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Posted by: | Posted on: March 25, 2018

परमपद प्राप्ति हेतु प्रणववाचक मूल मंत्र आद् अक्षर की महत्ता

( विनोद वैष्णव )| यज्ञ उत्सव के तृतीय दिवस ट्रस्ट के मार्गदर्शक श्री सजन जी ने सत्संग में उपस्थित सजनों को समबोधित करते हुए कहा कि जीवन के परम लक्ष्य को सिद्ध कर परमपद प्राप्त करने हेतु च्ना किसी से प्यार कर, ना किसी से वैर रख, दोस्ती ला लै तूं आद् दे नाल दिलों दुई भाव नूं छडज्। उन्होंने बताया कि यहाँ आद् श4द से तात्पर्य सृष्टि के उस मौलिक, प्रथम, प्रधान व मु2य कारण से है जो कि वेदान्तियों के अनुसार ब्रह्म यानि सबसे बड़ी चेतन सत्ता है तथा जगत का मूल कारण और सत्, चित्त्, आनंदस्वरूप मानी जाती है। ओ3म् के ब्रह्म पर्याय के द्वारा उसकी सर्वरूपता सिद्ध है। इसी आद् को हिन्दी में प्रणव/ओउम्/अक्षर/ब्रह्मबीज, उर्दू में अलिफ, गुरुमुखी में ओंकार आदि नामों से समबोधित किया जाता है। उन्होने कहा कि सजनों नाम चाहे कुछ भी हो परन्तु हकीकत में इसे ही अत्यन्त पवित्र, नित्य, स्थिर, दृढ़, अनश्वर, अविनाशी, स्वयंभू व परब्रह्मवाचक यानि परमात्मा को व्यक्त, प्रकट या सूचित करने वाला श4द माना जाता है। इसी से सकल सृष्टि यानि जगत की उत्पत्ति होती है, पालन होता है व अंतत: इसी में सबका लय हो जाता है। उन्होंने सजनों को स्पष्ट किया कि हकीकत में रूप, रंग, रेखा से रहित परब्रह्म ही श4द ब्रह्म द्वारा संपूर्ण संसार को ब्रह्म सत्ता के रूप में, एक रस प्रकाशित करता हुआ, सभी प्राणियों में प्रवेश करता है और एक होकर भी अपने आपको अनेक रूपों में सृजित कर लेता है।

