आध्यत्म
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स्पेशल बच्चों संग दीवाली मनाने फरीदाबाद पहुंचे हिसार के DSP राजेश चेची
फरीदाबाद( विनोद वैष्णव ): दीवाली खुशियों का त्यौहार है और इन खुशियों का हक़ हर उन इंसान को है जिसने इस दुनिया में जन्म लिया है। ये विचार हिसार के डीएसपी राजेश चेची का जिन्होंने सोमवार फरीदाबाद के बाल भवन में स्पेशल बच्चों के लिए आयोजित किया गया दीवाली मिलन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि भाग लेते हुए व्यक्त किया। युवा समाजसेवी एवं भाजपा नेता साहिल नम्बरदार द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में बॉडी बिल्डिंग के अंतर्राष्ट्रीय कोच सुभाष भड़ाना, गायिका प्रियंका नागर, सिंगर संदीप गुर्जर, डाक्टर अभिषेक कसाना, डाक्टर हरवीर भाटी ख़ास रूप से मौजूद थे।
उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए डीएसपी राजेश चेची ने कहा कि उसी भगवान् ने उन्हें भी पैदा किया है जिसने हमें, उन्हें भी तीज त्योहारों होली दीवाली पर खुशियां मनाने का उतना हक़ है जितना हमें इसलिए ऐसे त्योहारों पर हमें इन लोगों को याद रखना चाहिए और अपनी खुशियां इनके साथ बांटनी चाहिए । उन्होंने कहा कि गरीबों और जरूरतमंदों में खुशियां बांटनी चाहिए। इस मौके पर सुभाष भड़ाना ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि अगर कोई दिव्यांग किसी खेल में आगे बढ़ना चाहता है और उसकी खेलों में रूचि है तो वो उस दिव्यांग बच्चे की हर तरह की निःशुल्क साहायता करेंगे। उन्होंने कहा कि मैंने पहला ऐसा कार्यक्रम देखा है जहाँ ऐसे बच्चों संग दीवाली मनाई जा रही है।
इस मौके पर गायिका प्रियंका नागर और संदीप गुर्जर ने कार्यक्रम में मौजूद बच्चों का हौसला बढ़ाया। प्रियंका नागर ने कहा कि इंसान चाह ले तो कुछ भी कर सकता है इसलिए इंसान को हिम्मत नहीं हारनी चाहिए।
मालुम हो कि भाजपा नेता साहिल नम्बरदार ने दीवाली के अवसर पर शहर के स्पेशल बच्चों के लिए इस कार्यक्रम को आयोजित किया था। कार्यक्रम में जिले के मंद बुद्धि बच्चों संग दीवाली की खुशियां बाँटी गईं । कार्यक्रम के आयोजक साहिल नम्बरदार ने बताया कि हमेशा अपने त्यौहार जरूरतमंदों को ख़ुशी बिखेर कर मनाते हैं और इससे उन्हें अपार ख़ुशी मिलती है । उन्होंने कहा कि खुशियां बांटने से और बढ़ती हैं और जरूरतमंद की मदद करना सबसे बड़ा पूण्य का काम है । उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों से वो होली और दीवाली इन्ही बच्चों संग मनाते हैं। इस मौके पर युवा समाजसेवी अर्जुन गौड़ ने सभी बच्चों का हौसला बढ़ाया और उन्हें पुरस्कृत किया।
टैगोर पब्लिक स्कूल पलवल में अन्तर्विद्यालयी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया
पलवल ( विनोद वैष्णव ) ‘टैगोर पब्लिक स्कूल’ के प्रांगण में ‘जन कल्याण संस्था’ द्वारा आयोजित श्रीमद्भगवदगीता (श्लोक) एवं श्रीरामचरितमानस (चैपाई) का अन्तर्विद्यालयी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथियों के आगमन के साथ ही शुरू हुआ तथा कार्यक्रम में अन्य विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने भी अपने अध्यापकों के मार्गदर्शन में बढ़-चढ़कर भाग लिया।इस अवसर पर समस्त प्रतिभागियों ने अपनी अद्भुत गायन शैली का परिचय देते हुए दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया एवं श्रोताओं ने भी छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन करते हुए उनके मनोबल को बढ़ाया।
कार्यक्रम के दौरान निर्णायक मंडल के सम्मानित सदस्यों ने प्रतिभागियों की भाव-विभोर प्रस्तुति को खूब सराहा एवं विजेता प्रतिभागियों को अगले चरण में और अच्छा प्रदर्शन करने की सीख दी।प्रतियोगिता के विभिन्न वर्गों में प्रथम स्थान प्राप्त करके ज़ोनल लेवल पर पहुँचने वाले छात्र-छात्राओं के नाम इस प्रकार हैं -द्वितीय वर्ग में निशांत पब्लिक स्कूल की हिमांशी, तृतीय वर्ग में टैगोर पब्लिक स्कूल की निहारिका, हर्षित एवं निशांत पब्लिक स्कूल की सुरभि एवं चतुर्थ वर्ग में धर्म पब्लिक स्कूल की भूमिका ने सम्मान प्राप्त किया।विद्यालय लेवल पर टैगोर पब्लिक स्कूल का प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ रहा। निम्नलिखित छात्र-छात्राओं ने प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किए। तृतीय वर्ग में टैगोर पब्लिक स्कूल की खुशबू एवं माधवी ने प्रथम, पार्थ, रिया और करिश्मा ने द्वितीय एवं हार्दिक, भूमि, निशि एवं दिव्या ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। निशांत पब्लिक स्कूल की सपना ने प्रथम, जिया एवं तन्वी ने द्वितीय एवं वासु और रिषभ ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। धर्म पब्लिक स्कूल की अंजलि ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। चतुर्थ वर्ग में निशांत पब्लिक स्कूल की रिशिका ने प्रथम, धारणा ने द्वितीय एवं कुशिका ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। धर्म पब्लिक स्कूल की मान्या ने द्वितीय एवं याशिका ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।कार्यक्रम की समाप्ति पर टैगोर पब्लिक स्कूल की निदेशिका मनोरमा अरोड़ा ने बच्चों के कला-कौशल की भूरि-भूरि प्रशंसा की तथा पढ़ाई के साथ-साथ धार्मिक संस्कार ग्रहण करने की भी सलाह दी।
विद्यालय की प्रधानाचार्या कपिला इंदु ने भी समस्त प्रतिभागियों के प्रदर्शन की तारीफ करते हुए इस प्रकार के आयोजनों में बढ़-चढ़कर भाग लेने की सीख दी और मंच पर एक भजन के माध्यम से अपनी प्रस्तुति देकर वातावरण को भक्तिमय बना दिया।अंत में प्रशासिका नीलम गाँधी ने विद्यालय में आए हुए समस्त प्रतिभागियों एवं उनके शिक्षकों को धन्यवाद दिया व अतिथियों को स्मृति-चिह्न प्रदान कर अपनी कृतज्ञता प्रकट की।
अखिल भारतीय ब्राह्मण सभा ने धूमधाम से मनाई महर्षि पाराशर जी की जयंती
दशहरे पर्व को लेकर नहीं बनी सहमति , एक पक्ष ने सयुंक्त रूप से पर्व मनाने से किया इंकार
फरीदाबाद ( विनोद वैष्णव ) |
