शिक्षा
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डॉ नीलम पत्नी गौरव देशवाल ने पीएचडी की उपाधि प्राप्त की

पलवल।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम विश्वविद्यालय इंदौर मध्य प्रदेश से डॉ नीलम पत्नी गौरव देशवाल ग्राम घोड़ी पलवल व पुत्री श्री धर्मपाल सिंह गढीपट्टी होडल ने गणित विषय के अंतर्गत शोध कार्य पूर्ण कर लिया है परिवार व ग्रामीण रिश्तेदारों में खुशी का माहौल है
इस विषय में डॉ नीलम के पिता धर्मपाल जी से संवाददाता ने बात की तो उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि हमारी बेटी ने

बड़ी कड़ी मेहनत के साथ अपने शोध कार्य को पूरा किया है हमारे पूरे परिवार में बहुत खुशी है साथ ही परिवार रिश्तेदारों मित्रों एवं महाविद्यालय के समस्त स्टाफ द्वारा डॉक्टर नीलम को बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित की गई
डीएवी शताब्दी एनईपी ओरिएंटेशन और सेंसिटाइजेशन आयोजन करने पर सम्मानित

फरीदाबाद (पिंकी जोशी) : डीएवी शताब्दी महाविद्यालय को यूजीसी-एमएमटीटीसी के साथ मिलकर एनईपी ओरिएंटेशन और सेंसिटाइजेशन कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन करने के लिए प्रशंसा पत्र से सम्मानित किया गया । यह उपलब्धि प्रिंसिपल डॉ. अर्चना भाटिया के दूरदर्शी नेतृत्व, अथक प्रयासों और शिक्षा में उत्कृष्टता के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उनकी प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे यूजीसी के साथ सहयोग को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता ने कॉलेज की प्रतिष्ठा को बढ़ाया है और विकास के नए अवसर खोले हैं।
लगभग 42 संकाय सदस्यों को 8 दिनों के लाइव ऑनलाइन एनईपी सत्र में भाग लेने के बाद प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया। रचना कसाना और डॉ. अंकिता मोहिंद्रा यूजीसी-एमएमटीटीसी की आयोजन समिति की सदस्य बनी और उन्हें भी ऑर्गनाइजिंग टीम मेम्बर के सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया । डॉ अर्चना भाटिया ने दोनों को बधाई देते हुए कहा कि इनकी पहल से कॉलेज को और फैकल्टी मेंबर्स को अपना ज्ञान बढ़ाने का मौका मिला।
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शिक्षा में कृत्रिम बौद्धिकता का सदुपयोग और दुरुपयोग : प्रधानाचार्य डॉ. सी.वी. सिंह (रावल इंटरनेशनल स्कूल)

