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शिरडी साईं बाबा स्कूल मे केजी के नये बच्चो का हर्षोल्लास के साथ किया गया स्वागत

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव ) | फरीदाबाद, सेक्टर 86 स्थित शिरडी साईं बाबा स्कूल मे केजी कक्षा के नये छात्रों का स्वागत बहुत ही हर्षोल्लास के साथ किया गया। ओरिएंटशन कार्यक्रम कर दौरान नवनिर्वाचित पार्षद कुलदीप साहनी, डी सी मॉडल स्कूल की प्रधानाचार्या आस्था गुप्ता और गोल्डन अरोरा मुख्य अतिथि के रूप मे शामिल हुए। कार्यक्रम का प्रारम्भ साईं धाम के संस्थापाक अध्यक्ष डॉ मोती लाल गुप्ता, प्रधानाचार्या डॉ बीनू शर्मा व सभी अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। तत्पश्चात शिरडी साईं बाबा स्कूल के बच्चो द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए जिन्होंने सभी का मन मोह लिया। सभी अतिथियों का सम्मान बाबा का अंगवस्त्र पहनाकर व साईं बाबा की मूर्ति देकर किया गया।
नवनिर्वाचित पार्षद कुलदीप साहनी ने अपने सम्बोधन मे सभी नये छात्रों को शुभकामनायें देते हुए कहा कि जिस प्रकार डॉ गुप्ता और साईं धाम समाज कल्याण के लिए कार्य कर रहे है वो केवल इस क्षेत्र के लिए नहीं बल्कि इस देश के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने डॉ मोती लाल गुप्ता से आग्रह किया कि वो शिरडी साईं बाबा स्कूल की और भी शाखाएं खोले ताकि प्रत्येक वंचित छात्र को शिक्षा से ओत प्रोत किया जा सके। डी सी मॉडल स्कूल की प्रधानाचार्या आस्था गुप्ता ने डॉ गुप्ता की सराहना करते हुए कहा कि इस आयु मे भी वो सिर्फ और सिर्फ समाज कल्याण के लिए ही विचार रखते है। उनका जीवन हम सब के लिए प्रेरणा का श्रोत है।
डॉ मोतीलाल गुप्ता ने सभी नये छात्रों को शुभकामनायें देते हुए कहा कि शिक्षा ही मात्र एक ऐसा माध्यम है जो गरीबी को मिटा सकता है। आज हमारे स्कूल से पास हो कर छात्र आईआईटी मे उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे है। हाल ही मे हमारी एक छात्रा कंचन राजपूत का चयन आईआईटी रूड़की मे हुआ है।
स्वागत सन्देश देते हुए प्रधानचार्या डॉ बीनू शर्मा ने कहा कि आज हमारे छात्र नये कीर्तिमान स्थापित कर रहे है। उन्होंने कहा कि हम डॉ मोतीलाल गुप्ता के मिशन और विज़न को पूर्ण करने के लिए अग्रसर है। जो कि बिना आपके सहयोग के संभव नहीं है। कार्यक्रम का संचालन मीनाक्षी यादव और आज़ाद शिवम् दीक्षित ने सुचारु रूप से किया। कार्यक्रम मे डी सी मॉडल स्कूल से बिंदु डे, यू एस अग्रवाल, नरेंद्र जैन, शशि बंसल, रतन मुंशी, अमित आर्या, गौ सेवक त्रिलोक, छात्रों के अभिभावक व स्कूल के शिक्षक शामिल हुए।
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IMT Industries Association, Faridabad द्वारा हरियाणा सरकार के सहयोग से 22 अप्रैल 2025 को IMT के अंदर केंटीन में विशाल रोजगार मेला आयोजित किया जा रहा है।

IMT Industries Association, Faridabad द्वारा हरियाणा सरकार के सहयोग से 22 अप्रैल 2025 को IMT के अंदर केंटीन में विशाल रोजगार मेला आयोजित किया जा रहा है।
इसमें:
• 774 ITI स्टूडेंट्स (जिनकी डिटेल लिस्ट नीचे अटैच है)
• **500+ 10वीं, 12वीं, B.Tech, MBA, B.Com आदि के स्टूडेंट्स
