गुरुग्राम /सोहना (विनोद वैष्णव )| मेहनत की स्याही से जो लिखते है मुकद्दर, उनकी किस्मत के पन्ने कभी कोरे नहीं रहते। ऐसा ही हुआ है गुरुग्राम जिले के खंड सोहना के अनुसूचित जाति के गाँव चमनपुरा के ग्रामीणों के साथ। जहां आजादी के बाद पहली बार लोहसिंघानी गाँव से अलग होकर आजाद हुए चमनपुरा गाँव की नई पंचायत की स्थापना गत 23 फरवरी 2021 को हुई वहीं गत 12 नवम्बर 2022 को आजाद चमनपुरा की नवगठित ग्राम पंचायत को प्रचंड बहुमत से विजयी श्रीमती आशा पत्नी चौ विजयपाल पहली महिला सरपंच मिली। सरपंच आशा गाँव चमनपुरा के स्वर्गीय चौ. नन्हेराम गरीबा की पोत्र वधू तथा चौ. हरिसिंह की बडी पुत्र वधू है। सरपंच आशा का कहना है कि हरियाणा सरकार व जिला उपायुक्त गुरुग्राम आदेशानुसार हदबस्त नम्बर 226 में विद्यमान साल 2018-2019 की जमाबंदी अनुसार लोहसिंघानी ग्राम पंचायत का कुल रकबा 374 कनाल 7 मरले का बंटवारा करते हुए लोहसिंघानी ग्राम पंचायत के हिस्से में 225 कनाल 15 मरले रकबा और नवगठित ग्राम पंचायत चमनपुरा के हिस्से में 148 कनाल 12 मरले रकबा दिया है। ग्राम पंचायत चमनपुरा के हिस्से के 148 कनाल 12 मरले रकबे में मुसतील नम्बर 43 के किला नम्बर 2 (7-7), 3 (7-7), 4(7-7), 5(7-7), 8(8-0), 9(8-0),12(8-0), 13(8-0), 1/2(3-13), 10/2(4-0), 11/2(4-16) मुसतील नम्बर 26 का किला नम्बर 15/2(6-0), खसरा नम्बर 51(15-2), 52(15-1), 75(3-14), 76(0-19), 74(4-1), 64(0-18), 68(1-1), 69(1-11), 59(17-5), 49 मुसतील का किला नम्बर 14 (3-12), 49 मुसतील नम्बर का किला नम्बर 1/1(0-5), 1/2(0-3), 2/3(0-3), 2/5(0-3), 2/6(0-3), 2/7(0-3), 2/8(0-3), 2/10(0-3), 2/11(0-3), 2/12(0-3), 2/13(0-3), 2/31(0-4), 2/35(0-6), 2/46(0-4), 2/50(0-4), 5/12(0-10), 10/2/1(0-4), 10/2/2(0-2), 10/2/3/1(0-3), 10/2/4/(0-12), 10/2/9(0-3), 10/2/14(0-2) और 10/2/17(0-2) अर्थात कुल 148 कनाल 12 मरले रकबा ग्राम पंचायत चमनपुरा को मिला है। सरपंच आशा ग्राम पंचायत चमनपुरा का कहना है कि रकबे के बँटवारे की खास बात यह है कि सरकार ने पंचायत के आम चुनाव से पहले दोनों गाँव की शांतिपूर्ण सहअस्तित्व व भाई चारे को कायम रखने के लिए प्रशासकीय स्तर पर इस रकबे का बंटवारा हरियाणा सरकार के नियमानुसार व आदेशानुसार जिला उपायुक्त गुरुग्राम ने 2011 की जनगणना अनुसार लोहसिंघानी गाँव की कुल आबादी 1159 अर्थात 62 प्रतिशत व चमनपुरा गाँव की कुल आबादी 700 अर्थात 38 प्रतिशत जनसंख्या के अनुपात अनुसार तथा गाँव लोहसिंघानी के भूतपूर्व ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों व ग्राम सभा के चमनपुरा गाँव के हिस्से के रकबे देने के पारित प्रस्ताव, हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 1994 तथा संशोधित हरियाणा पंचायती राज नियम 1995 के अनुसार किया है। रकबे के इस बंटवारे के दौरान गाँव चमनपुरा व लोहसिंघानी दोनों को अलग -अलग श्मशान घाट रास्ता सहित दिया चमनपुरा को खसरा नम्बर 74 (4-1)श्मशान घाट रास्ता सहित तथा लोहसिंघानी को खसरा नम्बर 73 (3-18) रास्ता सहित दे दिया। क्योंकि पहले इन दोनों श्मशान घाट पर लोहसिंघानी के लोग उपयोग करते थे और चमनपुरा गाँव के लोग बिना रास्ते वाला खसरा नम्बर 75 का मरघट में शव दाह-संस्कार करने को मजबूर थे जिसके रास्ते लगाने बाबत मंडल आयुक्त गुरुग्राम के कोर्ट केस नम्बर 26/2012 का फैसला आ चुका था लेकिन लोहसिंघानी गाँव के भूतपूर्व सरपंच फैसला आने के बाद भी उक्त मरघट का रास्ता लगवाने को तैयार नहीं थे। इधर जमींदार भी अपनी जमीन को रास्ता हेतु देने को तैयार नहीं थे, तो सरकार ने अनुसूचित जाति के गाँव चमनपुरा की नवगठित ग्राम पंचायत को खसरा नम्बर 74 का श्मशान घाट रास्ता सहित देकर लाभान्वित करने व रकबे का बंटवारा करने उपरांत चमनपुरा के हिस्से के रकबे का इन्द्राज रिकॉर्ड मुटेशन दर्ज करवाने पर समस्त ग्राम पंचायत चमनपुरा व चमनपुरा ग्रामवासी हरियाणा सरकार व जिला उपायुक्त गुरुग्राम सहित समस्त प्रशासनिक अधिकारियों का आभार व्यक्त करते है। सरपंच श्रीमती आशा का कहना है चमनपुरा को पंचायत का दर्जा दिलाने व रकबे का बंटवारा करवाने में चमनपुरा के पेशे से शिक्षक, शिक्षाविद व समाजसेवी कल्याण सिंह भारत ने लम्बा संघर्ष करके अहम भूमिका अदा की है। चमनपुरा गाँव सदैव इनके साहसिक कृत्य के लिए ऋणी रहेगा। मिस्टर कल्याण सिंह भारत इन सब का श्रेय अपने मार्गदर्शक बाबा साहब डा भीमराव अम्बेडकर को देते है जिनसे उनको इस बारे प्रेरणा मिली। सरपंच का कहना है कि सरकार के आदेशानुसार जिला उपायुक्त ने लोहसिंघानी ग्राम पंचायत को अपने समस्त चल सम्पति से चमनपुरा के हिस्से चल सम्पति पंचायत फंड व पट्टे की राशि से 295315 रूपये देने तथा एनएच 148 एनए में अर्जित ग्राम पंचायत की भूमि के मुआवजे की राशि में से 484974 रूपये देने के लिए कारवाई करने आदेश दिए थे लेकिन नव निर्वाचित ग्राम पंचायत लोहसिंघानी हरियाणा सरकार व जिला उपायुक्त के आदेश की अवेहलना करके तानाशाही रवैया अपना रही है क्योंकि रकबे का बंटवारा लोहसिंघानी के राजनीतिक लोग खुश नहीं है और चमनपुरा के हिस्से की चल सम्पति की उक्त राशि देने में आनाकानी कर रही है जो सरासर गलत, गैरकानूनी तथा असंवैधानिक है।
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