उन्होने कहा कि वास्तव में ओ3म् आद् अक्षर ही अजर-अमर आत्मा का निराकार रूप है। यही श4द ब्रह्म ही वह केन्द्र बिन्दु है जहाँ से ब्रह्म, जीव और जगत के सत्य का प्रगटन होता है। इसी में समस्त ज्ञान विज्ञान समाया/सिमटा हुआ है और इसी का वर्णन सब वेद शास्त्र व धर्म ग्रन्थ कर रहे हैं। यही अन्दरुनी व बैहरुनी वृत्ति की निर्मलता व सर्वांगीण उन्नति का एकमात्र साधन है और यथार्थ में दिव्यता की खिड़की खोलने की कुन्जी है। यही सुरत और श4द के मिलन का व विलीन होने का केन्द्र-बिन्दु है, जहाँ पहुँच जीव विश्राम को पाता है। इसी संदर्भ में श्री सजन जी ने यह भी बताया कि इस ब्रह्म के मूर्त और अमूर्त दो रूप है जो क्षर और अक्षर रूप में समस्त प्राणियों में स्थित है। अक्षर वह परब्रह्म है और क्षर संपूर्ण जगत है। इस आधार पर ओ3म ही परब्रह्म परमेश्वर से प्रकट हुआ उनका स्वरूप है। यह ही समग्र विश्व को ढके हुए है यानि सारे संसार का एक भी पदार्थ ऐसा नहीं है जो ओ3म से बाहर हो। इस नाते ओ3म ही जीवन है यानि संपूर्ण जगत का प्राण है। यह ही वेदो का सार, तपस्वियों का वचन, ज्ञानियों का अनुभव है। इसलिए तो कहा जाता है कि जिसने इस मंगलमय ओ3कार को जान लिया वही मुनि है अन्य कोई पुरुष नहीं। उन्होंने कहा कि जैसे बाँस के द्वारा खाई को लांघा जाता है, वैसे ही ओ3म के सेतु द्वारा जीवन, मृत्यु को पार करता है। इस तरह यह ही आत्मा को मुक्ति देने वाला है। श्री सजन जी ने यह भी कहा कि इस बात को ध्यान में रखते हुए जो भी प्राणी ओ3म अक्षर का पाठ करके पूर्ण एवं दृढ़ विश्वास के साथ प्रभु की उपासना करता है उसे निश्चय ही प्रभु मिलन की राह मिल जाती है और वह अवश्य प्रभु को पाने में सफल हो जाता है। यही नहीं इस ओंकार अक्षर को श्रद्धाभाव के साथ ऊँचे स्वर में या मन में उच्चारण करने से अनेक प्रकार के शारीरिक-मानसिक लाभ तो प्राप्त होते ही हैं, साथ ही इस मूलमंत्र का निष्काम भाव से अजपा जाप करने वाला आत्मिक ज्ञान प्राप्ति का अधिकारी भी बनता है। इस तरह ओंकार की उपासना और चिंतन करके उसके द्वारा अपने इष्ट को चाहने वाला वह आत्मज्ञानी परमगति को प्राप्त करता है। सारत: उन्होंने कहा कि ओ3म अक्षर को जानकर मनुष्य जो कुछ भी चाहता है, जिसकी इच्छा करता है उसे वही मिल जाता है। उसे हर काम में सफलता मिलती है और बिगड़े काम बन जाते हैं। इस तरह ओ3म की ध्वनि उस सुन्दर वृक्ष के समान, जो प्रचण्ड सूर्य के ताप से झुलसते हुए मनुष्य को शीतल छाया प्रदान करता है, प्राणी को शीतलता प्रदान करती है।

अंत में उन्होंने इस संदर्भ में सब सजनों से निवेदन किया कि अगर आत्मा के परम तत्व को जान अभय पद प्राप्त करना चाहते हो यानि ब्रह्म नाल ब्रह्म हो दुनियां से आजाद रहना चाहते हो तो इस एकाक्षर श4द ब्रह्म की रटन लगा, इसे अपने ख़्याल यानि रोम-रोम में बसा लो। ऐसा करने से ही हृदय में ब्रह्म भाव पनपेगा और आप अपने अस्तित्व के मूलाधार च्आत्माज् व च्आत्मा में जो है परमात्मा उसे जान, च्विचार ईश्वर है अपना आपज् इस शाश्वत भाव पर खड़े हो, जीवन की वास्तविकता यानि यथार्थ ज्ञान का स्पष्टता व सत्यता से बोध व प्रयोग कर, अमरत्व को प्राप्त कर लोगे।

इस अवसर पर उपस्थित अनेक श्रद्धालुओं से बातचीत के दौरान पता चला कि यहाँ पर हर प्रकार से उनकी सुख-सुविधा का ध्यान रखा जा रहा है तथा उन्हें किसी प्रकार की कोई कठिनाई नहीं हो रही।

Posted by: | Posted on: March 25, 2018

मंत्री विपुल गोयल ने गांव जोधपुर की गौशाला के लिए स्वैच्छिक कोष से 11 लाख रुपये देने की घोषणा की

( विनोद वैष्णव )। हरियाणा के उद्योग एवं पर्यावरण मंत्री विपुल गोयल ने रविवार को गांव जोधपुर की गौशाला के लिए स्वैच्छिक कोष से 11 लाख रुपये देने की घोषणा की। श्री राधे गौसेवा समिति द्वारा गांव जोधपुर की गौशाला में आयोजित वार्षिक उत्सव के अवसर पर उद्योग मंत्री ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि गौसेवा सरकार का संकल्प है। वर्तमान सरकार ने गाय की तस्करी करने वाले लोगों को दण्ड देने का कानून बनाया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने गौसेवा आयोग का गठन किया। शीघ्र ही जिला में 80 से 100 एकड़ क्षेत्र में गौअभ्यरण बनाया जाएगा जिसमें सडक़ पर घूमने वाली बेसहारा गायों व नंदियों को एक छत के नीचे रखकर उनकी सेवा करने की व्यवस्था की जाएगी। गौसेवा ही नारायण सेवा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों को उनका हक़ देने का काम किया है। प्रदेश सरकार ने पिछले तीन वर्षों में किसानों को उनकी फसल खराब होने पर तीन हजार करोड़ रुपये का मुआवजा दिया है। उद्योग मंत्री ने क्षेत्र के किसानों से अपनी फसल का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत बीमा करवाने का आहवान किया। ताकि प्राकृतिक आपदाओं से फसल में हुए नुकसान की भरपाई किसानों को  प्राप्त हो सके। यह सरकार किसान हितेषी सरकार है। उन्होंने ग्रामीणों से आहवान किया कि वे केन्द्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाएं।प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में पलवल के विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की कोई भी कोर कसर नहीं छोडी जा रही है। प्रदेश के सभी क्षेत्रों में विकास कार्य समान रूप से बिना किसी भेदभाव के करवाए जा रहे हैं।उद्योग मंत्री ने कहा कि विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय जिला पलवल के गांव दूधौला में स्थापित किया जा रहा है। यह देश की ऐसी पहली स्कील यूनिवर्सिटी है जिससे युवाओं को अपने हाथ का हुनर तथा स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।इस अवसर पर गांव जोधपुर की गोशाला में श्री राधे गौसेवा समिति ने हरियाणा के उद्योग एवं पर्यावरण मंत्री विपुल गोयल का भव्य स्वागत किया। इस अवसर पर के.एम.पी. के किसानों ने भी उद्योग मंत्री का पगड़ी बाँधकर स्वागत अभिनंदन किया।इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह सौरोत, प्रदेश उपाध्यक्ष किसान मोर्चा वीरपाल दीक्षित, पवन अग्रवाल, कर्नल राजेन्द्र सिंह रावत, गांव के सरपंच सुंदर, पूर्व सरपंच सुरेन्द्र, पोप सिंह, नरेश, महेन्द्र सिंह डागर, नेतराम, मानसिंह नेहरा सहित अन्य गांवों के पंच सरपंच एवं गणमान्य लोग मौजूद थे।इससे पूर्व उद्योग मंत्री ने गांव गहलब के शहीद हुए पैरा कमांडो सुनील सहरावत के घर जाकर उनके परिवार को सांत्वना दी। उद्योग मंत्री ने शहीद सुनील के नाम पर शहीद स्मारक बनाने का आश्वासन दिया। उद्योग मंत्री ने शहीद सुनील की मां को भी दी सांत्वना दी। विपुल गोयल शहीद सुनील की मां से बोले देश को आपके लाल पर नाज है। शहीद स्मारक बनाकर आपके बेटे को रखेंगे जीवंत। उल्लेखनीय है कि आगरा में अभ्यास के दौरान पैराशूट ना खुलने की वजह से सुनील सहरावत का देहांत हो गया था।

