फ़रीदाबाद (विनोद वैष्णव) : मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फ़रीदाबाद ने रोबोटिक घुटना रिप्लेसमेंट सर्जरी के उद्घाटन के साथ गर्व से चिकित्सा नवीनीकरण और आर्थोपेडिक एक्सीलेंस के एक नए युग की शुरुआत की। अत्याधुनिक रोबोटिक सपोर्ट को शामिल करके मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स आर्थोपेडिक्स में मरीजों को फिर से पैरों पर खड़ा करने और जीवन की गुणवत्ता को बेहतरीन बनाने हेतु एक सुरक्षित, अधिक सटीक और अंततः अधिक फायदेमंद दिशा प्रदान करने के लिए एक क्रांतिकारी प्रक्रिया को अपना रहा है । आर्थोपेडिक टीम का नेतृत्व डॉ. अनुराग अग्रवाल, डायरेक्टर – आर्थोपेडिक्स, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फ़रीदाबाद द्वारा किया जाता है। डॉ. अनुराग को डॉ. विनीत विमल करण एसोसिएट कंसल्टेंट ऑर्थोपेडिक्स और डॉ. रोहित ठक्कर, एसोसिएट कंसल्टेंट हड्डी रोग विशेषज्ञ, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल फ़रीदाबाद काफी सहयोग करते हैं।
मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स ने एक एडवांस्ड रोबोटिक प्रणाली का उद्घाटन किया है जो दुनिया के अपनी तरह के पूर्ण स्वचालित उपकरण का प्रतिनिधित्व करती है। इस बेहद उन्नत तकनीक की मदद से मरीज के एडमिट होने के केवल दो घंटे के अंदर शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं को किया जा सकता है और सर्जरी के बाद सात से आठ घंटे के भीतर मरीज चलने-फिरने लगता है। पूरी तरह से स्वचालित इस रोबोटिक प्रणाली द्वारा आंशिक और पूर्ण घुटने का प्रत्यारोपण करना भी संभव है। इसके अलावा यह टीम यूनिकॉन्डाइलर घुटने रिप्लेसमेंट करने में भी सक्षम है। यह अनूठी सुविधा केवल मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल फरीदाबाद में उपलब्ध है। भविष्य में जल्द ही हॉस्पिटल की तरफ से कूल्हा रिप्लेसमेंट की सुविधा भी शुरू की जाएगी। इस रोबोट में गैप बैलेंसिंग की भी एक अनूठी विशेषता है जो अन्य रोबोटों में मौजूद नहीं है। इससे इम्प्लांट प्लेसमेंट में सुधार होता है और इसलिए पारंपरिक तकनीकों की तुलना में इम्प्लांट की लाइफ 10 वर्ष तक बढ़ जाती है।
आर्थोपेडिक सर्जरी में रोबोटिक इंटरवेंशन का संयोग घुटने की रिप्लेसमेंट प्रक्रियाओं में बड़ा बदलाव लाने और मरीजों को महत्वपूर्ण लाभ पहुंचाने के लिए तैयार है। रोबोट की मदद से सर्जरी में सटीकता और शुद्धता का एक नया स्तर आता है, जिससे इम्प्लांट बेहतरीन तरीके से फिट हो जाता है और अंग को ठीक से बिठाया जाता है। इसके परिणामस्वरूप ऑपरेशन के बाद के परिणामों में सुधार हो सकता है, दर्द कम हो सकता है और रिकवरी की अवधि भी तेज हो सकती है। इसके अतिरिक्त, रोबोटिक घुटना मरीज को प्राकृतिक घुटने जैसा ही अहसास देता है, प्रत्येक मरीज की अनूठी शारीरिक रचना के अनुसार प्रक्रिया को तैयार करता है, आखिरकार जोड़ की समग्र कार्यक्षमता और दीर्घायु को बढ़ाता है। छोटे चीरे, कम रक्त हानि और संक्रमण का कम जोखिम, ये सभी मरीज के अनुभव को बेहतर बनाने में योगदान करते हैं। मरीज अस्पताल में कम समय तक रहने, ऑपरेशन के बाद दर्द कम होने और अपनी दैनिक गतिविधियों में तेजी से वापसी की उम्मीद कर सकते हैं।
डॉ. अनुराग अग्रवाल, डायरेक्टर-ऑर्थोपेडिक्स, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फ़रीदाबाद ने कहा कि शुरू की गई उन्नत तकनीक सर्जिकल परिणामों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। एक सर्जन के कौशल और रोबोटिक प्रणाली के मार्गदर्शन के संयोजन का लक्ष्य मरीज को उच्चतम स्तर की संतुष्टि देना है। हम पेशेंट के घुटने की इमेजिंग के साथ एडवांस्ड प्री-ऑपरेटिव योजना से शुरुआत करते हैं। 3डी मॉडल और एक विशेष सॉफ्टवेयर प्रणाली का उपयोग करके, हम एक सटीक सर्जिकल योजना विकसित करते हैं जो घुटने के प्रत्यारोपण को श्रेष्ठ तरीके से लगाने और क्षतिग्रस्त हड्डी एवं कार्टिलेज (कड़ी लचीली हड्डी) को निकालने की रूपरेखा तैयार करती है। रोबोटिक प्रणाली में विशेष प्रकार के काटने वाले उपकरण से सुसज्जित एक कंप्यूटर-नियंत्रित भुजा होती है जिसका इस्तेमाल पूरी प्रक्रिया में किया जाता है। रोगी की शारीरिक रचना के अनुसार सिस्टम के मूल्यांकन के साथ, रोबोटिक प्रणाली पूरी सर्जरी के दौरान उल्लेखनीय सटीकता सुनिश्चित करती है। जोड़ तैयार होने के बाद रोबोटिक प्रणाली सर्जन को बड़ी सटीकता और बिना किसी कमी के साथ प्रत्यारोपण करने में मदद करती है। इम्प्लांट को मरीज की शारीरिक रचना के साथ ठीक से बिठाया जाता है, जो दीर्घकालिक कार्यों और आराम में सुधार करता है। सर्जरी के बाद, रोगी को फिजियोथेरेपी रिहैबिलिटेशन में रखा जाता है जो उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं और शीघ्र स्वस्थ होने के अनुरूप होता है। पहले सर्जनों के लिए एक सीमा थी क्योंकि उन्हें सर्जिकल प्रक्रिया के लिए एक दिन पहले से योजना बनानी पड़ती थी। अब, वर्तमान एडवांस्ड रोबोटिक प्रणाली के साथ जिसे हमने चिकित्सा सेवाओं में शामिल कर लिया है, हमें योजना बनाने और अपने मरीजों में सर्जरी करने के लिए आगे बढ़ने में कम से कम 2 घंटे लगते हैं।
एनसीआर क्षेत्र के रीजनल डायरेक्टर डॉ. अजय डोगरा ने कहा कि घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी के लिए हमारे पास आने वाले मरीजों को बहुत सस्ती कीमत पर ऐसी एडवांस्ड तकनीक प्रदान करने पर हमें गर्व है। हमें इस बात की भी ख़ुशी है कि हम फ़रीदाबाद और इसके आसपास के क्षेत्रों में समुदायों को बेहतर स्टैण्डर्ड की क्लीनिकल विशेषज्ञता प्रदान कर रहे हैं। हेल्थकेयर इकोसिस्टम स्थापित करने के उस प्रयास का हिस्सा बनना हमारे लिए भी समान रूप से प्रेरणादायक है जो फरीदाबाद को प्रगतिशील पथ पर उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाओं के लिए जाने जाने वाले शहर के रूप में मजबूत कर रहा है। मरीजों को अब अपने आसपास के क्षेत्र में ही एडवांस्ड उपचार संबंधित सुविधाएँ प्राप्त होगी, जिससे चिकित्सा देखभाल के लिए लोगों को लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी। यह उन्नत तकनीक घुटने की रिप्लेसमेंट प्रक्रियाओं की बढ़ती मांग के अनुरूप, बड़ी संख्या में मरीजों की सेवा करेगी।
भारत में घुटने के प्रत्यारोपण की बढ़ती मांग के लिए जिम्मेदार कारकों में मोटापे की बढ़ती दर, बढ़ती उम्र की आबादी और स्वास्थ्य सेवाओं तक बेहतर पहुंच शामिल हैं। ऑस्टियोआर्थराइटिस दर्द और गतिशीलता में कमी का सबसे आम कारण बना हुआ है जिसके परिणामस्वरूप घुटने के प्रत्यारोपण की मांग बढ़ रही है।