पलवल (विनोद वैष्णव ) | जीवन एक कोरे कागज़ की तरह होता है, जिसे आप मनचाहे रंगों से सजा सकते हैं। टैगोर पब्लिक स्कूल किंडरगार्टन के छात्रों ने यह भूमिका बहुत खूबी से निभाई तथा 19 फरवरी को अनोखे अंदाज में रंगों की छटा बिखेर दी। विद्यालय तथा मंच की रंग भरी सजावट ने सभी का मन मोह लिया। नन्हें-नन्हें पैर अद्भुत जोश के साथ मंच पर थिरके तो अभिभावकगण भाव विभोर हो उठे।कार्यक्रम का आरंभ आत्मविभोर कर देने वाली प्रार्थना ‘‘तेरी है जमीं…………’’ से हुआ। नर्सरी तथा प्री-नर्सरी के छात्रों ने अपने माता-पिता का स्वागत प्यार भरे शब्दों से किया। छात्रों ने उत्साहवर्धक कविताओं का प्रदर्शन किया।”Mummy Darling Papa Darling” Walking-Walking” I am a Teapot” तथा ‘‘आज है संडे’’ में रविवार की छुट्टी में भारतीय परिवारों की चाय संस्कृति को दर्शाया। ‘‘म्यूजिकल चेयर’’ के अद्भुत सामंजस्य के प्रदर्शन को देख सभी दर्शक विस्मित हो गए तथा हाॅल तालियाँ से गूँज उठा।
‘‘Legend of the Rainbow ’’ नाटक की शुरुआत सुरमय गीत ‘‘हरी हरी वसंुधरा पर नीला-नीला ये गगन’’ एवं ‘‘मैंने कहा फूलों से हँसो तो वो खिलखिला के हँस दिए’’ से हुई। बच्चे आकर्षक ढंग से फूल, पानी, बारिश, बादल और इंद्रधनुष बन कर आए। यह एक अति मोहक रंगारंग प्रस्तुति थी।
निदेशिका मनोरमा अरोड़ा जी ने बच्चों को प्रकृति प्रेम एवं ईश्वर के आशीर्वाद स्वरूप माता-पिता के प्रति आभार प्रकट करने के लिए प्रेरित किया।
प्रधानाचार्या कपिला इंदु ने एक खुशनुमा जीवन जीने के गुर बताए और प्रशासिका नीलम गाँधी जी ने विद्यालय की शानदार शैक्षणिक एवं खेल उपलब्धियाँ बताते हुए अभिभावकों को बधाई दी और उनका धन्यवाद किया।Co-ordinator मनरीत ने अपने अनूठे अंदाज में कार्यक्रम का संचालन करते हुए दर्शकों को बाँधे रखा।सभी अभिभावकों ने इस अकर्षक प्रस्तुति के लिए सभी अध्यापक और अध्यापिकाओं को बधाई दी साथ ही विद्यालय की शानदार शैक्षणिक एवं खेल उपलब्धियों की सराहना की। कार्यक्रम का समापन हर्षोल्लास भरा गीत ‘‘फिर मिलेंगे हँसते-हँसते’’ से हुआ।