Posted by: | Posted on: March 25, 2018

वैष्णोदेेवी मंदिर में हुई मां कालरात्रि की भव्य पूजा, भक्तों ने लगाई परिक्रमा

फरीदाबाद ( विनोद वैष्णव )। नवरात्रों के सातवें दिन आज सिद्धपीठ श्री वैष्णोदेवी मंदिर में मां कालरात्रि का भव्य पूजन किया गया। इस अवसर पर मंदिर में प्रात: से ही श्रद्धालुओं की मंदिर में खासी सं या रही और सभी ने पूजन में हिस्सा लिया। मां कालरात्रि की पूजा अर्चना के अवसर पर लखानी अरमान गु्रप के चेयरमैन के.सी. लखानी, होटल डिलाईट के चेयरमैन रामशरण भाटिया, फ्रैंडस गु्रप के एमडी अमरजीत सिंह चावला एवं उद्योगपति आनंद मल्होत्रा सहित सैंकड़ों भक्तों ने हिस्सा लिया।मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने प्रातकालीन हवन यज्ञ एवं पूजा का शुभारंभ करवाया। इस अवसर पर श्री भाटिया ने भक्तों को नवरात्रों की शुभकामनाएं दी। उन्होंने भक्तों को बताया कि मां कालरात्रि का प्रिय भोग पंचमेवा और जायफल है। मां को नीला जामुनी रंग पसंद है। उनके अनुसार मां कालरात्रि अपने भक्तों की सभी मुराद पूरी करती हैं।उनके अनुसार जो भक्त नवमी पर कन्या पूजन करना चाहते हैं, वे रविवार को प्रात: 8: 15 के बाद कन्या पूजन कर सकते हैं। उनके अनुसार अष्टमी पर मां महागौरी की पूजा की जाती है। मां महागौरी को देसी घी से बना हुआ हलवा पूडी का प्रसाद अति प्रिय है और उनका प्रिय रंग गुलाबी माना जाता है। इस अवसर पर मंदिर में परिक्रमा का आयोजन किया गया। जिसमें सैंकड़ों भक्तों ने उत्साह पूर्वक हिस्सा लिया। परिक्रमा के अवसर पर भक्तों ने माता रानी के जयकारे लगाते हुए भजन कीर्तन गाए और अंत में सभी श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। इस अवसर पर मंदिर में प्रधान जगदीश भाटिया के साथ साथ पूजा अर्चना में प्रताप भाटिया, गिर्राजदत्त गौड, फकीरचंद कथूरिया, राजकुमार, सुरेंद्र गेरा, नरेश मदान, सुरेंद्र झांब, प्रदीप खत्री, नवीन, प्रीतम, अनिल ग्रोवर एवं ललित गुप्ता भी शामिल रहे।

Posted by: | Posted on: March 23, 2018

श्री माता मनसा देवी व श्री काली माता मंदिर कालका में एक करोड़ 5 लाख 66 हजार 969 रुपये की राशि दान स्वरूप अर्पित की गई और 4 लाख 6 हजार 960 श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन किए

चंडीगढ़( विनोद वैष्णव )| हरियाणा के पंचकूला जिला में चैत्र नवरात्र मेला के छठे नवरात्रे तक श्री माता मनसा देवी व श्री काली माता मंदिर कालका में एक करोड़ 5 लाख 66 हजार 969 रुपये की राशि दान स्वरूप अर्पित की गई और 4 लाख 6 हजार 960 श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन किए। इसके अलावा छठे नवरात्र तक श्री माता मनसा देवी व श्री काली माता मंदिर में सोने के 49 तथा चांदी के 827 नग दान स्वरूप अर्पित किए गए।इस संबंध में जानकारी देते हुए श्री माता मनसा देवी पूजा स्थल बोर्ड के मुख्य प्रशासक मुकुल कुमार ने बताया कि नवरात्र के छठे दिन श्री माता मनसा देवी व श्री काली माता मंदिर कालका में 19 लाख 14 हजार 409 रुपये की राशि दान स्वरूप अर्पित की गई और कुल 64  हजार श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन किए। छठे नवरात्र के अवसर पर श्रद्धालुओं द्वारा श्रीमाता मनसा देवी व श्री काली माता मंदिर कालका में सोने के 7 तथा चांदी के 152 नग दान स्वरूप अर्पित किए गए। उन्होंने बताया कि छठे नवरात्र के अवसर पर श्री माता मनसा देवी मंदिर में 14 लाख 96 हजार 257 रुपये और श्री काली माता मंदिर कालका में 4 लाख 14 हजार 152 रुपये की राशि अर्पित की गई। इसी प्रकार, श्री माता मनसा देवी मंदिर में सोने के 7 तथा चांदी के 124 नग दान स्वरूप अर्पित किए गए जबकि श्री काली माता मंदिर कालका में चांदी के 37 नग श्रद्धालुओं द्वारा माता के चरणों में भेंट किए गए। उन्होंने बताया कि श्री माता मनसा देवी मंदिर में 43 हजार तथा काली माता मंदिर में 21 हजार श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन किए। श्रद्धालुओं द्वारा माता के चरणों में यूएसए के 14 डालर, कैनेडा के 40 तथा ऑस्ट्रेलिया के 25 डालर के अलावा इंग्लेंड के 10 पाउंड भी दान स्वरूप अर्पित किए गए।
Posted by: | Posted on: March 23, 2018