यह सभी इंडस्ट्रीज़ के लिए एक सुनहरा अवसर है कि वे बिना किसी लागत के योग्य और कुशल युवाओं को अपनी कंपनी में भर्ती कर सकें।
ध्यान दें: अगर आप अपने संगठन में अप्रेंटिस रखते हैं, तो सरकार द्वारा हर अप्रेंटिस पर ₹1500 का रिफंड भी दिया जाएगा।
आप सभी से अनुरोध है:
1. अपने HR प्रतिनिधि को इस मेले में अवश्य भेजें।
2. अपनी Recruitment List शीघ्र हमसे साझा करें।
आप सभी का सहयोग इस पहल को एक ऐतिहासिक सफलता बना सकता है।
Team IIAF
हरियाणा फिल्म फेस्टिवल 2025 के दौरान डीएवी सेंटेनरी कॉलेज में पुस्तक “मीडिया और पर्यावरण” का विमोचन हुआ

फरीदाबाद (पिंकी जोशी) : हरियाणा फिल्म फेस्टिवल 2025 के दौरान एक महत्वपूर्ण पुस्तक “मीडिया और पर्यावरण” का विमोचन हुआ। इस पुस्तक का लेखन रचना कसाना, हेड ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन और कृतिका, असिस्टेंट प्रोफेसर, डीएवी सेंटेनरी कॉलेज, फरीदाबाद ने किया है।
पुस्तक का विमोचन प्रोफेसर हरीश कुमार, हेड ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन, एमडी यूनिवर्सिटी, रोहतक के द्वारा किया गया ।इस अवसर पर डॉ. सौरव, डॉ. शिव कुमार और डॉ. रवींद्र भी उपस्थित थे। रचना कसाना ने पुस्तक की प्रति सुनीत मुखर्जी, असिस्टेंट प्रोफेसर, जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन, एमडी यूनिवर्सिटी, रोहतक और शालिनी खुराना, असिस्टेंट प्रोफेसर, गवर्नमेंट कॉलेज फॉर वुमन को भेंट की।
इस पुस्तक को एनईपी 2020 के अनुसार लिखा गया है और यह एक बहुविषयक पाठ्यक्रम पुस्तक है। पुस्तक में विभिन्न केस स्टडीज और मीडिया द्वारा पर्यावरण को कवर करने के तरीकों पर चर्चा की गई है। पर्यावरण पत्रकारिता और पर्यावरण से संबंधित विषयों पर भी विस्तार से चर्चा की गई है।
डीएवी सेंटेनरी कॉलेज, फरीदाबाद की ऑफिसिएटिंग प्रिंसिपल डॉ. अर्चना भाटिया ने लेखकों को बधाई दी और कहा कि रचना कासाना के नेतृत्व में विभाग बहुत अच्छा काम कर रहा है। रचना ने अपनी पुस्तक के लिए अपने प्रिंसिपल डॉ. अर्चना भाटिया और प्रोफेसर हरीश कुमार को श्रेय दिया।इस पुस्तक के प्रकाशन से छात्रों और शिक्षकों को बहुत लाभ होगा। पुस्तक का उद्देश्य मीडिया और पर्यावरण के बीच संबंधों को समझने में मदद करना है और पर्यावरण पत्रकारिता के क्षेत्र में नए दृष्टिकोण प्रदान करना है।
डी.ए.वी. शताब्दी महाविद्यालय में नशा मुक्ति के खिलाफ किया गया शपथ ग्रहण कार्यक्रम का आयोजन

फरीदाबाद (पिंकी जोशी) : डी.ए.वी. शताब्दी महाविद्यालय में नशा मुक्ति के खिलाफ एक शपथ ग्रहण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को नशे के बढ़ते हुए दुष्प्रभाव के प्रति जागरूक करना रहा । इस कार्यक्रम में लगभग 100 विद्यार्थियों ने भाग लिया व नशे के खिलाफ लड़ने के लिए अपने आप को वचनबद्ध किया।
इस मौके पर महाविद्यालय की कार्यकारी प्राचार्या डॉक्टर अर्चना भाटिया ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए नशे को इंसानियत के विनाश की जड़ बताया। आगे उन्होंने कहा कि नशा मनुष्य की चेतना और विवेक को भ्रष्ट करता है जिसके कारण वर्तमान तथा भविष्य की पीढ़ी भी संकट में आ जाती है।युआ पीढ़ी देश की कर्णधार होती है इन्हीं के हाथों में राष्ट्र का प्रलय ओर सृजन छिपा होता है इसलिए राष्ट्र निर्माण में सबसे ज्यादा जिम्मेवारी युआ पीढ़ी की ही बनती है । इस अवसर पर कार्यक्रम के संयोजक डॉक्टर योगेश व सह संयोजक डॉक्टर सारिका सैनी मौजूद रही।