आज नगर निगम में दशहरे पर्व को लेकर चले आ रहे विवाद को पर जिला प्रशासन के साथ सिद्ध पीठ श्री हनुमान मंदिर के प्रधान राजेश भाटिया व जोगिंद्र चावला की बैठक हुई। इस बैठक में जॉइंट कमिश्नर संदीप अग्रवाल ,बड़खल एस डी एम अजय चौपड़ा , एनआईटी के एसीपी गजेंद्र सिंह ,जिला रजिस्ट्रार अनिल चौधरी व आला अधिकारी मौजूद थे। बैठक में नगर निगम के जॉइंट कमिश्नर संदीप अग्रवाल ने दोनों पक्षों से पुरे मामले का ब्यौरा लिया। उन्होंने सिद्ध पीठ श्री हनुमान मंदिर के प्रधान राजेश भाटिया से कहाकि दोनों पक्ष मिल कर दशहरा पर्व का आयोजन करें लेकिन जोगिंद्र चावला ने दशहरा पर्व को साथ मनाने से साफ इंकार कर दिया। इस बात पर राजेश भाटिया ने कहाकि धार्मिक सामाजिक संघठन रजिस्टर्ड ही नहीं है तो वह फिर वह दशहरा धार्मिक सामाजिक संघठन कैसे मना सकती है। जॉइंट कमिश्नर संदीप अग्रवाल ने जिला रजिस्टर्ड अनिल चौधरी से पूछा की दोनों संस्थाओ में से कौन सी संस्था रजिस्टर्ड है इस पर अनिल चौधरी ने बताया की सिद्ध पीठ श्री हनुमान मंदिर ही रजिस्टर्ड संस्था है। जॉइंट कमिश्नर व बड़खल एसडीएम ने सिद्ध पीठ श्री हनुमान मंदिर के प्रधान राजेश भाटिया से पूछ की आपकी संस्था इस दशहरे पर्व का आयोजन करने में सक्षम है तो उन्होंने कहाकि उनकी संस्था दशहरे पर्व का आयोजन करने के लिए पूर्ण रूप से तैयार है। इस पर निगम के जॉइंट कमिश्नर व बड़खल एस डी एम अजय चौपड़ा ने सिद्ध पीठ श्री हनुमान मंदिर के प्रधान को यह कहाकि इस कार्यवाही का फैसला कल सुना दिया जायेगा।
फांद सौ योजन समुद्र यहां तक आया हूँ, ये अंगूठी श्री राम चन्द्र की आपके लिए लाया हूँ
फरीदाबाद ( विनोद वैष्णव )
।विजय रामलीला कमेटी मार्किट नम्बर 1, फरीदाबाद के भव्य मंच पर कल रात दिखाया गया लंका दहन। पहले दृश्य में हनुमान को लंका के द्वार पे लंकिनी नामक राक्षसी ने रोका जिसे मुष्टिका प्रहार से हनुमान ने किया घायल। फिर दिखाया गया सीता और रावण की तकरार जो हनुमान जी पेड़ पर छुप कर सुनते हैं। सीता (जितेश अहूजा) और रावण (टेकचन्द) के बीच हुआ जम के सम्वाद जिस पर दर्शकों ने तालियों से वाहवाही दी। इसके बाद मेघनाद द्वारा हनुमान को ब्रह्मपाश में बांधा गया और रावण के दरबार मे पेश किया गया। वहां जाकर हुआ रावण ओर हनुमान के बीच धमाकेदार तकरार। अंत मे पूंछ में लगी आग से हनुमान ने लंका ध्वस्त कर दी। सीता से निशानी ले वापिस राम जी की ओर रवाना हुए। आज बंधेगा राम सेतु और मुख्य आकर्षण रहेगा रावण अंगद सम्वाद।
सिद्वपीठ श्री हनुमान मंदिर के साथ बजरंग दशहरा और खुशरंग दशहरा कमेटी भी मनाएंगे दशहरा पर्व
हरियाणा के पूर्व मंत्री पं. शिवचरण लाल शर्मा के निधन पर कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला शोक व्यक्त करने पहुंचे
