– सूरजकुंड मेला परिसर में तीन से 10 नवंबर तक आयोजित होगा पहला दीवाली उत्सव, अधिकारियों की मीटिंग में की सौंपी जिम्मेदारियां
– बड़ी चौपाल पर बिखरेगी सांस्कृतिक छटा, मेले का पूरा थीम दिवाली त्योहार पर रहेगा केंद्रित
– हैंडीक्राफ्ट की बजाए दिवाली की शॉपिंग के स्टालों पर रहेगा फोकस, प्रथम उत्सव को खास बनाने की तैयारी
फरीदाबाद, 19 अक्टूबर। पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव एमडी सिन्हा ने कहा कि विश्व प्रसिद्ध सूरजकुंड मेला परिसर में इस बार पहला दीवाली उत्सव मनाने के लिए सभी तैयारियां अंतिम चरण में हैं। तीन नवंबर से शुरू होने वाला यह उत्सव 10 नवंबर तक चलेगा। उत्सव की तैयारियों को लेकर उन्होंने सभी विभागों के अधिकारियों के साथ मीटिंग भी की। मीटिंग में पुलिस आयुञ्चत राकेश आर्य, उपायुञ्चत विक्रम सिंह, पर्यटन विभाग के एमडी नीरज कुमार, डीसीपी एनआईटी अमित यशवर्धन, एडीसी आनंद शर्मा, एसडीएम बड़खल अमित मान सहित सभी विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
मीटिंग में अधिकारियों को निर्देश देते हुए प्रधान सचिव एमडी सिन्हा ने कहा कि मेले का स्वरूप अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले से छोटा रहेगा लेकिन इसके बावजूद पर्यटकों के उत्साह को देखते हुए हरियाणा पर्यटन विकास निगम इस उत्सव को भी भव्य व आकर्षक बनाने की तैयारियों में जुट गया है। उन्होंने कहा कि मेले में आने वाले पर्यटकों के लिए 30 रुपये की एंट्री टिकट रखी गई है। इसके साथ ही 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए एंट्री फ्री रखी गई है। स्कूली विद्यार्थी भी अपना पहचान पत्र दिखाकर एंट्री कर सकते हैं। पत्रकारों के लिए भी पहचान पत्र के आधार पर इंट्री रखी गई है। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि यह पहला दीवाली उत्सव है और आने वाले वर्षों में यह बड़ा स्वरूप लेेगा। उन्होंने कहा उत्सव के दौरान लोग मेले में आकर दिवाली से संबंधित खरीदारी कर सकेंगे। मीटिंग में उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था, पार्किंग व्यवस्था, फायर सेक्रेटरी, स्वास्थ्य सेवाओं, सफाई व्यवस्था, बिजली व्यवस्था सहित सभी विषयों पर अलग-अलग विभागों के अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए।
उन्होंने बताया कि फरवरी माह में लगने वाले अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में हर साल लाखों पर्यटक देश-विदेश की कला-संस्कृति, खान-पान, हैंडीक्राफ्ट का आनंद लेने व खरीदारी के लिए आते हैं। उन्होंने बताया कि इस बार पर्यटकों की मांग को देखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस मेला परिसर में पहली बार दिवाली मेला आयोजित करने का तोहफा दिया है। उन्होंने बताया कि दीवाली मेले का स्वरूप अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले से छोटा रहेगा। पहली बार लगने वाले दीवाली मेले के लिए परिसर के एक तिहाई क्षेत्र को ही प्रयोग किया जाएगा। शुरुआत में पहले साल करीब 300 स्टाल ही तैयार किए जाएंगे। चूंकि अंतरराष्ट्रीय मेले का फोकस हैंडीक्राफ्ट होता है इसलिए इस मेले को हैंडीक्राफ्ट की बजाए दीवाली के सामान व त्यौहार से जुड़ी खरीदारी पर केंद्रित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मेले में बड़ी चौपाल पर लगातार सांस्कृतिक कार्यक्रम चलेंगे जिसमें पूरी तरह से भारतीय सांस्कृतिक परंपराओं की झलक दिखाई देगी। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों के साथ मेला परिसर व बड़ी चौपाल का जायजा भी लिया। उन्होंने बताया कि दीपोत्सव दिवाली उत्सव का खास आकर्षण रहने वाला है। उन्होंने बताया कि प्राचीन सूरजकुंड को दीपों से सजाकर दीपोत्सव करने के लिए आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से अनुमति लेने के लिए पत्र भी लिखा गया है। जल्द ही यह अनुमति मिलने की भी उम्मीद है। अगर अनुमति नहीं मिलती है तो बड़ी चौपाल पर ही दीपोत्सव किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मेले में खान-पान के लिए विशेष तौर पर फूड कोर्ट सजाई जा रही है। यहां दीवाली मेले में आने वाले पर्यटक अच्छे खान-पान का आनंद ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि मेले का उद्देश्य पर्यटकों के त्योहारी सीजन को खास बनाना है और इसके लिए हरियाणा पर्यटन विकास निगम तैयारियों को बेहतरीन बनाने में जुटा है।