना जीवन बनाने का और प्रभु से मेल खाने का। अत: वक्त की नजाकत को समझते हुए संकल्प का झुखना-रोना बंद करो ताकि मन फुरने की सृष्टि से आजाद हो शांत हो जाए और आप विचार, सत् ज़बान, एक दृष्टि, एकता और एक अवस्था में आकर अपना जीवन सफल बना लो।हमारे संवाददाता की रिपोर्ट के अनुसार रामनवमी महायज्ञ के प्रथम दिवस, सत्संग रात्रि १.०० बजे तक चलता रहा। देर रात्रि तक श्रद्धालु भजन कीर्तन का आनंद लेते रहे। न्यासी गाँधी ने बताया कि अभी भी भक्तजनों का निरंतर आगमन जारी है। भक्तजनों की सुविधा के लिए प्राथमिक उपचार की सुविधा भी परिसर में की गई है ताकि किसी को शारीरिक कष्ट के कारण कठिनाई का सामना न करना पड़े।
सतयुग दर्शन वसुन्धरा में रामनवमी यज्ञ महोत्सव पर – विशाल शोभा-यात्रा का आयोजन
फऱीदाबाद( विनोद वैष्णव ) | भूपानी स्थित सतयुग दर्शन वसुन्धरा पर दिनांक २१ मार्च २०१८, रामनवमी-यज्ञ, वार्षिक-महोत्सव के अवसर पर हर्षोल्लास के साथ विशाल शोभायात्रा निकाली गई। यह शोभा-यात्रा जैसे ही समभाव-समदृष्टि के स्कूल च्च्ध्यान-कक्षज्ज् में पहुँची तो ट्रस्ट के मार्गदर्शक श्री सजन जी ने कहा कि सजनों आज का दिन हमारे लिए बहुत शुभ है 1योंकि अब शीघ्र ही शुभारंभ होने जा रहा है – उस रामनौमी यज्ञ महोत्सव का जिसके अंतर्गत न केवल सजनों को, समभाव-समदृष्टि की युक्ति अनुसार, जीवन के परम पुरुषार्थ यानि परमपद प्राप्ति की सिद्धि का आवाहन दिया जाता है अपितु अपने-अपने गृहस्थाश्रमों में प्रसन्नता से जीवनयापन करने हेतु, सम, संतोष-धैर्य अपनाकर, सच्चाई-धर्म के निष्काम रास्ते पर चलते हुए किस प्रकार परोपकार कमाना है, उसकी युक्त भी समझाई जाती है।इस यज्ञ महोत्सव की महत्ता के दृष्टिगत उन्होंने, इस यज्ञ उत्सव में देश-विदेशों से उपस्थित हर दुखिया/ सुखिया इंसान से जीवन के परम पुरूषार्थ को सिद्ध कर, इस जीवन-यज्ञ को निर्विघ्न समपन्न करने हेतु अन्दरुनी वृत्ति में नियम-नीतिनुसार परब्रह्मवाचक मूल-मन्त्र आद्-अक्षर का सिमरन करने व बैहरुनी वृत्ति में मन को परेशान करने वाली हर अच्छी व बुरी सोच त्याग, अफुरता में आने की गुजारिश करी ताकि समस्त अंतद्र्वन्द्व व बहिद्र्वन्द्व समाप्त हो जाएं। इस प्रकार उन्होंने सबको अपने मन में असीम शांति का अनुभव करते हुए, आनन्दविभोर हो उस परम आनन्दित अवस्था का अनुभव करने के लिए कहा जिसके अंतर्गत आत्मा-परमात्मा की एकरूपता का एहसास हो जाता है और जीव सहसा ही कह उठता है च्च्हम एक हैं, हम एक हैं, हम एकता के प्रतीक हैं अर्थात् हम ब्रह्म हम…….हम ब्रह्म हाँ। तत्पश्चात् श्री सजन जी ने उपस्थित सजनों को अपने मस्तिष्क व आस-पास के संगी-साथियों को शांति व अफुरता से समवत्र्ती बनने का संदेश देने के लिए कहा ताकि सब के सब समभाव-समदृष्टि की युक्ति अनुसार परस्पर सजन-भाव का व्यवहार करने के प्रति दृढ़ संकल्पी हो जाएं और विचार, सत्त जबान, एक दृष्टि, एकता और एक अवस्था को धारण कर सतयुगी संस्कृति के अनुरूप एक अच्छे व नेक इंसान बन जाएँ। उन्होंने कहा कि इसी हितकारी स्वाभाविक बदलाव से न केवल आपकी शारीरिक-मानसिक स्वस्थता पनप सकती है अपितु आपके मन-चित्त में भी स्थाई प्रसन्नता का संचार हो सकता है।