सतयुग दर्शन विद्यालय ने अपनी एक सप्ताह की दीवाली की छुट्टियों का आरंभ एक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ आरंभ किया।
इस कार्यक्रम को -“धन्यवाद अभिभावकगण”- का नाम दिया गया।
जैसा कि इस कार्यक्रम का नाम रखा गया, इसके अनुरूप ही इसे सांस्कृतिक रूप भी दिया गया। इस अवसर पर छात्रों के अभिभावकों के साथ उनके दादा-दादी व नाना-नानी भी विशेष रूप से निमंत्रित थे।
विशाल ऑडिटोरियम छात्रों,अभिभावकों व उनके वरिष्ठ अभिभावकों तथा अन्य अथितियों से भरपूर था।
कार्यक्रम में छात्रों ने अपने अभिभावकों व वरिष्ठ अभिभावकों के सम्मान में बहुत सारी मनोरंजक , शिक्षाप्रद व प्रेरणादायक सांस्कृतिक झलकियाँ प्रस्तुत की। इस प्रकार के संस्कारों की आज के वर्तमान परिप्रेक्ष्य में महती आवश्यकता भी है।
कार्यक्रम में अभिभावकों के लिए भी अनेक मनोरंजक गतिविधियों को स्थान दिया गया। जिसमें अभिभावकों को भी प्रतिभागिता के अवसर प्रदान किए गए। जिससे सभी अभिभावकों को सम्पूर्ण कार्यक्रम में घर जैसे वातावरण [अपनेपन] का व भरपूर रोमांच का अहसास हो रहा था।
कार्यक्रम में सतयुग दर्शन ट्रस्ट के मार्गदर्शक श्रद्धेय सर्व श्री सजन जी ने अधिक व्यस्तता की वजह से शिरकत न कर पाने के कारण अपनी तरफ़ से सभी छात्रों व उनके अभिभावकों के लिए दीवाली की मङ्गलमय खुशियों से भरपूर सन्देश भेजा।
कार्यक्रम में विद्यालय के चेयरमैन श्री मोहित नारंग जी, प्रधानाचार्य श्री नीरज मोहन पुरी जी व शहर के अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
कार्यक्रम के समापन पर विद्यालय की प्रबंधन समिति की ओर से विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री नीरज मोहन पुरी जी ने सभी उपस्थित अभिभावकों, गणमान्य अथितियों तथा नागरिकों का हार्दिक अभिनंदन किया। उन्होंने कार्यक्रम में शिरकत करने वाले सभी उपस्थित जनों व अथितियों का आभार व्यक्त किया। प्रधानाचार्य जी ने अपने सम्बोधन में छात्रों को जीवन में अपने माता-पिता, दादा-दादी व अन्य सभी बड़ों का सम्मान करने जैसे संस्कार को अपनाए रहने का भावुक संदेश देते हुए दीवाली की ढेरों शुभकामनाएं दी।
वास्तव में यह कार्यक्रम भाव विभोर करने वाला, अविस्मरणीय व रोमांचक था