फरीदाबाद (पिंकी जोशी) : डीएवी शताब्दी महाविद्यालय के वाणिज्य विभाग जीआईए द्वारा विद्यार्थियों के लिए वित्तीय साक्षरता विषय को लेकर एक विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में शैक्षिक स्तर पर वित्तीय साक्षरता को शामिल किया गया है। सर्वेक्षणों से पता चला है कि भारत की केवल 27 प्रतिशत आबादी ही वित्तीय रूप से साक्षर है। केवल 16.7 प्रतिशत भारतीय छात्रों को वित्त और धन प्रबंधन की बुनियादी समझ है।
इसी लक्ष्य को ध्यान में रखकर इस व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस व्याख्यान की व्याख्याता सी एस नेहा कथूरिया रहीं। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की नई लहर में वित्तीय साक्षरता के माध्यम से संभावनाओं का आंकलन कर वित्तीय कल्याण के लिए ज्ञान, क्षमता और आत्मविश्वास का होना आवश्यक है।
इसके लिए डिजिटल वित्तीय सेवाओं का उपयोग भी अपेक्षित है। महाविद्यालय की कार्यकारी प्राचार्या डॉ अर्चना भाटिया ने पुष्पगुच्छ देकर मैडम कथूरिया को सम्मानित किया। इस कार्यक्रम की कन्वीनर डॉ अंजू गुप्ता, को कन्वीनर मैडम मीनाक्षी आहूजा रहीं। इस अवसर मैडम सुनीता डुडेजा भी उपस्तिथ रहीं। लगभग 95 विद्यार्थियों ने इस व्याख्यान को ध्यानपूर्वक सुना और वित्तीय साक्षरता की बारीकियों को समझा।