सतयुग दर्शन ट्रस्ट का वार्षिक रामनवमी यज्ञ महोत्सव

( विनोद वैष्णव )| सतयुग दर्शन ट्रस्ट का वार्षिक रामनवमी यज्ञ महोत्सव, आज भूपानी स्थित सतयुग दर्शन वसुंधरा पर प्रात: ८.०० बजे सतवस्तु के कुदरती ग्रन्थ व रामायण के अखंड पाठ के साथ आरंभ हुआ। आरमिभक विधि के उपरांत सजनों को सत्संग के दौरान ट्रस्ट के मार्गदर्शक श्री सजन जी ने मोक्ष प्राप्ति हेतु विचार की महत्ता बताते हुए कहा कि:- हँसना ही जीवन है, रोना तो है जी मरना। यहाँ जीवन-मरण के विषय में स्पष्टीकरण देते हुए उन्होंने कहा कि जहाँ जीवन–जीवन शक्ति, प्राणशक्ति है यानि हमारे सजीव ओजयुक्त अस्तित्व व सर्वांगीण स्वस्थता का आधार है और परमात्मा की अद्भुत देन है वहीं मरना जीवन का अन्त है यानि घोर संकटमय व कष्टप्रद अचेतन अवस्था है व इसके परिणाम से मनुष्य के मन में संसार के प्रति आसक्ति का भाव पनपता है और वह जन्म-जन्मांतरों तक जन्म-मरण की पीड़ा भोगता रहता है। आशय यह है कि जीवन मोक्ष की ओर ले जाता है व मृत्यु बन्धमान करती है। मोक्ष चौरासी के बंधन यानि आवागमन से मुक्ति, छुटकारा पाना है तथा बन्धन, संसार/कर्म व माया-पाश में फँस कर कारागार की पीड़ा भुगतना है। यह बताने के पश्चात् उन्होने सजनों से पूछा कि जीना चाहते हो या मरना? सभी ने उत्तर दिया कि हम जीवन की हर चिंता, फिक्र, कष्ट व बन्धन से आज़ादी यानि मुक्ति पा जीना चाहते हैं। इस पर श्री सजन जी ने कहा कि यदि मुक्ति चाहते हो तो स्वार्थ से परमार्थ होने का संकल्प लो यानि इसी जीवनकाल में निज धर्म पर स्थिर रहते हुए, सत्यता से अपने समस्त कर्तव्यों को कुशलता से संपादन करो व ए विध् निष्काम भाव से पुण्य कर्म करते हुए अपने सच्चे घर की ओर बढ़ो। यही नहीं इस शुभ संकल्प की सिद्धि हेतु च्च्विचार ईश्वर आप नूं मानज्ज् के सत्य को आत्मसात् करो और समभाव-समदृष्टि के सबक़ अनुसार सदा सजन भाव का वर्त-वर्ताव करते हुए, निरंतर संकल्प रहित अवस्था में स्थिर बने रहो। ऐसा सुनिश्चित कर ब्रह्म भाव में स्थित हो जाओ और अपना जीवन आबाद कर लो।