फरीदाबाद( विनोद वैष्णव )। हरियाणा के पूर्व मंत्री पं. शिवचरण लाल शर्मा के निधन पर कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं विधायक रणदीप सिंह सुरजेवाला, हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्ण बेदी, दिल्लीके पूर्व मेयर महेष चंद शर्मा, दिलली पूर्व निगम पार्षद ओ0पी0 कौषिक, फरीदाबाद से पार्षद संदीप भारद्वाज, अजय बैंसला, महेन्द्र भडाना, नितिन सिंगला, योगेष ढींगड़ा, खोरी जमालपुर के सरपंच जुम्मा, वेदपाल भडाना सहित कई गांवों के पंच-सरपंच तथा कांग्रेसी नेता विकास चैधरी, यषपाल नागर, वरिष्ठ पत्रकार उत्तमराज, राजेष शर्मा, बिजेन्द्र शर्मा, खेमचंद गर्ग, मनोज तोमर, सुधीर वर्मा, श्री गुरू सिंह सभा जवाहर कालोनी के प्रधान सरदार कुलवंत सिंह, सतबिन्द्र सिंह, सन्नी, रविदत्त, बलवीर सिंह कैरो, सेक्रेट्री इन्द्र सिंह, जगतार सिंह, हरवीर मावी, पर्वतीय कालोनी मार्किट महासचिव पंकज शर्मा, नेत्रपाल शर्मा, मोनू अरोड़ा, राजीव चैहान, मनमोहन सिंह, रोहताश चैधरी, डोली चैधरी, ज्योति अरोडा, पिं्रस कम्बोज, नवीन गोरिया, निखिल पण्डित ने उनके निवास पर जाकर पूर्व मंत्री जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करके भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की तथा तथा पंड़ित जी के परिवार को इस दुख की घड़ी मंें धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की।
शोक सभा में परिजनों को सांत्वना देते हुए कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं विधायक रणदीप सिंह सुरजवाला ने कहा पूर्व मंत्री पंड़ित षिवचरण लाल शर्मा और उनका परिवार शुरू से कांग्रेस के सच्चे और निष्ठावान सिपाही रहे है। मेरे पिताजी चै0 शमषेर सिंह सुरजेवाला भी पंड़ित जी के अच्छे संबंध रहे है। आज के राजनीतिज्ञों को इनको आदर्ष मानकर इनसे सीख लेनी चाहिए क्योंकि इनकी राजनीति में अच्छी पकड़ थी यह जमीन से जुड़े हुए नेक इंसान थे। मंत्री कार्यकाल में चाहे ग्रामीण आंचल या शहरी आंचल के विकास की बात तो वह स्वयं चंडीगढ़ में छोटे से बड़े अधिकारी तक फाइल लेकर जाते थे और पास करवाते थे। इन्होंने इतने बड़े मंत्री पद पर रहकर कभी भी वजीर (मंत्री) वाली बात नहीं की। हमेषा एक समाजसेवक के रूप में काम करवाते थे। उन्हों कहा कि मेरे लिए तो निजी जीवन में विकास पुरूष के साथ-साथ वह आदर्ष पुरूष भी थे।
वहीं हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्ण बेदी, ने कहा कि पंड़ित जी राजनीति से ऊपर मेरे परिवारिक मित्र भी थे। वे आजीवन राजनीति तथा सामाजिक गतिविधि से जुड़े रहे और अपना पूरा जीवन समाजसेवा को अर्पित कर दिया। पूर्व मंत्री पंड़ित जी ने हमेषा ही मेरा सुख-दुख की घड़ी में पूरा साथ दिया है जिसका मैं जीवन भर आभारी रहूंगा।
उद्योग मंत्री विपुल गोयल के घर गणपति उत्सव में पहुंची केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी
फरीदाबाद( विनोद वैष्णव )| गणपति बप्पा मोरया अगले बरस तू जल्दी आ के नारों के बीच उद्योग मंत्री विपुल गोयल और हजारों की संख्या में मौजूद भक्तों ने गणपति बप्पा को विदाई दी। 5 दिन तक चले गणपति उत्सव में अंतिम दिन कई राजनीतिक हस्तियों ने शिरकत की। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी विपुल गोयल के घर गणपति उत्सव में पहुंची और उन्होंने विदाई से पहले गणपति बप्पा की आरती की। स्मृति ईरानी ने सभी भक्तों की मनोकामना पूरी होने की प्रार्थना की। उन्होंने विपुल गोयल को इतने भव्य गणपति उत्सव के आयोजन के लिए बधाई दी। इसके अलावा डिप्टी स्पीकर संतोष यादव और हरियाणा सरकार में मंत्री बनवारी लाल और विधायक सीमा त्रिखा भी गणपति बप्पा के दर्शन करने पहुंचे। गणपति उत्सव के आखिरी दिन पंडाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन मनाया गया। इस मौके पर दो हजार छात्रों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बचपन पर आधारित “चलो जीते हैं” लघु फिल्म का भी मंचन किया गया जो दूसरों के लिए जीने की प्रेरणा देती है। इसके बाद छात्रों के साथ विपुल गोयल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन का केक काटा और भंडारे में लाइन में लगकर बच्चों के साथ भोजन भी किया। विसर्जन से पहले गणपति जी की भव्य शोभायात्रा निकाली गई जिसमे भक्तों ने जमकर एक दूसरे को रंग गुलाल लगाया और ढोल-नगाड़ों पर श्रद्धालुओं ने जमकर डांस किया। इसके बाद इको फ्रेंडली तरीके से सेक्टर 17 में शोभायात्रा निकालने के बाद पंडाल के अंदर पानी के टब में गणपति जी का विसर्जन कर दिया गया। 5 दिन के गणपति उत्सव में पूरे जोश के साथ शिरकत करने के लिए उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने सभी श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह उनका निजी नहीं बल्कि पूरे फरीदाबाद का गणपति उत्सव था जिसमें सभी लोगों ने हर्षोल्लास के साथ सहयोग किया। विपुल गोयल ने कहा कि अगले साल वो इस गणपति उत्सव को और भव्य बनाने की कोशिश करेंगे। विपुल गोयल ने सभी भक्तों की मनोकामना पूरी होने की प्रार्थना की। उन्होंने 5 दिन तक गणपति उत्सव में प्रस्तुति देने वाले महाराष्ट्र के कलाकारों का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर बीजेपी नेता राजेश नागर,मार्केट कमेटी के चेयरमैन मुकेश शास्त्री, मेयर सुमन बाला, डॉक्टर प्रशांत भल्ला, खादी बोर्ड के सदस्य विजय शर्मा, पार्षद नरेश नंबरदार छत्रपाल ,सुभाष आहूजा, पूर्व पार्षद धर्मपाल सुरजीत अधाना बिजेंद्र नेहरा, डॉक्टर कुलदीप जयसिंह, कमल जख्मी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
शद गुरु की महानता
फरीदाबाद ( विनोद वैष्णव )| जैसा कि आप सबको ज्ञात ही है कि विगत कुछ माह से इतने बड़े पैमाने पर मानवता-ई-ओलमिपयाड करवाने व समाज को नैतिक उत्थान की राह दिखा कर एक नेक व अच्छा इंसान बनाने के संदर्भ में सतयुग दर्शन ट्रस्ट, फरीदाबाद, की मानवता उत्थान समबन्धित गतिविधियाँ काफी चर्चित रही है। हाल में ही विश्व समभाव दिवस के शुभ अवसर पर समपन्न किए गए मानवता-ई-ओलमिपयाड के पुरस्कार वितरण समारोह के अवसर पर हमें भी ट्रस्ट के मार्गदर्शक सजन जी से भेट करने का अवसर प्राप्त हुआ और हमने भी मानवीय मूल्यों से भरपूर व स्वर्णिम भविष्य की राह दिखाते, अति ही सुन्दर कार्यक्रम को देखकर जिज्ञासा वश उनसे पूछा कि आखिर आप सबका गुरु कौन है?