विपणन केंद्रित गतिविधियों पर फैकल्टी और छात्र विनिमय कार्यक्रम

एन.बी.जी.एस.एम. कॉलेज, सोहना और डी.ए.वी. कॉलेज, फरीदाबाद ने संयुक्त रूप से विपणन केंद्रित गतिविधियों पर फैकल्टी और छात्र विनिमय कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विपणन छात्रों की व्यावहारिक समझ और रचनात्मकता को बढ़ावा देना था।
- एन.बी.जी.एस.एम. कॉलेज, सोहना के दो गतिशील वक्ताओं, डॉ. नेहा गुप्ता और डॉ. रुचिका ने विपणन केंद्रित गतिविधियों पर व्याख्यान दिया।
दोनों कॉलेजों के 52 छात्रों ने विभिन्न आयोजनों में भाग लिया, जिनमें उत्पाद प्रदर्शन, लोगो डिज़ाइनिंग, पोस्टर बनाने और एड-मैड शो शामिल थे।
विजेताओं को प्रमाण पत्र, ट्रॉफी और पदक से सम्मानित किया गया। प्रतिभागियों को एक प्रतिष्ठित जजों के पैनल से रचनात्मक प्रतिक्रिया मिली, जिसमें डॉ. इमराना खान, डॉ. सुमन तनेजा, मिस राजनी, मिस अंकिता मोहिंद्रा और श्री नेत्रपाल शामिल थे।
कार्यक्रम के विजेता
- उत्पाद प्रदर्शन: हितेश, शुभम, अमन (प्रथम पुरस्कार), नंदिनी (द्वितीय पुरस्कार), यश (तृतीय पुरस्कार)
- लोगो डिज़ाइनिंग: हिमांशी और पूनम (प्रथम पुरस्कार), जानवी (द्वितीय पुरस्कार), हरमन (तृतीय पुरस्कार)
- पोस्टर बनाना: कोमल (प्रथम पुरस्कार), यति चौधरी (द्वितीय पुरस्कार), खुशी (तृतीय पुरस्कार)
- एड-मैड शो: अन्नू (प्रथम पुरस्कार), हर्षित और उमा (द्वितीय पुरस्कार), अंशिका यादव (तृतीय पुरस्कार)
प्रिंसिपल डॉ. अर्चना भाटिया ने प्रतिभागियों को आशीर्वाद दिया। डीन आर्ट्स डॉ. सुनीति अहूजा और एचओडी आर्ट्स डॉ. शिवानी और कार्यक्रम समन्वयक डॉ. रुचि अरोड़ा ने दोनों कॉलेजों के प्रयासों की सराहना की और कनवेनर डॉ. सोनिया नारुला और सभी को कार्यक्रम के सफल समापन पर बधाई दी। यह कार्यक्रम एन.बी.जी.एस.एम. कॉलेज, सोहना और डी.ए.वी. सेंचुरी कॉलेज, फरीदाबाद के बीच फलदायी सहयोग का प्रमाण था, जो समग्र छात्र विकास को बढ़ावा देने में सहायक था।
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महाबीर सत्संग सभा द्वारा गठित सतयुग दर्शन ट्रस्ट (रजि.) का वार्षिक रामनवमी यज्ञ महोत्सव सतयुग दर्शन वसुन्धरा के प्रांगण में सम्पन्न

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव) : महाबीर सत्संग सभा द्वारा गठित सतयुग दर्शन ट्रस्ट (रजि.)का वार्षिक रामनवमी यज्ञ महोत्सव आज सतयुग दर्शन वसुन्धरा के प्रांगण में सम्पन्न हुआ। लगातार चार दिन तक चले भजन, कीर्तन, यज्ञ तथा वचनों की अमृत वर्षा ने हज़ारों श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया और उनके मन में श्रेष्ठ मानव बनने की उत्कंठा जगा दी।
