सूरजकुण्ड( विनोद वैष्णव ) | हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सौलंकी ने 32वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड मेला के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए कहा कि हरियाणा और उत्तर प्रदेष राज्य पूरे विष्व में परस्पर शांति, एकता, आपसी सद्भाव और समृद्धि के लिए बहुत महत्पूर्ण हैं और सूरजकुंड मेला पूरे भारतवर्ष की वसुधैव कुटंबकम की सोच का मार्ग प्रषस्त कर रहा है। अब वो समय आ गया है कि पूरा विष्व इसका अनुसरण करें।
राज्यपाल ने कहा कि हरियाणा प्रदेष वह स्थली है जहां सरस्वती नदी के किनारे बैठकर वेदों की रचना की गई और गीता का संदेष दिया गया। प्रसिद्ध कवि रविंद्रनाथ टैगोर ने गीतांजलि में भी पूरे विष्व को एक सूत्र में बांधने की बात कही है, जिसको सूरजकुंड मेला वर्षों से आत्मसात कर रहा है। सूरजकुंड मेला ने पूरे विष्व को एक पारिवारिक सूत्र में बांधने का काम किया है, क्योंकि जिस मेले में 25 देष भाग ले रहे हों वह एक विष्वव्यापी परिवार हो जाता है। उन्होंने किर्गिस्तान को कंट्री पार्टनर और उत्तर प्रदेष को थीम स्टेट बनाने के लिए हरियाणा सरकार को भी बधाई दी।
प्रो. कप्तान सिंह सौलंकी ने कहा कि उत्तर प्रदेष एक ऐसा आध्यात्मिक प्रदेष है। जहां श्री कृष्ण और श्रीराम ने जन्म लिया है और हरियाणा ऐसा प्रदेष है जहां पर भगवान श्री कृष्ण ने जीवन को जीने का गीता का संदेष कुरूक्षेत्र की पावन धरा से दिया। उन्होंने कहा कि सूरजकुंड मेला 1987 में प्रारंभ हुआ था और निरंतर प्रगति के बाद यह अभूतपूर्व रूप से आगे बढ रहा है। पिछले वर्ष जहां 1012 के करीब दुकानंे मेला में लगाई गई वहीं इस बार इनकी संख्या 1070 पहुंच गई है। इस बार 13 लाख पर्यटकों ने सूरजकुंड मेला देखा है इनमें एक लाख विदेषी पर्यटक भी शामिल थे। सूरजकुंड मेला हरियाणा की पहचान बन चुका है।
महामहिम राज्यपाल ने कहा कि हरियाणा प्रदेष आज के समय में षिक्षा और खेल के क्षेत्र में नित नए आयाम स्थापित कर रहा है।
नई सरकार बनने के बाद जहां हरियाणा विष्वकर्मा कौषल विष्वविद्यालय स्थापित किया गया है वहीं खेल और आयुष विष्वविद्यालय बनाने का सपना भी इस सरकार ने संजोया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से खेलों इंडिया प्रतियोगिता में हरियाणा ने 38 स्वर्ण पदक जीतकर पहला स्थान प्राप्त किया है, जिससे खेलों में स्वर्णिम भविष्य नजर आ रहा है।
किर्गिस्तान की राजदूत समरगियूल अदामकुलोवा ने हिंदी में नमस्ते कर सबका शुक्रिया अदा किया और कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से विभिन्न देषों के बीच आपसी राजनयिक संबंध मजबूत होते हैं। उन्होंने किर्गिस्तान को बतौर कंट्री पार्टनर चुनने के लिए प्रदेष सरकार का धन्यवाद किया।
हरियाणा के पर्यटन मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने कहा कि 28 देषों के प्रतिभागियों ने जिस तरह से सूरजकुंड मेला में भाग लिया है वह अपने आप में अभूतपूर्व है। इस बार का मेला अब तक का सबसे बड़ा मेला है। उन्होंने पर्यटन विभाग की ओर से सभी का स्वागत करते हुए कहा कि इस मेले को सफल बनाने के लिए सभी कलाकारों, पुलिस अधिकारियों, मेला अधिकारियों, पर्यटन व अन्य विभागों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है जिसके लिए सभी बधाई के पात्र हैं।
प्रो. रामबिलास शर्मा ने कहा कि सभी कलाकारों ने अपनी कलाओं का उत्कृष्ट योगदान दिया है और कला के कद्रदानों ने उन कलाकारों का सम्मान भी किया है। उन्होंने कहा कि वे व्यक्तिगत तौर पर कई विदेषी स्टालों पर गए थे, कईयों से उनकी बिक्री के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वंडरफुल। रामबिलास शर्मा ने कहा कि भविष्य में मेले को और भव्य तरीके से लगाया जाएगा।