यह सुनकर श्री सजन जी ने कहा कि यहाँ कोई भी शारीरिक गुरु नहीं है अपितु श4द ही हमारा गुरु है। यह सतयुग दर्शन ट्रस्ट, हकीकत में महाबीर सत्संग सभा का एक विस्तारित रूपान्तरण है। इस नाते यह द्वारा सजन श्री शहनशाह महाबीर जी का द्वारा है जो सतवस्तु के कुदरती ग्रन्थ में कहते हैं कि च्च्श4द है गुरु, शरीर नहीं है | यहाँ मूलमंत्र को स्पष्ट करते हुए उन्होने कहा कि यह है प्रणव-मंत्र ओ3म् जिसे हिन्दी में अक्षर/ब्राहृबीज, उर्दू में अलिफ, गुरुमुखी में ओंकार आदि नाम से समबोधित किया जाता है तथा हर पदार्थ के अन्दरूनी (आध्यात्मिक) व बैहरूनी (भौतिक) ज्ञान के प्रकटन का रुाोत व सुरत व श4द के मिलन का व विलीन होने का केन्द्र बिन्दु माना जाता है। इस संदर्भ में वह बोले कि नाम चाहे कुछ भी हो परन्तु हकीकत में यही अत्यन्त पवित्र, नित्य, स्थिर, दृढ़, अनश्वर, अविनाशी, स्वयंभू व परब्राहृवाचक यानि परमात्मा को व्यक्त, प्रकट या सूचित करने वाला श4द ही हमारा गुरु है यानि हमारा आध्यात्मिक पथप्रदर्शक है और परमानन्द की प्राप्ति हेतु दिव्यता की खिड़की खोलने की कुंजी है।
इस तरह सजन जी ने स्पष्ट किया कि सजन श्री शहनशाह महाबीर जी के वचनानुसार इस द्वारे पर हम सभी यही मानते हैं कि सार्थक ध्वनि के रूप में आत्मिक ज्ञान प्रदान करने वाला हमारा यह नित्य, अजर-अमर, गुरु ही न केवल हमारे नित्य असलियत स्वरूप की पहचान कराने में अपितु उस ब्राहृ और इस ब्राहृांड का हर रहस्य जनाने में पूर्ण सक्षम है तथा एकमात्र ऐसा रुाोत है जो सर्व को एक सूत्र में बाँध, सबके मन-मस्तिष्क को एक ही तरह के आत्मिक ज्ञान के प्रवाह से भरपूर कर, सर्व कला समपूर्ण बना सकता है। इसके अजपा जाप के प्रवाह से ही तेरी-मेरी, अपना-पराया, भिन्न-भेद, वैर-विरोध, वड-छोट, सेवक-स्वामी, भक्त-भगवान, गुरु-चेले का द्वैत युक्त भाव समाप्त हो सकता है और समस्त बाह्र आडंमबर व कर्मकांडयुक्त भक्ति भावों का अंत हो समभाव यानि ऐ1य भाव आ जाता है। इस प्रकार अपनी स्वतन्त्र मुक्त प्रकृति में बने रह हमारा आचार, विचार व व्यवहार सत्य-ज्ञान की मर्यादा में सदैव सधा रह सकता है और हम सजन-भाव और गृहस्थ धर्म के वचनों पर परिपक्वता से खड़े होकर इस जगत में अपना फज़ऱ्-अदा निर्लिप्तता से संकल्प रहित होकर, हँसकर निभा सकते हैं। इस तथ्य के दृष्टिगत श्री सजन जी ने कहा कि ईश्वर के इस मूल सिद्धान्त को हम अपने जीवन के मार्गदर्शक सिद्धान्त के रूप में स्वीकारते हैं अर्थात् हमारा उद्देश्य, ख़्याल, नीयत, विचार-प्रक्रिया, तर्कशक्ति, गंभीरता व सावधानी पूर्वक किया चिंतन, विचार-विमर्श, दृढ़ निश्चय, ध्यान इत्यादि सब इसी श4द ब्राहृ पर आधारित होता है और इसीलिए यहाँ सतयुगी चलन के अनुरूप समभाव-समदृष्टि अपनाने को प्रधानता दी जाती है तथा सजन-भाव यानि मैत्री-भाव अनुरूप व्यवहार करने पर जोर दिया जाता है।