यहाँ उन्होंने जहाँ शारीरिक स्वस्थता के लिए पुरुषार्थ द्वारा निरंतर क्रियाशील व उद्यमी बने रहने की आवश्यकता पर बल दिया, वहीं मानसिक स्वस्थता के लिए वेद-शास्त्रों के अध्ययन द्वारा सकारात्मक उच्च विचार धारण करने को भी नितांत अनिवार्य बताया। उन्होंने सजनों से कहा कि समस्त कारज परिश्रम से ही सिद्ध होते हैं, मात्र इच्छा करने से नहीं यानि परिश्रमी ही जीवन संग्राम में विजयी होता है। अत: ईश्वररूप होने का सच्चा और एकमात्र परम पुरुषार्थ दर्शाओ और इस हेतु अपनी समस्त शक्तियों द्वारा परिश्रम करने में जुट जाओ। शारीरिक स्वस्थता के साथ-साथ मानसिक स्वस्थता के विषय में स्पष्टीकरण देते हुए उन्होंने कहा कि मन-मस्तिष्क की तंदुरुस्ती के लिए वेद-शास्त्रों का अध्ययन कर आत्मिक ज्ञान प्राप्त करना उतना ही जरूरी है जितना शरीर के लिए आहार व व्यायाम। अध्ययन ही हमारे भावों, विचारों व मन को पवित्र कर हमें आनन्द प्रदान करता है, अलंकृत करता है और योग्यता प्रदान करता है। इसके बिना जीवन में आने वाले विषाद यानि दु:खों से निवृत्ति नहीं हो सकती। अत: सत् शास्त्र का विचार कर, सतत् चिंतन, मनन व अ5यास द्वारा, उसमें विदित आत्मिक ज्ञान को व्यवहार में लाओ। ऐसा करने से ही सत्य-असत्य, भले-बुरे की परख कर सकोगे यानि बुद्धि विचार प्रबलता धारण करेगी और विवेकशक्ति का प्रयोग करते हुए केवल सत्य धारणा को ही महत्व देगी। इस तरह अज्ञान अंधकार दूर होगा यानि मन व बुद्धि श्रेष्ठता को प्राप्त हो जाएगी और आप दिव्यता को धारण कर अमर पद प्राप्त करने के योग्य बन जाओगे। सजन जी ने आगे कहा कि ऐसा अद्भुत होने पर ही आपके लिए जगत के सब कार्यव्यवहार यानि अपने समस्त कर्तव्यों का पालन हँस कर करते हुए, अपने मन को प्रभु में लीन रख, निष्कंटक परमार्थ के रास्ते पर बने रहना सहज हो जाएगा। आशय यह है कि यह अदमय पुरुषार्थ दिखाने पर ही आप आत्मविश्वास के साथ, खुद पर आत्मनियन्त्रण रखते हुए, शक्तिशाली होकर, सत्य-धर्म के निष्काम भक्ति-भाव पर डटे रह पाओगे और एक नेक व ईमानदार इंसान की तरह, इस जगत में निर्लिप्तता से विचरते हुए, इसके माया-पाश से आज़ाद हो पाओगे। उन्होने कहा कि जानो यह च्च्विचार ईश्वर है अपना आपज्ज् के सर्वोच्च भाव को आत्मसात् कर, जगत उद्धार हेतु परमात्म स्वरूप में स्थित रहते हुए, समस्त कार्य ईश्वर के निमित्त अकर्ता भाव से करते हुए कर्म फल से मुक्त रहने की अद्वितीय बात होगी। तभी अपने व सबके सजन बन ईश्वर की सर्वोत्कृष्ट कृति कहलाने का सौभाग्य प्राप्त कर पाओगे और तीनों लोकों में यश-कीर्ति प्राप्त करने के अधिकारी बन एक श्रेष्ठ मानव की तरह यथार्थता में बने रह, यथार्थत: ही जीवन जीते हुए, यथार्थ पद को प्राप्त कर अपना नाम रोशन कर परमानन्द में स्थित हो विश्राम को पाओगे।