इस तरह जीवन में विचार को अपनाने की महत्ता स्पष्ट करते हुए उन्होंने सजनों को बताया कि विचार सवलड़ा यानि सरल व सुगम रास्ता है और अव विचार कवलड़ा अर्थात् उलझनों भरा रास्ता है। विचार मार्ग पर चलने वाले की हर तरफ से जीत ही जीत होती है और अविचार के मार्ग पर चलने वाले को हर तरफ से ठोकरें व हार ही प्राप्त होती है। अत: इस परिणाम को याद रखते हुए कदम-कदम पर विचार पकड़ो यानि ब्रह्म विचार को धारण कर, उस पर खड़े हो जाओ। इस तरह जीवन में हर कदम पर, चिंतन-मनन द्वारा, गंभीरता से भली-भांति, सोच-समझकर विवेकपूर्ण निर्णय लेने की आदत बना लो। ऐसा करने पर विचार से प्यार होने लगेगा यानि विचारसंगत हर कार्य को करने की क्रिया, हमारे मन को भाने लगेगी और हम सत्य-असत्य, भले-बुरे की पहचान कर केवल यथार्थ को अपनाकर, व्यवहार में लाएंगे जो नीति व न्यायसंगत होगा। तभी अविचार यानि कुसंग छूटेगा और हम तीनों लोकों, तीनों कालों में सर्वव्यापी, अपने नित्य सत्य स्वरूप अर्थात् सतवस्तु शंख, चक्र, गदा पद्मधारी का दिव्य दर्शन कर आनन्दित हो जाएंगे और जन्म की बाजी जीत लेंगे।सजन जी ने सजनों से कहा कि यदि जगत विजयी होना चाहते हो तो वेद-शास्त्रों में वर्णित श4द ब्रह्म विचार धारण कर सदा विचारयुक्त बने रहो और निर्विकारी हो अ1लमंद नाम कहाओ। उन्होंने कहा कि ऐसा करना इसलिए भी आवश्यक है 1योंकि कलुकाल जा रहा है और सतवस्तु आ रही है। सतवस्तु में विचार, सतज़बान एक दृष्टि एकता और एक अवस्था होगी। न सिमरण, न भजन और न ही बन्दगी होगी। खुला प्रकाश होगा। सतवस्तु में कला से सब कुछ उपजेगा। इसीलिए हमारे लिए यही समय है अपना जीवन बनाने का और प्रभु से मेल खाने का। अत: वक्त की नजाकत को समझते हुए संकल्प का झुखना-रोना बंद करो ताकि मन फुरने की सृष्टि से आजाद हो शांत हो जाए और आप विचार, सत् ज़बान, एक दृष्टि, एकता और एक अवस्था में आकर अपना जीवन सफल बना लो।हमारे संवाददाता की रिपोर्ट के अनुसार रामनवमी महायज्ञ के प्रथम दिवस, सत्संग रात्रि १.०० बजे तक चलता रहा। देर रात्रि तक श्रद्धालु भजन कीर्तन का आनंद लेते रहे। न्यासी गाँधी ने बताया कि अभी भी भक्तजनों का निरंतर आगमन जारी है। भक्तजनों की सुविधा के लिए प्राथमिक उपचार की सुविधा भी परिसर में की गई है ताकि किसी को शारीरिक कष्ट के कारण कठिनाई का सामना न करना पड़े।

