( विनोद वैष्णव )| सतयुग दर्शन ट्रस्ट द्वारा मानवता विषय पर ५ वर्ष से १२ वर्ष की आयु के बच्चों के लिए प्रतियोगिता आयोजित की गई। इस प्रतियोगिता में नन्हें-मुन्ने बच्चों ने बढ़चढ़कर भाग लिया।
प्रतियोगिता मानवता विषय पर आधारित थी, जिसमें स्वरचित कविताएं एवं गधांश के माध्यम से अपने विचार व्यक्त करने थे। प्रत्येक प्रतिभागी को कम से कम २ मिनट और अधिक से अधिक ३ मिनट तक बोलने का अवसर प्राप्त हुआ।
इस प्रतियोगिता में लगभग १०० बच्चों ने भाग लिया, यह प्रतियोगिता दो चरण में हुई प्रथम चरण की प्रतियोगिता में से ११ प्रतिभागियों को चुना गया, तत्पश्चात दूसरी चरण की प्रतियोगिता में से विजेताओं को चुना गया। गाजिय़ाबाद से प्रशान्त प्रथम स्थान पर, जाग्रति भारती गुरुग्राम से द्वितीय स्थान पर एवं फरीदाबाद से हित्कर बढ़ेरा तृतीय स्थान पर रहे।
कार्यक्रम के मध्य में ट्रस्ट के मार्गदर्शक श्री सजन जी एवं मैनेजिंग ट्रस्टी रेशमा गान्धी जी ने विजेताओं को पुरुष्कारों से सममानित किया। इसके साथ ही सजन जी ने अपने वक्तव्य में यह भी कहा कि यदि बच्चों को सतयुगी इन्सान बनाना है तो उनको बचपन से ही मानवीय गुणाष से प्रेरित किया जाए, और इस तरह की प्रतियोगिताओं के माध्यम से ही बच्चे अपनी यादगीरी में मानवता जैसे महान गुण को रखकर अपने घर-परिवार समाज व देश को महान बनाने में अपना योगदान दे सकते हैं। सजन जी ने इसी प्रकार की प्रतियोगिताओं को जारी रखने के निर्देश भी दिये।