आगे हमारे यह पूछने पर कि वर्तमान युग में प्रचलित भक्ति भावों के अनुरूप आप किसी शरीरधारी को गुरु 1यों नही मानते श्री सजन जी हँस कर बोले कि किसी शरीरधारी को गुरु मानने का अर्थ है आत्मतत्व से नाता तोड़ मिथ्या तत्वों से समबन्ध जोड़ आध्यात्मिकता के मार्ग से भटक जाना अर्थात् अज्ञानियों की तरह सांसारिक स्वार्थपूर्ण अन्तहीन इच्छाओं की ओर आकर्षित हो मृतलोक में आवागमन के दुष्चक्र में तब तक फँसे रहना जब तक कि अंतिम इच्छा पूर्ण न हो जाए। इसलिए हम यह भूल नहीं करते और सतवस्तु के कुदरती ग्रन्थ अनुसार यह मानते हैं कि :-
गुरू है बन्धन ते चेला है बन्धन, ओ बन्धन है जे पख परिवार ।
इस बन्धन तों छुटना चाहो सजनों श4द पकड़ो ब्राहृ विचार।।
इस आधार पर हम श4द को ही ब्राहृ मान, निष्कामता से उसी में अपने मन को लीन रखते हैं और उस द्वारा प्रदत्त ब्राहृ विचारों को धारण कर, अपने मन-वचन-कर्म द्वारा उन्ही का ही इस्तेमाल करने में अपनी शान समझते हैं। इससे बिना किसी प्रयत्न के स्वयंमेव हमारा मन संतोषमय यानि आत्मतुष्ट बना रहता है और हम जीवन की हर परिस्थिति का सामना डट कर निर्भयता से करने के लिए तत्पर रहते हैं यानि कभी कोई कमी हमें नहीं खलती। कमी नहीं खलती तो मिथ्या संसार के नकारात्मक भावों की गंदगी हमारे ख़्याल को छू नहीं पाती यानि विकार-वृत्तियाँ व गरूरी-मगरूरी नहीं पनप पाती और हम बाह्र उत्तेजनाओं से मुक्त हो अपने मन को धीरता से अपने जीवन के महान प्रयोजन को समयबद्ध पूरा करने के प्रति स्थिरता से साधे रख पाते हैं। यही कारण है कि सत्य को धारण कर धर्म के मार्ग पर चलना हमें कठिन प्रतीत नहीं होता और हम निष्कामता से परोपकार कमाते हुए मौत के भय से मुक्त हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि यही इस द्वारे की नीति है और इसी नीति पर हर इंसान को मानव धर्म अपनाकर यानि इंसानियत में आकर डटे रहने के लिए तैयार किया जाता है।
अंत में श्री सजन जी ने हमारे जरिए भी आप सब अखबार पढऩे वाले सजनों तक भी यही अपील की च्च्श4द है गुरू, शरीर नहीं हैज्ज् के तथ्य व सत्य को समझने के पश्चात् आप सब भी ज्ञानी को नहीं, ज्ञान को अपनाओ यानि निमित्त में नहीं अपितु नित्य में श्रद्धा बढ़ाओ। इस तरह दृढ़ विश्वास के साथ श4द गुरु से अपना नाता जोड़ श्रद्धापूर्वक, उससे प्राप्त होने वाले सत्य आत्मिक ज्ञान के प्रति आस्था रखते हुए, उन का इस्तेमाल कर आत्मबोध करो और ए विध् यह मनुष्य जीवन सुख-शान्ति से व्यतीत करते हुए उस परमसत्य, अविनाशी ईश्वर के हो जाओ। इन्ही शुभकामनाओं के साथ।