नोएडा (विनोद वैष्णव )|एमिटी विश्वविद्यालय, नोएडा में तीन दिवसीय 70वीं इंडियन फार्मास्यूटिकल कांग्रेस (आईपीसी) का शुभारंभ उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के कर कमलों द्वारा किया गया उन्होंने कहा भारत इकलौता ऐसा देश है, जो 150 से ज्यादा देशों को सस्ती दरों पर दवाएं उपलब्ध करवा रहा है। वहीं सरकार आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी जैसी दवा पद्धतियों और योगासन को भी बढ़ावा दे रही है। क्योंकि भारत विश्व में उभरती हुई तीसरी अर्थव्यवस्था है और उसमें फार्मा सेक्टर का भी अहम योगदान है। आईपीसी के चेयरमैन व सन फार्मा के प्रबंध निदेशक दिलीप सिंघवी ने बताया कि इस तीन दिवसीय सम्मेलन में करीब 6 हजार दवा एक्सपर्ट भाग ले रहे हैं। वहीं अगले दशक में भारत को दवाइयों के निर्माण में ग्लोबल लीडर के रूप में स्थापित करने का प्रयास है। जिससे भारत 2030 तक विश्व में दवाओं का तीसरा बड़ा बाजार होगा। इससे करीब 26 लाख लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
इस उपलक्ष में एमवीएन विश्वविद्यालय, पलवल के स्कूल ऑफ़ फार्मास्यूटिकल साइंसेज कि संकायाध्यक्ष डॉ ज्योति गुप्ता के साथ विभाग के तरुण विरमानी, मोहित संधूजा, माधुरी ग्रोवर और छात्र-छात्राओं की टीम ने आईपीसी में शिरकत की। तरुण विरमानी ने आईपीसी में पोस्टर प्रतियोगिता को परखने का कार्य किया वहीं इस पोस्टर प्रतियोगिता में एमवीएन के छात्र-छात्राओं ने भी भाग लिया । कुलपति प्रो (डॉ) जे.वी देसाई, कुलसचिव डॉ राजीव रतन ने फार्मेसी विभाग के इस कार्य को सराहा