ट्रस्ट की प्रबन्धक न्यासी श्रीमती रेशमा गांधी ने बताया कि प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी रामनवमी महायज्ञ में काफ़ी सं2या में श्रद्धालु देश-विदेश से समिमलित हुए हैं। यहाँ श्रद्धालुओं के रहने, खाने-पीने व अन्य सुविधाओं का हर प्रकार से समुचित प्रबंध कर दिया गया है। यही नहीं शहर के प्रमुख रेलवे-स्टेशनों एवं बस-अड्डों से भक्तजनों को लाने के लिए विशेष बसों का भी इंतज़ाम किया गया है।
वैष्णोदेवी मंदिर में नवरात्रों के तीसरे दिन की गई मां चंद्रघंटा की पूजा
( विनोद वैष्णव )| वैष्णोदेवी मंदिर में नवरात्रों के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की भव्य पूजा अर्चना की गई। मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने प्रातकालीन पूजा अर्चना का शुभारंभ करवाया। इस अवसर पर मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा। पूजा अर्चना के अवसर पर मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने श्रद्धालुओं के बीच मां चंद्रघंटा का बखान किया। उन्होंने बताया कि मां चंद्रघंटा के शिख पर चंद्र व हाथ में घंटा रहता है। चंद्रमा शांति व घंटा नाद का प्रतीक है। देवासुर संग्राम में देवी के घंटा नाद से अनेकानेक असुर काल के ग्रास बन गए थे। शास्त्रों के अनुसार अराधना में नाद पर विशेष ध्यान दिया गया है। सुर एवं संगीत दोनों को ही वशीकरण का बीज मंत्र माना गया है। चंद्रघंटा देवी इसी की आराध्य शक्ति है। मां चंद्रघंटा नाद के साथ शांति का संदेश देती हैं। श्री भाटिया के अनुसार जो भी ाक्त सच्चे मन से मां चंद्रघंटा की अराधना कर मुराद मांगते हैं, वह अवश्य पूरी होती है।इस अवसर पर मंदिर में पूजा अर्चना मंदिर के प्रधान जगदीश भाटिया के साथ पूजा अर्चना में प्रताप भाटिया, गिर्राजदत्त गौड, फकीरचंद कथूरिया, राजकुमार, सुरेंद्र गेरा, नरेश मदान, सुरेंद्र झांब, प्रदीप खत्री, नवीन, प्रीतम, अनिल ग्रोवर एवं ललित गुप्ता भी शामिल रहे। इस अवसर पर प्रधान जगदीश भाटिया ने माता रानी को प्रसाद का भोग लगवाया। इसके बाद भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया।
साईधाम में श्रीमदभागवत कथा का आयोजन
फरीदाबाद( विनोद वैष्णव )। नवरात्र के पावन अवसर पर शिरडी साई बाबा टेम्पल सोसाईटी (साईधाम) तिगांव रोड फरीदाबाद के प्रांगण में कलश यात्रा 108 कलश यात्रा के साथ श्रीमदभागवत कथा का शुभारम्भ हुआ। इस कलश यात्रा में फरीदाबाद शहर की कई गणमान्य महिलओं ने भाग लिया। नंदगाँव वाले ठाकुरजी के नाम से प्रसिद्ध परम पूज्यनीय श्री बृजभुषण तिवारी जी महाराज की मधुर कंठ द्वारा श्रीमद भागवत कथा के महत्व बताते हुऐ कहा कि भागवत गीता जितना पवित्र नाम है उतना ही पवित्र इसमें ज्ञान है। संस्था के अध्यक्ष डॉ मोतीलाल गुप्ता ने इस अवसर पर कहा कि श्रीमदभागवत वर्तमान में धर्म से ज्यादा जीवन के प्रति दृष्टिकोण को लेकर न केवल भारत में अपितु पूरे विश्व में ध्यान आकृषित कर रही है। समाजसेवी आरडी शर्मा ने मंच संचालन