हरियाणा के मशहूर मंदिर

दिल्ली से सटा हुआ हरियाणा न सिर्फ अपने सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है बल्कि इस सूबे का धार्मिक महत्व भी उतना ही है। हरियाणा में प्राचीन काल के कई मंदिर हैं। ये मंदिर धार्मिक और पर्यटन दोनों ही दृष्टियों से बेहद महत्वपूर्ण हैं। भारतीय संस्कृति और विरासत को संभाले ये मंदिर देशभर में प्रसिद्ध हैं। इनमें से एक मंदिर तो आठवीं शताब्दी में बना है। यहां हम आपको ऐसे ही कुछ खास मंदिरो के बारे में बताने जा रहे है पूजा सोलंकी की खास रिपोर्ट में —

1- भीमा देवी मंदिर-माता भीमा देवी महाशक्ति जगदंबा शाकम्भरी देवी का ही एक स्वरूप है। माँ भीमा देवी हिमालय और शिवालिक पर्वतों पर तपस्या करने वालों की रक्षा करने वाली देवी है। जब हिमालय पर्वत पर असुरों का अत्याचार बढा तब भक्तों के निवेदन से महामाया ने भीमा देवी का भयनाशक रूप धारण किया। माँ भीमा देवी का प्रमुख मंदिर हरियाणा राज्य के पिंजौर के समीप स्थित है।

2-भद्रकाली मंदिर
भद्रकाली मंदिर कुरुक्षेत्र जिले में है। इस मंदिर का बेहद धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है। यह मंदिर हरियाणा का सिद्ध शक्तिपीठ है, जहां भद्रकाली शक्ति के रूप में विराजमान है। वैसे तो हरियाणा के कुरुक्षेत्र में मां के बावन शक्तिपीठ है लेकिन उनमें से यह एकमात्र सिद्ध शक्ति पीठ भद्रकाली मंदिर ही है। इसे श्री देवीकूप शक्तिपीठ के नाम से भी जाना जाता है।

3-चंडी मंदिर
हरियाणा का यह एक मात्र सबसे पुराना मंदिर है। यह 5,100 साल से ज्यादा पुराना है।यह मंदिर चंडीगढ़-कालका-शिमला हाइवे पर स्थित है। मां चंडी को
महिसासुर मर्दनी भी कहा जाता है। इसी मंदिर के नाम पर चंडीगढ़ शहर का नाम पड़ा है। इस मंदिर के बारे में प्रसिद्ध है कि यहां आने वाले भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है।

4- मानसा देवी मंदिर
पंचकुला जिले में स्थित माता मानसा देवी मंदिर हरियाणा का एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यह मनसा देवी अथवा शक्ति को समर्पित है। 100 एकड़ से अधिक भूमि में फैला हुआ यह मंदिर शिवालिक पहाडि़यों की तलहटी में स्थित है। नवरात्रों में लगने वाले मेले में देशभर से भक्त इस मंदिर में आते हैं। मंदिर की दीवारों को भित्तिचित्रों के 38 पैनलों से सजाया गया है। मेहराब और छत फूलों के चित्रों से सजी हुई हैं। हालांकि, ये बहुत कलात्मक नहीं हैं लेकिन फिर भी विभिन्न विषयों को दर्शाती हैं। मुख्य मंदिर की वास्तुकला गुंबदों और मीनारों के साथ मुग़ल वास्तुकला का प्रतिनिधित्व करती है।

5- स्थानेश्वर मंदिर
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में स्थित श्री स्थानेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर कुरुक्षेत्र के प्राचीन मंदिरों मे से एक है। इस मंदिर को क्षेत्रीय शैली की वास्‍तुकला में बनाया गया है और इसकी सज्‍जा एक गुंबद से निखरकर सामने आती है।


 

6-भूतेश्वर मंदिर
इस मंदिर का यह नाम इसलिए पड़ा क्योंकि यह मंदिर भगवान् शिव को समर्पित है जिन्हें यहाँ भूतनाथ कहा जाता है। भूतनाथ, भूतों एवं आत्माओं के स्वामी हैं। यही कारण है कि उत्तर भारत में लगभग सभी शमशान भगवान् की भव्य मूर्तियों से सजे हुए हैं। जब एक व्यक्ति की मृत्यु होती है और उसका अंतिम संस्कार किया जाता है तो उसकी आत्मा मुक्त हो जाती है।



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