भारतीय संगीत का वट वक्षृ बहुत विषाल: पर्यटन मंत्री प्रो.रामबिलास शर्मा

सूरजकुण्ड, ( विनोद वैष्णव ) फरीदाबाद के सूरजकुंड में चल रहे 32वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड षिल्प मेला में आज की सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ हरियाणा के पर्यटन मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने दीप प्रज्जवलित करके किया। इस अवसर पर चंडीगढ के मषहूर कलाकार सुभाष घोष नेे अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से दर्षकों के दिलों पर अमिट छाप छोडी और सांस्कृतिक संध्या को खुषनुमा बना दिया। उन्होंने शास्त्रीय संगीत और पष्चिमी संगीत का ऐसा फ्यूजन व रूप प्रस्तुत किया, जिसे सुनकर सभी श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। दर्षकांे खासतौर पर युवाओं ने उनके फ्यूजन को खूब पसंद किया। सुभाष घोष ने अपने वाद्य ‘स्वर रागिनी’ से सांस्कृतिक संध्या में स्वर, लय, ताल का अद्भुत जादू बिखेरा और दर्षकों व श्रोताओं को फ्यूजन से सराबोर कर दिया। उन्होंने संगीत के सुन्दर संगम से महफिल में खूब रंग जमाया। दर्शकों ने बेहद संजीदगी के साथ उनकी प्रस्तुतियों का आनंद लिया और जमकर तालियां बजाईं। इस मौके पर गायिका आभा व गायक गुरबीर सिंह, अवीर भव व रजनीष ने तबला, मुनीष व राजेन्द्र ने की-बोर्ड, ओक्टोपेड पर रमेष, गिटार पर दीपक ने साथ दिया। गायिका आभा ने मेरे रष्के कमर, तूने पहली नजर गाने….. के अलावा अन्य गीतों के माध्यम से सांस्कृति संध्या को सुरमयी बना दिया।इस मौके पर हरियाणा के पर्यटन मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने कहा कि संगीत भारत की प्राचीन विद्या है और यह भारतीय संस्कृति की आत्मा है। उन्होंने कहा कि भारतीय संगीत का वट वक्षृ बहुत विषाल। लोगों को भारतीय गीत-संगीत से रूबरू कराने के लिए इस प्रकार के मंच एवं सांस्कृतिक संध्या अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उन्होंने कलाकारों से इस संस्कृति को जीवित रखते हुए इसे और आगे ले जाने की अपील की।इस मौके पर हरियाणा पर्यटन निगम के प्रबंध निदेषक एवं सूरजकुंड मेला प्राधिकरण के मुख्य प्रषासक श्री समीर पाल सरो ने पर्यटन मंत्री श्री रामबिलास शर्मा का सांस्कृतिक संध्या में पहुंचने पर स्वागत एवं आभार व्यक्त किया। सांस्कृति संध्या में मेला प्रषासक सुधांषु गौतम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी व गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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