करते हुऐ कहा कि अति दुर्लभ मनुष्य जीवन को सार्थक करने हेतु श्रीमदभागवत गीता का पठन व मनन आवश्यक है। संस्था के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संदीप गुप्ता ने श्रीमदभागवत गीता कथा आयोजन को अपनी स्व. माताश्री कान्ता गुप्ता वरिष्ठ उपाध्यक्ष साईधाम को समर्पित किया और बताया कि कथा का आयोजन 19 से 24 मार्च 2018 सायं 3 से 6 बजे और 25 मार्च यज्ञ और भण्डारे के साथ समपन्न होगा। कथा में सेंकडों भक्तों के अतिरिक्त मुख्य रूप से डीएन कथूरिया, पवन गुप्ता, केऐ पिल्लै, सुचिंत शर्मा, बीनू शर्मा, अश्वनी शर्मा, आरडी शर्मा, डॉ आलोकदीप आदि उपस्थित रहे।
मिथलेश मिश्रा: माता-पिता जितने सुखी होंगे उतने ही सफलता के मार्ग में हम लोग आकर्षित होंगे : मिथलेश मिश्रा
फरीदाबाद ( विनोद वैष्णव ): मिथलेश मिश्रा जी आज समाज सेवा के जिस मुकाम पर पहुंच गए हैं वहां तक पहुंचना आज के युवा का सपना ही है मिथलेश जी कहते हैं कि प्राचीन समय में लोग सेवा पर जोर देते हैं सेवा ऐसा भाव है जिसे करने वाला भी सुख पाता है और जिसकी की जाती है वह भी सुख पाता है सेवा करने का अर्थ है भगवान की सेवा सेवा करने में किसी का अहित नहीं होता मिथलेश जी ने कहा है कि हमें सेवा अपने घर से ही करना चाहिए उन्होंने कहा कि आजकल आए दिन खबरों में सुनते हैं कि किसी बुजुर्ग के साथ अत्याचार हुआ है या किसी ने अपने माता पिता को घर से निकाल दिए हैं जो कुछ भी हो रहा है वह बहुत गलत हो रहा है हमारे माता पिता हमारे लिए कितना कुछ करते हैं हमारा भी कर्तव्य है कि हम उनके सुख दुख का ख्याल रखें क्योंकि हमारे माता पिता जितने सुखी होंगे उतने ही सफलता के मार्ग में हम लोग आकर्षित होंगे
ग्राम पंचायत को सौंपा परशुराम मंदिर की देखभाल का जिम्मा
निशुल्क नेत्र जांच शिविर में 645 लोगों ने कराई अपनी आंखों की जांच 85 मरीजों को मोतियाबिंंद की शिकायत, निशुल्क होंगे आप्रेशन
फरीदाबाद( विनोद वैष्णव ) । प्रगतिशील किसान मंच फरीदाबाद के तत्वाधान में एक निशुल्क नेत्र जांच शिविर का आयोजन सेक्टर-65 साहूपुरा स्थित आशा ज्योति विद्यापीठ में आयोजित किया गया। शिविर में विजिटेड आई सेंटर दिल्ली के डॉक्टरों ने सैकड़ों लोगों की आंखों की निशुल्क जांच की और 85 लोगों को मोतियाबिंद की शिकायत मिलने पर उन्हें आप्रेशन के लिए चिन्हित किया। इन सभी मरीजों के ऑपरेशन भी प्रगतिशील किसान मंच के तत्वाधान में विजिटेड आई केयर सेंटर द्वारा निशुल्क किए जाएंगे। इस विषय में अधिक जानकारी देते हुए आशा ज्योति विद्यापीठ के चेयरमैन एवं प्रगतिशील किसान मंच के प्रधान सत्यवीर डागर ने बताया कि उनकी संस्था द्वारा साल में दो बार लगाए जाने वाले इस शिविर में आज कुल 645 लोगों ने अपनी आंखों की जांच कराई तथा इन लोगों में से जिन 85 मरीजों के लिए डॉक्टरों ने यह माना कि उनकी आंखों को ऑपरेशन की जरूरत है। उनकी पहचान ऑपरेशन कराने वाले मरीजों के रूप में की गई और अब प्रगतिशील मंच के तत्वाधान में ही दिल्ली