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव) : तकनीक का प्रयोग किसी भी कार्य के गुणवत्ता को बढ़ाने में सहायक होता है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता। यही बात शिक्षा के संदर्भ में भी सही है। गुरुकुल को मौखिक शिक्षा पद्धति से लेकर चॉक और बोर्ड प्रणाली से होते हुए हम डिजिटल क्लासरूम की स्थिति में आए हैं। हर स्तर पर तकनीक ने शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारा है। इसकी सुलभता बढा़ई है और इसे अधिक वस्तुनिष्ठ बनाया है।
अब हम कृत्रिम बौद्धिकता (ए॰आई॰) के युग में प्रवेश कर रहे हैं। शिक्षा में इसका क्या सदुपयोग और दुरुपयोग हो सकता है, गंभीर मंथन का विषय है। मेरे अनुसार कृत्रिम बौद्धिकता का अगर शिक्षा के क्षेत्र में प्रयोग किया जाए तो क्लासरूम पढ़ाई को व्यक्तिनिष्ठ बनाने में मदद मिलेगी। वर्तमान शिक्षा पद्धति की सबसे बड़ी कमी यही है कि यह सामूहिक है। क्लासरूम में शिक्षक सभी बच्चों को सामूहिक रूप से पढा़ता है। अपने सीमित समय में उसे विषय को पढ़ाना भी होता है और बच्चों की समस्याएं भी हल करनी होती है। अतः वह एक-एक बच्चे की व्यक्तिगत कठिनाइयों का पुरी तरह समाधान नहीं कर पाता। ए॰आई॰ इस समस्या का कारागर निदान हो सकता है। पाठ्यक्रम निर्धारण, प्रश्न पत्र बनाने में, साथ ही साथ परीक्षाओं के कदाचार रहित, एवं निष्पक्ष निस्पादन में भी अत्यंत सहायक सिद्ध होगी।
बच्चों की रोज-रोज की प्रगति पर नजर रखने में ए॰आई॰ का उपयोग उचित होगा। नई शिक्षा नीति 2020 भी व्यक्ति निष्ठ है। इसे छात्रों की जरूरत के अनुसार तैयार किया गया है। विषयों की बहुलता और उसमें से छात्रों को विषय चुनने में स्वतंत्रता, इस शिक्षा नीति की विशेषता है। कृत्रिम बौद्धिकता शिक्षकों की कमी को पुरी कर सकती है। परंतु कृत्रिम बौद्धिकता का सबसे बड़ा दोष यह है कि यह मौलिकता को नष्ट कर देगा। छात्र पढ़ना, लिखना तथा मनन करना तीनों ही गुणों से धीरे-धीरे दूर हो जाएंगे। उनकी अपनी बौद्धिक क्षमता का हा्स होगा। कृत्रिम बौद्धिकता छात्रों में भटकाव भी ला सकती है। तथा उनकी निजता का उल्लघंन भी कर सकती है। यह शिक्षकों को विस्थापित कर देगी और नौकरियों की समस्या भी उत्पन्न होगी।
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अंतर महाविद्यालय कुश्ती में डीएवी शताब्दी के छात्र को कांस्य

फरीदाबाद (पिंकी जोशी) : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक में आयोजित अंतर महाविद्यालय कुश्ती प्रतियोगिता 2024-25 में डीएवी शताब्दी के छात्र तुषार श्रीवास्तव ने कांस्य पदक प्राप्त कर महाविद्यालय का नाम रोशन किया | तुषार ने 92 किलो वर्ग कुश्ती के मुकाबले में तृतीय स्थान हासिल किया | महाविद्यालय पहुँचने पर छात्र का जोरदार स्वागत किया गया | महाविद्यालय की कार्यवाहक प्राचार्या डाॅ. अर्चना भाटिया ने तुषार को कांस्य पदक हासिल करने पर बधाई दी |
खेल एवं शारीरिक शिक्षा विभागाध्यक्ष डॉ. नरेन्द्र दुग्गल ने बताया कि रोहतक में अंतर महाविद्यालय स्तर पर हो रही विभिन्न प्रतियोगिताओं में महाविद्यालय के छात्रों ने पहले दिन से ही अभूतपूर्व प्रदर्शन किया है, जो आगे भी जारी रहेगा | महाविद्यालय के कई छात्र-छात्राओं का चयन नेशनल गेम्स के लिए भी पिछले कुछ दिनों में हुआ है | सभी छात्रों और शिक्षकों को इस उपलब्धि के लिए बधाई |
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डीएवी सेंटेनरी कॉलेज के छात्रों ने अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में भाग लिया

फरीदाबाद (पिंकी जोशी) : कन्वेंशन सेंटर सेक्टर 12, फरीदाबाद में आयोजित अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में डीएवी सेंटेनरी कॉलेज के छात्रों ने भाग लिया | छात्रों ने गीता के श्लोकों का पाठ किया और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लिया। महोत्सव का मुख्य आकर्षण प्रभु श्री कृष्ण के जीवन और शिक्षाओं पर लगाई गई प्रदर्शनी रही | डॉ. सोनिया नारूला ने इस अवसर पर भजन का गायन किया और डॉ. अर्चना भाटिया ने छात्रों को श्रीमद्भगवद्गीता के महत्व के बारे में मार्गदर्शन दिया। इस अवसर पर डॉ. अर्चना भाटिया ने कहा कि यह यात्रा हमारे छात्रों के लिए एक मूल्यवान अनुभव रही।
हमें उम्मीद है कि यह यात्रा हमारे छात्रों को श्रीमद्भगवद्गीता के महत्व के बारे में जानने और इसके संदेशों को अपने दैनिक जीवन में लागू करने के लिए प्रेरित करेगी। डॉ. भाटिया ने डीएवी छात्रों के उत्साह की प्रशंसा की और आध्यात्मिक क्लब की संयोजक डॉ. सोनिया नारूला को बधाई दी जिनके निर्देशन में छात्र स्वयंसेवक टीम ने यात्रा को सफलतापूर्वक संपन्न किया।
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नेशनल जूनियर एथलेटिक्स में डीएवी शताब्दी की छात्रा को कांस्य

फरीदाबाद (पिंकी जोशी) : ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में चल रहे नेशनल जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2024 गेम्स में डीएवी शताब्दी महाविद्यालय की छात्रा मुस्कान ने तृतीय स्थान हासिल किया | मुस्कान ने लॉन्ग जम्प प्रतिस्पर्धा में भाग लिया और तीसरे स्थान पर रहते हुए को कांस्य पदक हासिल किया | महाविद्यालय पहुँचने पर छात्रा का जोरदार स्वागत किया गया |
महाविद्यालय की कार्यवाहक प्राचार्या डाॅ. अर्चना भाटिया ने मुस्कान को कांस्य पदक हासिल करने पर बधाई दी | प्राचार्या ने खेल एवं शारीरिक शिक्षा विभागाध्यक्ष डॉ. नरेन्द्र दुग्गल को भी इस सफलता के लिए बधाई दी जिनके प्रशिक्षण में छात्रा को यह कामयाबी मिली। डॉ. नरेन्द्र दुग्गल ने भी मुस्कान की तारीफ की और भविष्य में बेहतर तयारी के लिए प्रेरित किया |
एक्यूरेट कॉलेज ऑफ लॉ, ग्रेटर नोएडा में अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर मानव गरिमा और समानता उत्सव का आयोजन

ग्रेटर नोएडा (विनोद वैष्णव) : एक्यूरेट कॉलेज ऑफ लॉ, ग्रेटर नोएडा ने अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें 1948 में पारित “मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा (यूनिवर्सल डिक्लेरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स- UDHR)” की 76वीं वर्षगांठ का महत्व रेखांकित किया गया। इस वर्ष की थीम, “Our Rights, Our Future, Right Now (हमारे अधिकार, हमारा भविष्य, अभी)” पर आधारित यह आयोजन मानवाधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उन्हें लागू करने की आवश्यकता पर केंद्रित रहा।

कार्यक्रम में “मानव गरिमा और न्याय बनाए रखने में वैश्विक एकता” पर एक विशेष व्याख्यान दिया गया। इसके साथ ही, पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता, और संगीत प्रस्तुतियों के माध्यम से छात्रों ने अपनी रचनात्मकता और विचारशीलता प्रदर्शित की। इन गतिविधियों ने मानवाधिकारों की अवधारणा को गहराई से समझाने और उसके प्रति जागरूकता फैलाने में योगदान दिया।
विधि संस्थान के निदेशक डॉ0 अजय कुमार तिवारी ने अपने संबोधन में ‘मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा’ के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि “मानवाधिकार केवल अधिकार नहीं हैं, यह हमारी गरिमा और स्वतंत्रता के प्रतीक हैं। वर्तमान समय में इनकी रक्षा करना आवश्यक है ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए न्याय, समानता और सम्मान आधारित समाज का निर्माण हो सके।”
कार्यक्रम के दौरान, संस्थान के प्रबंध निदेशक दीपक शर्मा ने अपनी शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि “यह अवसर हमें मानवाधिकारों के प्रति हमारी जिम्मेदारियों की याद दिलाता है। मैं सभी प्रतिभागियों को बधाई देता हूं जिन्होंने इस कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया और इसे सफल बनाया।”

इस कार्यक्रम में डॉ0 सपना सिंह, विकास कुमार, श्वेता गुप्ता, अंजलि, गरिमा, विनीता झा सहित सभी शिक्षकों, स्टाफ और बी0ए0एलएल0बी0 एवं एलएल0बी0 के विधि छात्रों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन श्वेता गुप्ता ने किया। उन्होंने सभी प्रतिभागियों, शिक्षकों और छात्रों के योगदान के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह आयोजन न केवल मानवाधिकारों की समझ बढ़ाने का माध्यम बना, बल्कि छात्रों को सामाजिक न्याय और समानता के प्रति अधिक जागरूक बनाने में भी सफल रहा। सभी ने मानवाधिकारों के संरक्षण और उनके प्रचार-प्रसार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
डीएवी शताब्दी महाविद्यालय में आयोजित सात दिवसीय शोध कार्यशाला का समापन

फरीदाबाद (पिंकी जोशी) : डीएवी शताब्दी महाविद्यालय में आयोजित छह दिवसीय शोध कार्य पर फैकल्टी के लिए कार्यशाला व प्रशिक्षण का आज समापन सत्र आयोजित किया गया | महाविद्यालय रिसर्च कमेटी द्वारा आईक्यूएसी के तत्वावधान में इसका आयोजन किया गया | कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों को शोध में उपयोग की जाने वाली आधुनिक तकनीकों और शोध पत्रों को प्रकाशित करने के उन्नत तरीकों से परिचित कराना रहा । महाविद्यालयंकी कार्यकारी प्रचार्या डॉ. अर्चना भाटिया ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम न केवल शिक्षकों को नई तकनीकों से जोड़ते हैं, बल्कि उनके शोध कार्य की गुणवत्ता में भी वृद्धि करते हैं।

इस दौरान विभिन्न वक्ताओं ने अलग-अलग विषयों पर अपने विचार साझा किए। प्रथम दिवस बीसीए विभाग के डीन, श्री दिनेश ने “कैसे चैटजीपीटी शोधकर्ताओं के कार्यों को सरल बनाता है” पर चर्चा की। दूसरे दिन, व्यवसाय प्रशासन विभाग की सहायक प्रोफेसर, डॉ. सुमन गर्ग ने “शोध उद्देश्यों के साथ सांख्यिकीय उपकरणों का समन्वय” विषय पर व्याख्यान दिया। तीसरे दिन, बीजेएमसी विभाग की सुश्री कृतिका ने “कैनवा का उपयोग करके रिज्यूमे बनाना और रचनात्मकता विकसित करना” विषय पर प्रस्तुति दी। चौथे दिन, वाणिज्य विभाग की मीनाक्षी आहूजा ने “धन सृजन के लिए लागत प्रभावी रणनीतियाँ” पर जानकारी दी। पांचवें दिन, एमडीयू के पूर्व अकादमिक डीन, डॉ. रविंदर विनायक ने “गुणवत्तापूर्ण अकादमिक शोध का महत्व और एनईपी 2020” पर चर्चा की। अंतिम छठे दिवस आईएमटी फरीदाबाद की उप प्राचार्या, डॉ. पारुल खन्ना ने “जर्नल्स के लिए शोध पत्र लिखने के एबीसीडीइ” पर जानकारी साझा की।
समापन समारोह में, प्राचार्या डॉ. अर्चना भाटिया ने सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया और आश्वासन दिया कि इस प्रकार की कार्यशालाएँ और प्रशिक्षण कार्यक्रम संकाय विकास के लिए भविष्य में भी आयोजित किए जाएंगे। इस कार्यशाला का आयोजन शोध समिति की संयोजिका डॉ. बिंदु रॉय और आईक्यूएसी संयोजक डॉ. जितेंदर ढुल द्वारा किया गया। कार्यशाला एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम की संयोजिका डॉ. इमराना खान और डॉ. निशा सिंह रहीं । इनके साथ आयोजन सचिव के रूप में डॉ. मीनाक्षी हुड्डा और डॉ. रश्मि रतूरी ने भी सहयोग दिया। कॉलेज के वरिष्ठ संकाय सदस्य डॉ. सुनीति आहूजा, डॉ. अंजु गुप्ता, डॉ. रुचि मल्होत्रा, डॉ. अर्चना सिंघल और डॉ. सुनीता डुडेजा ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस कार्यशाला में 80 से अधिक शिक्षकों ने भाग लिया।
शताब्दी महाविद्यालय में एचआईवी एड्स पर जागरूकता रैली

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव) : एचआईवी एड्स दिवस पर डीएवी शताब्दी महाविद्यालय में एक जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। रैली का मुख्य उद्देश्य एचआईवी एड्स के बारे में जागरूकता बढ़ाना तथा इस रोग से जुड़े कलंक और परस्पर भेदभाव को मिटाना रहा। युवा रेड क्रॉस सदस्यों के साथ एनएसएस और एनसीसी के छात्रों ने भी रैली में उत्साहपूर्वक भाग लिया। महाविद्यालय की कार्यकारी प्राचार्या डॉ. अर्चना भाटिया ने युवा रेड क्रॉस, एनसीसी और एनएसएस के सभी स्वयंसेवकों को इस प्रकार के सामाजिक सरोकारों में भाग लेने और एचआईवी एड्स के बारे में जानकारी फैलाने के लिए प्रेरित किया।
रैली महाविद्यालय के गेट से शुरू होकर शहर के प्रमुख इलाकों से गुजरी जिससे समुदायों के साथ अधिकतम दृश्यता से जुड़ाव सुनिश्चित हुआ। प्रतिभागियों ने एचआईवी एड्स जागरूकता पर प्रभावशाली नारे और संदेश वाले बैनर, तख्तियां और पोस्टर रखे। नारों के जरिये एड्स के प्रति जरूरी शिक्षा, रोकथाम और समावेशिता के महत्व पर जोर दिया गया। इस मौके पर डॉ जितेंद्र ढुल, दिनेश कुमार, कविता शर्मा, नेत्रपाल सैन, ओमिता जोहर के साथ अन्य शिक्षक गण मौजूद रहे
जी.बी.एन. सीनियर सेकेंडरी, 21डी विद्यालय में क्रिसमस कार्निवल की मची धूम

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव) : भारत देश विविधताओँ से भरा हुआ है। यह अपने अंदर अनेकता में एकता को समेटे हुए है। इसी को चरितार्थ करते हुए जी. बी. एन. सीनियर सेकेंडरी, 21 डी विद्यालय में अत्यंत मनोरंजकपूर्ण तरीके से क्रिसमस कार्निवल मनाया गया। इस उत्सव के दौरान, विद्यालय के छात्रों ने क्रिसमस के अवसर पर एक अद्वितीय और मनोहारी वातावरण तैयार किया। विद्यालय के परिसर में बढ़ती उत्साही भीड़ ने छात्रों और अध्यापकों का मनोबल बढ़ाया।
विद्यालय की प्रेरणा स्त्रोत निदेशिका श्रीमती अनीता सूद जी और कर्मठ प्रधानाचार्या डॉ निशा शर्मा जी ने सभी बच्चों तथा अभिभावकों को क्रिसमस एवं आने वाले नव वर्ष की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर एक बार फिर प्रधानाचार्या ने छात्रों के समक्ष सशक्तिकरण और विकास से संबंधित बातें साझा कीं। उन्होंने कहा, “इस उत्सव के माध्यम से हम न केवल हमारी संस्कृति और एकता को मजबूती से बनाए रखते हैं, बल्कि हमारे छात्रों को भी विभिन्न क्षेत्रों में अपने आत्मविकास के लिए प्रेरित करते हैं। स्कूल के परिसर में बढ़ती उत्साही भीड़ ने विद्यालय की रौनक में चार चाँद लगा दिए। नन्हें- मुन्ने बच्चों की फैन्सी ड्रेस प्रतियोगिता भी आयोजित हुई।
विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। विद्यार्थियों ने सजीव नृत्य और गीतों का प्रदर्शन किया। क्रिसमस के अवसर पर क्रिसमस कार्ड, जिंगल बैल, सांता क्लॉज, फेस मास्क, स्नो मैन , लकी ड्रॉ, टैटू कॉर्नर, जादू का खेल, सेल्फी कॉर्नर आदि अनेक गतिविधियां हुईं। यह क्रिसमस कार्निवल स्कूल के छात्रों के बीच साझेदारी, सांता क्लॉज़ की मुस्कान और समृद्धि के पर्व का सफल आयोजन रहा।
Artificial Intelligence किस प्रकार शिक्षा को बदल रही है : KCM PUBLIC HIGH SCHOOL की प्रिंसिपल से