मिथलेश मिश्रा: माता-पिता जितने सुखी होंगे उतने ही सफलता के मार्ग में हम लोग आकर्षित होंगे : मिथलेश मिश्रा 

फरीदाबाद ( विनोद वैष्णव ): मिथलेश मिश्रा जी आज समाज सेवा के जिस मुकाम पर पहुंच गए हैं वहां तक पहुंचना आज के युवा का सपना ही है मिथलेश जी कहते हैं कि प्राचीन समय में लोग सेवा पर जोर देते हैं सेवा ऐसा भाव है जिसे करने वाला भी सुख पाता है और जिसकी की जाती है वह भी सुख पाता है सेवा करने का अर्थ है भगवान की सेवा सेवा करने में किसी का अहित नहीं होता मिथलेश जी ने कहा है कि हमें सेवा अपने घर से ही करना चाहिए उन्होंने कहा कि आजकल आए दिन खबरों में सुनते हैं कि किसी बुजुर्ग के साथ अत्याचार हुआ है या किसी ने अपने माता पिता को घर से निकाल दिए हैं जो कुछ भी हो रहा है वह बहुत गलत हो रहा है हमारे माता पिता हमारे लिए कितना कुछ करते हैं हमारा भी कर्तव्य है कि हम उनके सुख दुख का ख्याल रखें क्योंकि हमारे माता पिता जितने सुखी होंगे उतने ही सफलता के मार्ग में हम लोग आकर्षित होंगे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *