बाबा मोहन राम मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा की ज्योति प्रज्वलित कर जजपा नेता मनोज गोयल को व्यास जी ने दिया आशीर्वाद

बल्लबगढ़सु l सुभाष कॉलोनी स्थित बाबा मोहन राम मंदिर के प्रांगण में बुधवार को जजपा वरिष्ठ नेता मनोज गोयल व डॉक्टर दिनेश डागर झारसैंतली ने संयुक्त रुप से ज्योति प्रज्वलित पश्चात श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ व्यास सुनील ठाकुर द्वारा किया गया लेकिन कथा से पूर्व महिलाओं, पुरुषों एवं बच्चों ने मंदिर स्थल से भव्य कलश यात्रा आगे बढ़ते हुए लगभग 2 किलोमीटर की परिक्रमा मंदिर स्थल पर पूर्ण हुई। जहां पर श्रद्धालुओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया।

कथा वाचक व्यास सुनील ठाकुर जी (वृंदावन) ने कलश जल से अभिसंचित कर कथा का शुभारंभ किया।

श्रीमद् भागवत कथा शुभारंभ के दौरान जजपा वरिष्ठ नेता मनोज गोयल ने ज्योत प्रज्वलित पश्चात व्यास सुनील ठाकुर जी को फूलों की माला पहनाकर उनका स्नेह पूर्वक स्वागत किया जहां पर जजपा नेता मनोज गोयल व डॉ दिनेश डागर ने श्रद्धा पूर्वक हाथ जोड़कर अग्नि ज्योत को नमन किया उसके पश्चात बाबा मोहन राम मंदिर की संचालिका माता भूदेवी को जजपा नेता ने श्रीमद् भागवत कथा के समापन दौरान भंडारे में स्वेच्छा पूर्वक खाद्य सामग्री मंदिर स्थल पर भिजवाने की इच्छा व्यक्त की तो जननायक जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मनोज गोयल श्रद्धालुओं को बोले कि प्रत्येक मानव पानी के बबूले समान है इसलिए किसी व्यक्ति को भी ईश्वर को साक्षी मानकर और गुरु के चरणों का गुणगान करते हुए भवसागर को पार करने की दृढ़ इच्छा होनी चाहिए इसलिए सभी को प्रलोभन के दलदल से दूर रहकर सद मार्ग पर चलना चाहिए उन्होंने कहा की जनहित की समस्याओं को लेकर सरकार भी गंभीर है अगर फिर भी कोई लोगों की छोटी मोटी समस्याएं हैं तो निस्वार्थ भाव से जन सेवा को समर्पित हैं और रहेंगे।

अगली कड़ी में व्यास सुनील ठाकुर जी ने श्रीमद्भागवत पुराण की महत्ता का वर्णन करते हुए कहा कि कलयुग में भागवत कथा श्रवण से ही मोक्ष की प्राप्ति होती है। कलयुग के प्रवेश करते ही राजा परीक्षित की बुद्धि का हरण हुआ और उन्होंने अज्ञानता वश तपस्या में लीन ऋषि के गले में सर्प डाल दिया। इस पाप से मुक्ति पाने को राजा परीक्षित ने सात दिनों तक श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण किया। कथा श्रवण से ही उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई। बताया कि सनातन धर्म में मनुष्य को पाप कर्म और असामाजिक कृत्यों को करने से रोकने के लिए पुराणों और धार्मिक ग्रंथों में अनेक प्रसंग दिए गए हैं। इन प्रसंगों के श्रवण से जीवन में सात्विकता आती है। सात्विक जीवन ही व्यक्ति को पुण्य की ओर ले जाता है और जो व्यक्ति पुण्य कर्म करता है। वह मोक्ष की प्राप्ति करता है। कलयुग में केवल कथा ही मनुष्य की व्यथा दूर कर सकती है।
इस श्रीमद् भागवत कथा की संयोजिका और बाबा मोहन राम मंदिर की सेविका माता भूदेवी के साथ मंदिर के श्रद्धालुओं बाबा नंद किशोर. विजयपाल मिंटू और पंडतानी मालती. पूजा. शीला. लिखो देवी. दयावती व क्षेत्रीय लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।

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