पलवल (विनोद वैष्णव ) | आज के तनाव भरे जीवन में मानसिक तनाव, घुटनों, पीठ या कमर दर्द जैसे कई रोगों से बचने के लिए बिना दवा खाए व चीरा लगवाए फिजियोथैरेपी, चिकित्सा का एक अनूठा और असरदार तरीका है। इसे भौतिक चिकत्सा भी कहते हैं, क्योंकि इसमें दवाइयां नहीं लेनी पड़ती। इसलिए इसके दुष्प्रभावों का प्रश्न ही नहीं उठता। एमवीएन विश्वविद्यालय में फिजियोथैरेपी (बीपीटी) का पाठ्यक्रम स्कूल ऑफ एलाइड हेल्थ साइंसेज के अंतर्गत फिजियोथैरेपी डिपार्टमेंट के द्वारा संचालित किया जा रहा है, इस पाठ्यक्रम को आइएपी (इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथैरेपी) से मान्यता प्राप्त हुई है। आईएपी भारत में फिजियोथैरेपी क्षेत्र के उच्च आदर्शो, मानकों और तरीकों को स्थापित करवाती है।
एमवीएन विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ हेल्थ साइंसेज के फिजियोथैरेपी डिपार्टमेंट की विभागाध्यक्ष डॉ दिव्या अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने पलवल जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर निःशुल्क सेवा शिविर लगाए और आम जनों को इसका लाभ पहुंचाया है। उन्होंने यह भी बताया कि आगामी सत्र से मास्टर ऑफ फिजियोथैरेपी (एमपीटी) मस्क्यूलोस्केलेटन और न्यूरोलॉजी, बीएससी (मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी और फार्मा केमिस्ट्री) पाठ्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं।