पृश्न – शशि बाला अपने बारे में पाठकों को कुछ बताइए।
उत्तर – मेरी उम्र 39 वर्ष है। मैं अमरावत ,नुहुँ से हूं।मैंने एमएससी किया है कंप्यूटर मेडिकल साइंस से। फिर पार्ट टाइम जॉब की हॉस्पिटल में नुहुँ में है। दिसंबर 2013 में मैंने जॉब छोड़ दी फिर मैंने जो भी अपनी स्पोर्ट्स ट्रेनिंग छोड़ी थी वह दोबारा से शुरू की ।
पृश्न – शशिबाला आपने अपनी लाइफ में क्या उपलब्धि प्राप्त की है ?
उत्तर :-मैंने 6 साल पहले ” शक्ति ताइक्वांडो डांस एकेडमी ” शुरू की थी जो कि आज महिला शक्ति को बढ़ावा दे रही है साथ ही लड़कों के लिए भी है । मैं रैफरी भी रही हूं। मैंने तायक्वोंडो में ब्लैक बेल्ट हासिल कर ली है। मैंने सरकार की तरफ से मेडल्स भी जीते हैं।
प्रश्न – शशिबाला आप का तायक्वोंडो की तरफ रुझान कैसे हुआ?
उत्तर -मैं जब छोटी थी तो मुझे एक युवक ने छेड़ा था तभी से मैंने ठान लिया कि खुद को ही नहीं समाज की सभी महिलाओं को भी इस काबिल बनाऊंगी कि वह अपनी रक्षा स्वयं कर सकें।
प्रश्न -शशि बाला आप को इस मुकाम तक पहुंचने में सबसे ज्यादा किसने सहयोग किया ?
उत्तर- मुझे मेरे पिताजी ने बचपन में लाठी चलाना सिखाई साथ ही मेरे भाई ने भी मेरे साथ सेल्फ डिफेंस एकेडमी ज्वाइन की ट्रेनिंग ली। मैंने अमरावत डिफेंस एकेडमी से ट्रेनिंग प्राप्त की। मेरे गुरु ओम प्रकाश सैनी हैं जिन के सहयोग से मैंने अकैडमी शुरू की | शादी के बाद मेरे पति ने भी मुझे पूरा सहयोग दिया।
पृश्न- शशि बालाआपको इस सफर में कहीं कोई रुकावट या बाधा आई क्या ? अगर आई तो आपने उसे कैसे सुलझाया ?
उत्तर- जी हां मेरी शादी के बाद मुझे यह ट्रेनिंग छोड़नी पड़ी मेरी शादी जहां हुई वहां ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की सोच की वजह से | लेकिन मेरे पति के सहयोग की वजह से आज मैं इस मुकाम पर हूं।