गुरुग्राम (दीपक शर्मा) : राजस्थान जहाँ की धरती की मिट्टी वीरों की गाथा गाती है। अपने देश पर मर मिटने वाले उन वीरों के वीरान महल आज भी दर्शकों को अपनी समृद्ध विरासत की सजीव झाँकी दिखाते हैं। कुछ ऐसे वीर हुए जो इतिहास के झरोखों से आज भी झाँक रहे हैं क्योंकि उन्हें इंतजार है उनका जो उनकी अनछुई शौर्यगाथा को जानमानस तक पहुँचाएँ। उन्हीं वीरों में से एक थे राजस्थान के भरतपुर जिले में स्थित डींग के राजा सूरज मल। डींग महल के मेहराब उनकी नक्कासियाँ, स्तंभ, बुर्ज, राजमहल, सभागार, फब्बारे राजा सूरज मल की प्रशंसा के गीत आज गाते हैं।
ब्रह्म दत ब्लू बैल्स पब्लिक स्कूल के छात्र- छात्राओं ने राजा सूरज मल के बाल्यावस्था से लेकर उनके बलिदान तक के जीवन की जीवंत झाँकी को रंगमंच पर उतार दिया। प्राचार्य त्रिलोक सिंह बिष्ट ने मुख्य अतिथि मेजर जनरल रोहित सावनी वाई. एस. एम. तथा सम्मानित अतिथि के रुप में उपस्थित प्रख्यात शिक्षाविद् दीप्ति सावनी के साथ उपस्थित दर्शकों का हार्दिक अभिनंदन किया।
वार्षिकोत्सव की शुरुआत गणेश वंदना से प्रारंभ हुई और नृत्य संगीत के अद्भुत संगम के साथ राजा सूरज मल के साहस, वीरता, पराक्रम व उदारता को देखकर दर्शक मूर्तिवत हो गए। सूरज मल एक हिन्दू जाट राजा थे जो देशभक्त, स्वाभिमानी, दूरदर्शी, उदार प्रजापालक तथा पेड़ पौधों के संरक्षक थे। 17 वीं शताब्दी में विदेशी हमलावरों से हमारा देश अस्त-व्यस्त था और हमारी बहन-बेटियों के साथ दुर्व्यवहार हो रहे थे। राजा सूरज मल जब तक रहे उन्होंने अपने स्वाभिमान पर आँच नहीं आने दिया एक सुदृढ़ सेना का निर्माण कर मुगलों को कई बार दूर तक खदेड़ दिया।
मराठाओं का सहयोग किया तथा पूरे जीवन तक वीरों की तरह लड़ते हुए शहीद हो गए। आज उनका व्यक्तित्व हमें यह सीख देता है कि इतिहास उनको याद करता है जो अपने देश के लिए कुर्बान हो जाते हैं। हमें अपने इतिहास की गलतियों से सबक लेनी चाहिए और अपने देश के खातिर मर मिटना ही हमारा धर्म होना चाहिए। यह रंगारंग कार्यक्रम देशभक्तिपूर्ण था। कार्यक्रम की उत्कृष्ट सफलता में योगदान देने वाले हर ब्लूबेलियंस का मिडिल विंग प्रभारी सुश्री सुनील कौल ने तहे दिल से धन्यवाद ज्ञापित किया।