इस समारोह में ट्रस्ट से जुड़े देश-विदेश के विभिन्न प्रांतों से आए हज़ारों श्रद्धालु सम्मिलित थे, जिनके रहने व खाने-पीने की व्यवस्था वसुन्धरा परिसर में ही नि:शुल्क की गयी थी। इस यज्ञ महोत्सव के समापन पर सैकड़ो असहाय जनों के सहायतार्थ वस्त्र, राशन और नगद राशि इत्यादि वितरित की गई। ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी श्रीमती रेशमा गाँधी ने बताया कि इस वर्ष रामनवमी यज्ञ-उत्सव अत्यन्त प्रेममय वातावरण में भली-भांति सम्पन्न हुआ। उन्होंने बताया कि पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष देश-विदेशों के अतिरिक्त आसपास के क्षेत्रों से भी बहुत अधिक संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
सतयुग दर्शन में राम नवमी यज्ञ महोत्सव (चौथा दिन) बड़ी धूम धाम से मनाया गया

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव ) | रामनवमी की पवित्र बेला पर आज सतयुग दर्शन वसुंधरा के प्रांगण में हवन आयोजन के उपरांत कई नवजात शिशुओं ने चोले डलवाए, उनका नामकरण हुआ व मुण्डन संस्कार सम्पन्न हुआ। आज सफ़ेद पोशाक व गुलानारी दुपट्टा धारे श्रद्धालुओं की बहुत भीड़ थी। आज यहाँ अनमोल मानव जीवन के परमपद को समयानुसार प्राप्त कर लेने की महत्ता पर बल देते हुए श्री सजन जी ने कहा ब्रह्म पद सर्वोच्च पद है। इस पद की प्राप्ति प्रत्येक मानव जीवन का सर्वप्रथम व अंतिम लक्ष्य है। अत: निष्काम भाव से इस पद की प्राप्ति हेतु, अविचार छोड़, विचारयुक्त सवलडा रास्ता अपनाओ यानि ब्रह्म विचार पकड़ो और सर्व सर्व् उस ब्रह्म के व्याप्त होने का सत्य दिल से स्वीकारो। जानो इस वृत्ति में ढलना इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि सतवस्तु का कुदरती ग्रन्थ कह रहा है:-
ब्रह्म नाम ब्रह्म ध्यान है बेटा, हां हां हां ब्रह्म वचन करो प्रवान बेटा
ब्रह्म विचार नूं फड़न सजन, फिर ब्रह्म है बड़ा महान बेटा
अर्थात् ध्याने योग्य ब्रह्म ही सत् नाम है। ब्रह्म ही आत्मबोध कराने वाला शब्द है तथा ब्रह्म ही ध्यान यानि मानस अनुभूति या प्रत्यक्ष है। अत: एकाग्रचित्त होकर ध्याने योग्य इस सत् नाम/शब्द ब्रह्म से उद्धृत व हृदय विहित् ब्रह्म वाणी प्रवान करो यानि मनन एवं चिंतन द्वारा अमल में लाओ और ए विध् ब्रह्म विचारों को पकड़ कर यानि अपने स्वभाव या वृत्ति के अंतर्गत करके सर्व महान ब्रह्म पद को प्राप्त करो। जानो ऐसा करने से मन को अपार आत्मसंतोष प्राप्त होगा, चित्त शांत होगा, वृत्ति-स्मृति, बुद्धि व भाव-स्वभाव निर्मल होंगे तथा निर्गुण आत्मतत्व यानि दिव्य ज्ञान रूप आद् ज्योति का अपने मन मन्दिर में साक्षात्कार होगा। ऐसा होने पर शास्त्र अनुसार फिर क्या करना है, वह ध्यान से सुनो:-
जेहड़ा है मन मन्दिर प्रकाश, हर अन्दर है उसे दा निवास, उसे दा दर्शन कीजियो बेटा
अर्थात् जो आत्मप्रकाश हमने अपने मन-मन्दिर में देखा है, हर किसी में उसी के व्याप्त होने का आभास करते हुए, जनचर, बनचर, जड़-चेतन में अपने असलियत प्रकाश को देखना है और सतर्क रहना है कि सब कार्यव्यवहार करते हुए हमारा ख़्याल उसी प्रकाश में ठहरा रहे। ऐसा करने से मुस्कराहट आयेगी, बदन प्रफुल्लित होगा, हृदय खिड़ेगा और मुख चमकेगा। इस तरह सजनों जब अन्दर-बाहर दोनो वृतियों में, आत्मप्रकाश पर परिपक्वता से खड़े हो समवृत्ति हो जाओगे तो उस प्रकाश में अपने असलियत ब्रह्म स्वरूप यानि ‘आत्मा में जो है परमात्मा‘ उस नित्य समरूप परब्रह्म परमेश्वर का बोध होगा और ज्ञात होगा कि यह जगत और कुछ नहीं अपितु एक ही अगोचर नित्य चेतन स्वरूप की नाना नाम रूपों में अभिव्यक्ति है। यही यथार्थ है व इसके अतिरिक्त और जो कुछ प्रतीत हो रहा है वे सब मायावी और मिथ्या है। ऐसा होने पर सहज ही शास्त्र अनुसार कह उठोगे:-
