सौंदर्य से शिक्षा तक स्थायी प्रतिबद्धताः ओरिफ्लेम ने किया 

Posted by: | Posted on: July 14, 2018

नई दिल्ली( विनोद वैष्णव )स्वीडिश ब्यूटी ब्रांड के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी ओरिफ्लेम इंडिया हमेशा से छात्राओं को शिक्षा के माध्यम से अधिकार संपन्न बनाने के लिए समर्पित रही है। इस क्षेत्र में कंपनी दीपालय स्कूल के जरिये कई छात्राओं की शिक्षा में सहयोग दे रही है। पिछले 12 वर्षों में 7,000 से अधिक छात्राओं की शिक्षा को प्रायोजित करने के बाद, अब ओरिफ्लेम इंडिया ने गुस्बेथी स्थित दीपालय स्कूल को विस्तार देने की दिशा में योगदान दिया है। नई बिल्डिंग में 6 कक्षाएं और प्रशासनिक ब्लॉक का उद्घाटन आज किया गया। कंपनी दीपालय को तीन-मंजिला बिल्डिंग बनाने में मदद कर रही है, जिसका क्षेत्रफल कुल 90,000 वर्गफीट होगा। यह स्कूल वंचित तबके के 3,000 बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने में मदद करेगा।  ओरिफ्लेम इंडिया की एमडी, एसवीपी और साउथ एशिया हेड, सर्गेई कानाशिन अपनी पत्नी और ओरिफ्लेम टीम के साथ नई बिल्डिंग के उद्गाटन अवसर पर मौजूद थे। उन्होंने इस अवसर पर दुनिया को बच्चों के रहने के लिए बेहतर स्थान बनाने के प्रति ओरिफ्लेम की प्रतिबद्धता को दोहराया।

1998 में शुरू हुआ दीपालय स्कूल, हरियाणा बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (एचबीएसई) से संबद्ध है। अब तक यहां एलकेजी से कक्षा नौवीं तक की कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। हरियाणा के सीमावर्ती जिलों में से एक गुस्बेथी में स्थित यह स्कूल किरोरी, गुस्बेथी,पिपका, पटुका और भूटला जैसे ग्रामीण क्लस्टर की आवश्यकता को पूरा करता है। चूंकि, इस क्षेत्र में रहने वाले पुरुषों, महिलाओं और बच्चों में से ज्यादातर निरक्षर थे, इसलिए स्कूल लगभग 20 वर्षों से इस क्षेत्र में ज्ञान की रोशनी फैला रहा है।

इस अवसर पर संबोधित करते हुए श्री सर्गेई कानाशिन, एसवीपी और दक्षिण एशिया प्रमुख और एमडी इंडिया ने कहा, “हम वर्ष2006 से दीपालय से जुड़े हुए हैं और हम उनकी बालिका विकास परियोजना का समर्थन करते हैं। यह समारोह हमारे लिए भी एक रोमांचक अनुभव साबित हुआ है। आस-पास के गांवों की कई छात्राओं के लिए यह एक सपना सच होने जैसा है, जिन्हें अब बेस्ट क्वालिटी की शिक्षा मिल सकेगी। ओरिफ्लेम में हम हमेशा से ही इस तरह के कार्यक्रमों में अपना योगदान देने का प्रयास करते रहे हैं और इस बात से बेहद खुश और रोमांचित हैं कि हमारे सामूहिक प्रयासों को दीपालय के जरिये रास्ता मिल गया है।”





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