उत्तर प्रदेष की पर्यटन मंत्री डा. रीता बहुगुणा जोषी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड मेला आर्ट एंड का्रफ्ट मेला के रूप में विष्व में विख्यात हुआ है।
इसी तर्ज पर उत्तर प्रदेष में भी लखनऊ के अंदर आर्ट एंड क्राफ्ट मेले की शुरूआत की जाएगी। यह मेला विविध संस्कृतियों और सभ्यताओं को समेटे हुए है। उन्होंने कहा कि कला में मानवीय संवेदनाओं को समेटने का दम होता है। ऐसे मेले हमारी सांस्कृतिक धराहरें हैं।
डा. रीता बहुगुणा जोषी ने कहा कि उत्तर प्रदेष की ओर से मेले मंे प्राचीन धरोहरों को पर्यटकों के बीच रखने का प्रयास किया है। यूपी की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत जिनमें बृज, कृष्ण, राम और बुद्ध की विरासत मुख्य रूप से हैं। यहां वाराणसी के घाटों को भी दिखाने का प्रयास किया गया है। इसके साथ-साथ प्रयाग में लगने वाला कुंभ का मेला भी दिखाया गया है। उन्होंने यूपी को थीम स्टेट बनाने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का धन्यवाद भी किया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यटन विभाग हरियाणा विजय वर्धन ने विभाग की ओर से सभी का धन्यवाद किया।
इससे पहले राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सौलंकी, षिक्ष मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा, यूपी की पर्यटन मंत्री डा. रीता बहुगुणा जोषी ने यूपी के अपना घर के साथ-साथ मेले का अवलोकन भी किया और इस दौरान श्री सिद्धदाता आश्रम स्थित स्वामी सुदर्षनाचार्य वेद वेदांग संस्कृत महाविद्यालय के वेद छात्रों ने सूरजकुंड मेला में बने बनारस के घाट पर गंगा आरती की एवं सभी अतिथियों का तिलक चंदन से स्वागत किया। इस मौके पर हरियाणा पर्यटन निगम के चैयरमेन श्री जगदीष चैपडा, बीजेपी जिलाध्यक्ष गोपाल षर्मा, विधायक मूलचन्द शर्मा, जिला परिषद चेयरमैन चमेली देवी सोलंकी, महिला जिलाध्यक्ष अनीता शर्मा, फरीदाबाद मंडल की आयुक्त जी. अनुपमा, हरियाणा पर्यटन विभाग के प्रबंध निदेषक एवं सूरजकुंड मेला प्राधिकरण के मुख्य प्रषासक श्री समीर पाल सरो, उपायुक्त फरीदाबाद अतुल कुमार, मेला प्रषासक सुधांषु गौतम, मेला कमाण्डर डीसीपी विरेन्द्र विज, यूपी की लोक गायिका मालिनी अवस्थी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी व गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
सूरजकुण्ड, (फरीदाबाद) 18 फरवरी- 32वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड मेले के समापन समारोह में महामहिम राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सौलंकी ने विभिन्न क्षेत्रों में कलाकारों को पुरस्कृत किया।
कलानिधि पुरस्कार के लिए हिमाचल के नरोतम राम, उतराखंड के तुलपराम, असम के निषचेष्वरी राभा, मदागसकार के रसौअरी मलाला, पष्चिम बंगाल के पुतुलदास मित्रा, दिल्ली के महेषचंद शर्मा, फरीदाबाद हरियाणा के उदित नारायण, तमिलनाडू के एसके सावन को पुरस्कृत किया गया।
कला श्री पुरस्कार के लिए यूगंाडा के अलिंदा, जोषेलियन, राजस्थान के मो. आसिफ, टर्की के हेरूल्ला कारके, अफगानिस्तान के मो. इषाक तिमोरजादा, किर्गिस्तान के नूरदान, तमिलनाडू के पी संगोतुवेल, हरियाणा की निषा और यूपी के यूसुफ अहमद को पुरस्कृत किया गया। कलामणि के लिए उडीसा के सेबाराम मेहर, राजस्थान के रामसोनी, उडीसा के गणेष साहु, पष्चिम बंगाल के सोबिहार बानू, आंध्रप्रदेष के सींधे श्री रामलू, गुजरात के पंकज भाई डूंगरा भाई मकवाना, राजस्थान के असरफ हसन और यूपी के नसीम अहमद को सम्मानित किया गया। इसी तरह कलारत्न पुरस्कार के लिए भूटान के नगवान दिमा और परंपरागत के लिए राजस्थान के कल्याणमल साहू को पुरस्कृत किया गया।
यूपी के अजय कुमार भारद्वाज और प्रमोद कुमार के साथ-साथ वैजले फूड के प्रतिनिधियांे को भी सम्मानित किया गया।