हरियाणवी संस्कृति की अमिट छाप छोड़ गई विरासत की सांस्कृतिक प्रदर्शनी**देसी-विदेशी पर्यटकों में हरियाणा का ‘आपणा घर’ रहा आकर्षण का केन्द्र*

फरीदाबाद:* 37वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड क्राफ्ट मेले के अंतर्गत 2 फरवरी से 18 फरवरी तक आयोजित मेले में विरासत हेरिटेज विलेज ट्रस्ट द्वारा लगाई गई ‘आपणा घर’ की सांस्कृतिक प्रदर्शनी सैलानियों के आकर्षण का केन्द्र रही। प्रदर्शनी को विगत 17 दिनों में लाखों देसी एवं विदेशी पर्यटकों ने देखा। इस विषय में विस्तार से जानकारी देते हुए विरासत के निदेशक डॉ. महासिंह पूनिया ने बताया कि यहां पर बनाए गए सेल्फी प्वाइंट तथा हरियाणा की लोक संस्कृति पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती रही। यहां पर हुक्का, चारपाई व पगड़ी के साथ सबसे ज्यादा सेल्फी ली गई इसके साथ ही हरियाणा की चक्की, गंडासा, पगड़ी बंधाओ, फोटो खिंचाओ के साथ भी पर्यटकों ने खूब आनंद लिया। हरियाणा के परिवहन के साधन गड्ढा तथा लोहार के गड्ढे के साथ भी पर्यटकों ने सेल्फी ली। उल्लेखनीय है कि विरासत हेरिटेज विलेज में पिछले सालों की भांति इस साल भी भारतीय पगड़ी के इतिहास की प्रदर्शनी भी विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र रही। यहां पर भारतीय बाट परंपरा के 500 से अधिक सालों का इतिहास भी दर्शाया गया है। इसके साथ ही खेतीबाड़ी के औजार पर्यटकों को अपनी ओर लुभाते रहे। यहां पर हरियाणा के लोक परिधान के प्रतीक के रूप में हरियाणवी खारा, घागरा सभी को प्रदर्शित किया गया है। इसके साथ ही बटेऊ गिलास भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते रहे। इतना ही नहीं यहां पर हरियाणवी लोक परंपरा में प्रयोग किए जाने वाले असंख्य बर्तनों ने पर्यटकों को खूब लुभाया। इसके साथ ही यहां पर कुएं में सामान निकालने के लिए प्रयोग किए जाने वाले कांटे एवं बिलाई भी लोगों को खूब पसंद आए। पुराने रेडियो जिनका इतिहास 100 साल से भी ज्यादा पुराना है देखने में सैलानियों ने खूब रुचि ली। इसके साथ ही विरासत हेरीटेज की ओर से ‘आपणा घर’ में हरियाणा की

लोककलात्मक विषय-वस्तुओं को जिस तरीके से सहेजा गया है वह भी पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करती रही। दरी बनाने की परंपरा, फुलझड़ी बनाने की परंपरा, हरियाणा की बुणाई कला, जुलाहे की लोक परंपरा की विरासत, पेपर मेसी के बोहिए तथा हरियाणवी गुड्डे-गुडिय़ा भी पर्यटकों को खूब भाई। इसके साथ ही मुढ़ा बनाने की परंपरा को भी इस लोक सांस्कृतिक विरासत के माध्यम से लाखों दर्शकों तक पहुंचाने का प्रयास किया गया। इस अवसर पर विरासत के निदेशक डॉ. महासिंह पूनिया ने हरियाणा पर्यटन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री एम.डी. सिन्हा, प्रबंधक निदेशक श्री नीरज कुमार आईएफएस तथा मुख्य आर्किटेक्ट धर्मवीर सहित प्रिंट एवं इलैक्ट्रॉनिक मीडिया का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया। उन्होंने विभाग के सभी अधिकारियों को सफल आयोजन के लिए बधाई देते हुए कहा कि इस मेले के माध्यम से हरियाणा की लोक सांस्कृतिक परंपराएं लाखों लोगों तक पहुंची है। आने वाले दिनों में इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगें।

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