वैष्णोदेवी मंदिर में नवरात्रों के तीसरे दिन की गई मां चंद्रघंटा की पूजा

( विनोद वैष्णव )| वैष्णोदेवी मंदिर में नवरात्रों के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की भव्य पूजा अर्चना की गई। मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने प्रातकालीन पूजा अर्चना का शुभारंभ करवाया। इस अवसर पर मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा। पूजा अर्चना के अवसर पर मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने श्रद्धालुओं के बीच मां चंद्रघंटा का बखान किया। उन्होंने बताया कि मां चंद्रघंटा के शिख पर चंद्र व हाथ में घंटा रहता है। चंद्रमा शांति व घंटा नाद का प्रतीक है। देवासुर संग्राम में देवी के घंटा नाद से अनेकानेक असुर काल के ग्रास बन गए थे। शास्त्रों के अनुसार अराधना में नाद पर विशेष ध्यान दिया गया है। सुर एवं संगीत दोनों को ही वशीकरण का बीज मंत्र माना गया है। चंद्रघंटा देवी इसी की आराध्य शक्ति है। मां चंद्रघंटा नाद के साथ शांति का संदेश देती हैं। श्री भाटिया के अनुसार जो भी ाक्त सच्चे मन से मां चंद्रघंटा की अराधना कर मुराद मांगते हैं, वह अवश्य पूरी होती है।इस अवसर पर मंदिर में पूजा अर्चना मंदिर के प्रधान जगदीश भाटिया के साथ पूजा अर्चना में प्रताप भाटिया, गिर्राजदत्त गौड, फकीरचंद कथूरिया, राजकुमार, सुरेंद्र गेरा, नरेश मदान, सुरेंद्र झांब, प्रदीप खत्री, नवीन, प्रीतम, अनिल ग्रोवर एवं ललित गुप्ता भी शामिल रहे। इस अवसर पर प्रधान जगदीश भाटिया ने माता रानी को प्रसाद का भोग लगवाया। इसके बाद भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया।

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