ब्रह्म स्वरूप है अपना आप, हां-हां-हां-हां,, हम तो हैं सारा प्रकाश जग प्रकाश
ब्रह्म स्वरूप कुल इन्सान, ब्रह्म स्वरूप सारी सगली मान
इस बात को समझते हुए श्री सजन जी ने कहा कि विभिन्न रूप, रंग, रेखा से अलंकृत जो देहिक प्राणी हैं, उनकी ओर से अपनी दृष्टि (ध्यान) हटाकर जो इस देह का आधारस्वरूप परमात्मा है यानि देहेश्वर है उसके साथ अपना ध्यान/दृष्टि जोड़ो अर्थात्:-
‘अनडिठी चीज़ को देखो‘
शरीरधारियों की ओर से दृष्टि हटाओ,
महाराज जी (ईश्वर) की ओर ध्यान (दृष्टि) जोड़ो।‘
शास्त्र कहता है ऐसा करने से आँखों की सफ़ाई होगी और दृष्टि विराट् रूप हो जाएगी। इस तरह दृष्टि की मैल उतरने से आँखें उजली होंगी, उजली होने पर लाईट आवेगी और आँखें चमक उठेंगी। दृष्टि चमक पड़ी तो चतुर्भुजधार का प्रकाश ही प्रकाश और वही चमत्कार सब सजनों में निगाह आवेगा। फिर जो प्रकाश हो उसे हृदय में ठहरा लेना है और इस तरह से शुद्ध रहकर उस ज्योति स्वरूप भगवान, जिसने सजनों हमारी बनत बनाई है उस भगवान के साथ भगवान होकर जीवन सफ़ल बनाना है। इस संदर्भ में शास्त्र भी कहता है:-
विराट् पर जो खड़ा हो गया उसकी जीत-जीत, फ़तह फ़तह
अंत में सजन जी ने कहा कि शास्त्र अनुसार याद रखो ‘संसार में सब काम करते हुए भी जो निष्कामी बना रहता है, वही ब्रह्म कहलाता है‘। अत: निष्काम रास्ता पकड़ो और परमतत्व का ज्ञान प्राप्त कर व विचार के साथ सब में ब्रह्म ही ब्रह्म का बोध करते हुए ब्रह्म पद पाने के सच्चे अधिकारी सिद्ध होवो। उन्होंने फिर सबसे कहा कि निश्चित ही यह सब समझने के पश्चात् आपके मन में भी सजनता का प्रतीक बन ब्रह्म पद प्राप्त करने की इच्छा अवश्य ही जाग्रत हुई होगी। अगर ऐसा ही है तो एक दृढ़ संकल्पी इंसान की तरह सजन भाव अर्थात् ब्रह्म भाव अनुरूप अपने भाव-स्वभावों को ढ़ाल, वैश्विक स्तर पर पुन: सत्य धर्म का परचम बुलंद कर दो। जानो यही अधर्म की हार व धर्म की जीत का प्रतीक होगा।
दैनिक जीवन में तनाव निराकरण पर शताब्दी महाविद्यालय में बहुविषयक राष्ट्रिय संगोष्ठी

फरीदाबाद (दीपक शर्मा) : हरियाणा उच्च शिक्षा महानिदेशालय के तत्वावधान में डीएवी शताब्दी महाविद्यालय द्वारा एक बहुविषयक राष्ट्रिय संगोष्ठी का आयोजन किया गया | संगोष्ठी का विषय ‘स्ट्रेस मैनेजमेंट: वर्क लाइफ बैलेंस एंड रोल ऑफ़ पॉजिटिव साइकोलॉजी एट वर्कप्लेस’ रहा | महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. कृष्णकांत गुप्ता ने संगोष्ठी के मुख्य अतिथि, एमडीयू के पूर्व प्रोफेसर व वाणिज्य विभागाध्यक्ष डॉ. रविंदर विनायक ने विशिष्ट अतिथि के रूप में तथा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, नोएडा की डीन अकादमिक डॉ. नीलम सक्सेना ने मुख्य वक्ता के रूप में शिरकत की | संगोष्ठी का उद्देश्य शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और पेशेवरों के लिए कार्यस्थल पर तनाव के दबावपूर्ण मुद्दों और सकारात्मक मनोविज्ञान की परिवर्तनकारी शक्ति पर विचार-विमर्श करने के लिए एक बौद्धिक रूप से समृद्ध मंच करना व तनाव को जीवन से दूर रखने के उपायों पर विचार करना रहा। महाविद्यालय प्राचार्या डॉ. अर्चना भाटिया ने स्वागत वक्तव्य के साथ छात्रों और युवाओं के बीच जीवन लक्ष्य के रूप में खुशी को पोषित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। भगवद गीता की शाश्वत शिक्षाओं से प्रेरणा लेते हुए, उन्होंने अनावश्यक अपेक्षाओं को त्यागते हुए कर्म-उन्मुख मानसिकता विकसित करने के महत्व को रेखांकित किया |