स्थित विजिटेड आई केयर सेंटर में ही इन सभी मरीजों की आंखों के ऑपरेशन कराए जाएंगे। श्री डागर ने बताया कि प्रगतिशील किसान मंच अभी तक नेत्र जांच के 18 से अधिक निशुल्क नेत्र जांच शिविर का आयोजन कर चुका है और लगभग दो हजार लोगों की नेत्र ज्योति प्रगतिशील किसान मंच द्वारा कराए गए आंखों के ऑपरेशन से वापस आ चुकी है। सत्यवीर डागर के अनुसार आज के इस कैंप में आस पास के ग्रामीण बुजुर्गों ने अपनी आंखों की जांच कराई। उनके अनुसार प्रगतिशील किसान मंच का यह उद्ेश्य है कि ग्रामीण अंचल के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सके। यही कारण है कि आशा ज्योति विद्यापीठ में स्कूल के बच्चों को उच्च स्तरीय शिक्षा के साथ-साथ इस प्रकार के निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन भी समय-समय पर किया जाता रहा है ताकि इस ग्रामीण अंचल के लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हो सके। शिविर के आयोजक सत्यवीर डागर ने शिविर की सफलता पर सभी का आभार जताते हुए धन्यवाद किया। इस मौके पर निगम के पूर्व पार्षद व युवा कांग्रेसी नेता योगेश कुमार ढींगडा ने कैम्प का दौरा किया उनके साथ कर्नल गोपाल सिंह,मकरंद शर्मा, बलबंत सिंह, रिषि राज त्यागी, किशन चहल, कुलदीप चौधरी, जगवीर तंवर, राजसिंह, प्रदीप डागर,धर्मपाल त्यागी, लच्छूराम, धर्मपाल चहल, पूर्व सरंपचं मामचंद फतेहपुर वाले, विदू ग्रोवर शिक्षाविद प्रमुख रुप से उपस्थित थे।
उद्योग मंत्री विपुल गोयल के कार्यालय से श्री शिरडी साईधाम के दर्शन के लिए तीर्थ यांत्रियों की बस को बड़े हर्षोल्लास के साथ रवाना किया गया
( विनोद वैष्णव ) |उद्योग मंत्री विपुल गोयल के कार्यालय से श्री शिरडी साईं धाम के लिए बस रवाना , फरीदाबाद के सेक्टर 16 स्थित उद्योग मंत्री विपुल गोयल के कार्यालय से श्री शिरडी साईधाम के दर्शन के लिए तीर्थ यांत्रियों की बस को बड़े हर्षोल्लास के साथ रवाना किया गया। करीब 50 तीर्थ यात्रियों की बस को समाजसेवी दिनेश कपूर और भाजपा नेता अमन गोयल ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर सभी ने यात्रियों को साईं बाबा के दर्शन के लिए शुभकामनाएं दी। दिनेश कपूर ने विपुल गोयल के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि लोगों को तीर्थ यात्रा करवाना बहुत ही पुण्य का काम है और सभी समर्थ लोगों को इन कामों में सहभागिता करनी चाहिए। साथ ही सभी भक्तों और बीजेपी कार्यकर्ताओं ने साई बाबा के जयकारे लगाए | वहीं भाजपा नेता अमन गोयल ने बताया कि उद्योग मंत्री विपुल गोयल के कार्यालय से हर महीने विभिन्न धामों के यात्रा के लिए तीर्थ यात्रियों की बस को रवाना किया जाता है। इस मौके पर पंडित मुकेश शास्त्री,बीजेपी के पार्षद नरेश नंबरदार ,अखिल भारतीय ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष सुरेंद्र बबली ,जितेंद्र चौधरी, सीमा भारद्वाज, एलपी सिंह, राजकुमार, सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।