डॉ. के.के. गुप्ता ने तनाव व मनोविज्ञान को परिलक्षित करने के लिए भारतीय दार्शनिकों के दोहों को उद्धृत किया | तनाव को जीवन से दूर रखने के लिए डॉ. गुप्ता ने पंचकोष के सिद्धांत; प्रकृति व जीवात्मा के संबंध को पहचानते हुए सच्चिदानंद परमात्मा की प्राप्ति का मार्ग; दैनिक जीवन में घर व ऑफिस पर सही निर्णय लेने के लिए माइंड सेट व पॉजिटिव – नेगेटिव अलजेब्रा को समझाया | उन्होंने छात्र-शिक्षक मनोविज्ञान, शिक्षण व्यवस्था खामियों व उनके निराकरण पर भी प्रकाश डाला | छात्रों की प्रतिभा का सही नजरिये से विश्लेषण कर उनका एक कार्य टीम में संकलन पर बल दिया | डॉ. नीलम सक्सेना ने आंतरिक, बाह्य, एक्यूट, क्रोनिक स्ट्रेस को दैनिक जीवन के साथ जोड़ते हुए वर्क लाइफ बैलेंस व पॉजिटिव साइकोलॉजी पर अपने विचार रखे | उन्होंने तनाव प्रबंधन के लिए टाइम मैनेजमेंट, फिजिकल वर्कआउट, कोपिंग स्ट्रेटेजीज, रिलैक्सेशन, प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स जैसे तरीकों को अपनाने पर जोर दिया | प्रो. डॉ. रविंदर विनायक ने शरीर, मन व आत्मा के मध्य प्रबंधन के जरिये स्ट्रेस को दूर रखने के बारे में समझाया | दैनिक जीवन में समय के साथ परिवर्तित होते हुए व्यक्तिगत व व्यावसायिक पर्यावरण में बदलती हुई उम्मीदें जो भौतिकता से जुडी हुई हैं, उनको तनाव का मुख्य कारण बताया |
समापन सत्र में मुख्य अतिथि डॉ. सुजाता खंडाई, निदेशक, एमिटी कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड फाइनेंस ने सचेत जीवन, अच्छे मानसिक स्वास्थ्य और खुशी और उत्पादकता के बीच सीधे सकारात्मक संबंध के महत्व पर जोर दिया। पैनलिस्ट डॉ. विनीत बंगा निदेशक और प्रमुख, न्यूरोलॉजी और न्यूरोवैस्कुलर इंटरवेंशन, डॉ. रीमा देहल, दौलत राम कॉलेज, डीयू, और डॉ. पारुल खन्ना, वाइस-प्रिंसिपल, आईएमटी, फरीदाबाद और डॉ. भावेश प्रकाश जोशी, निदेशक और एचओडी विभाग, यूजी मैनेजमेंट स्टडीज, एमआरआईआईआरएस द्वारा तनाव पर मनोविज्ञान व शोध से जुड़े प्रश्नों का जवाब उपस्थित प्रतिभागियों के समक्ष दिया गया | संगोष्ठी संयोजिका डॉ. अंजू गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापन प्रतुत किया जिसमें उन्होंने सभी उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों, प्राचार्या, साथी संयोजिका डॉ. रुचि अरोड़ा, समिति सदस्यों डॉ. अंकिता महिंद्रा, डॉ. सुमन गुप्ता, डॉ. रश्मि रतुरी, दिनेश चौधरी, गार्गी शर्मा, अमित दहिया, रचना कसाना, डॉ. सोनम अरोड़ा के साथ शिक्षकों, शोधार्थियों, व छात्रों का आभार व्यक्त किया | चार समानांतर तकनीकी सत्र के दौरान कुल 60 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। सत्रों में जीवंत बौद्धिक आदान-प्रदान हुआ, जिसमें तनाव और कल्याण पर अंतःविषय दृष्टिकोण प्रदर्शित किए गए।