Posted by: | Posted on: March 23, 2018

कश्मीरी समाज की मदद से कुष्ठरोगी पुनर्वास केद्र के पीड़ित रोगियों की सहायता

पलवल ( विनोद वैष्णव ): दुधौला स्थित हरियाणा विश्कर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने अखिल भारतीय कश्मीरी समाज की मदद से कुष्ठरोगी पुनर्वास केद्र के पीड़ित रोगियों ने की सहायता के उदेश्य से अपनी कुछ इच्छाओं/भावनाओं को कुलपति राज नेहरु (एचवीएसयू) के समक्ष इजहार किया था। इस इच्छा-सूचीनुसार उनकी मानवीय सम्वेदनाओं को समझते हुए आज एचवीएसयू और एआईकेएस के प्रयासों से इस मानवीय कार्य को पूरा किया, क्योंकि उनके मन इच्छा की पूर्ति से उनके जीवन में कुछ बदलाव आ सकें।  इन पीड़ित रोगियों को स्थाई रूप से उनके परिवारों द्वारा छोड़ दिया जाता है और  उनका जीवन इन पुनर्वास केंद्रों में गुजर जाता है।
कुलपति  राज नेहरू ने कहा एक सामाजिक कार्यकर्ता की भांति विपत्ति तथा दुखों से राहत दिलाने एवं उनके निवारण तथा आपेक्षित सेवाओं की व्यवस्था और संसाधन प्राप्त करने में और उस कार्य को सक्षम बनाने के लिए श्री विजय आईमा अध्यक्ष अखिल भारतीय कश्मीरी समाज हमेशा उनके साथ खड़े पाते हैं और श्री विजय आईमा ने आश्वासन दिया कि एआईके एस ऐसे सामाजिक कार्यो के लिए सदेव हरियाणा विश्कर्मा कौशल विश्वविद्यालय के साथ खड़े रहेंगें।कुलपति   राज नेहरू ने कहा एक कहावत है रोग से घृणा करो रोगी से नहीं लेकिन हमारे समाज में लोग कुष्ठ रोग से ज्यादा कुष्ठ  रोगी से घृणा करते हैं,समाज अपने नजरिए में बदलाव लाएं और कुष्ठ रोगियों के लिए मदद का हाथ आगे बढ़ाएं तो हजारों ऐसे पीड़ित वृद्धों को बेघर होने से बचाया जा सकता है। उन्होनें कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों के साथ अपना कुछ समय बिताया और उन्होनें  पीड़ित लोगों की गतिविधियों  की कार्यप्रणाली को बारीकी से समझते हुए कुष्ठ रोग के प्रति समाज का नजरिया बदलने तथा लोगों को जागरुक करने में अपनी भूमिका निभाने की भी निश्चय किया।
माननीय कुलपति जी ने कहा देश में सामाजिक कार्य की वर्तमान संभावनाएं है।सामाजिक कार्य परोपकारिता प्रजातांत्रिक आदर्शों से विकसित हुआ है। क्योंकि सामाजिक कार्य समाज में फैली बाधाओं असमानताओं तथा अन्याय का पता लगाता है इसका उद्देश्य व्यक्ति की पूर्व अंतर शक्ति का विकास करने और  जीवन की बुराई को रोकने में सहायता कर हमें प्रेरणा एवं चित्र के रूप में कार्य करते हैं ।
इस अवसर पर उनके साथ डॉ सुनील गुप्ता कुलसचिव(एचवीएसयू), डॉ ललित कुमार शर्मा, श्री संजीव तायल, सुश्री मीनाक्षी कौल, सुश्री शिखा गुप्ता, डॉ उदित कुमार सुश्री भारती एवं कुष्ठ रोग पीड़ित पुनर्वास केंद्र के सभी कार्यकर्ता
 मौजूद थे।
Posted by: | Posted on: March 23, 2018

डीएलएफ फाउंडेशन का ‘वॉश मॉडल’ कार्यक्रम बढ़ाएगा अब दिल्ली के स्कूलों की शिक्षा गुणवत्ता

नई दिल्ली( विनोद वैष्णव ): जीवन में शिक्षा के महत्व को बताते हुए स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था कि ‘शिक्षा का मौलिक अधिकार सभी को है और यह तभी पूर्ण हो सकेगा जब भारत में हर बच्चा शिक्षित होगा | यथार्थ, हम सब वास्तविक रूप से उसी दिन शिक्षित कहलायेगें |’ राजधानी दिल्ली के कई ग्रामीण इलाकों में अभी भी शिक्षा की स्थिति दयनीय बनी हुई है | इसी संदर्भ में डीएलएफ फाउंडेशन ने दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के साथ मिलकर ‘वॉश मॉडल’कार्यक्रम की शुरुआत की | इस कार्यक्रम के माध्यम से डीएलएफ फाउंडेशन का उद्देश्य सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना , बुनियादी मूलभूत सुविधायें एवं स्वच्छता इत्यादि के संसाधन पहुँचाना है | सबसे पहले इस कार्यक्रम को नई दिल्ली में द्वारका के अंबर गाँव में स्थिति गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल में शुरू किया गया | ‘वॉश मॉडल’ कार्यक्रम का शुभारंभ दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की मेयर सुश्री कमलजीत सहरावत ने किया | इस मौके पर डीएलएफ फाउंडेशन के सीईओ विनय साहनी एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे |इस अवसर पर दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की मेयर सुश्री कमलजीत सहरावत ने कहा कि-“डीएलएफ फाउंडेशन को इस कार्य के लिए धन्यवाद, जिन्होंने द्वारका के अंबर हे जैसे ग्रामीण स्कूलों में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए बुनियादी मूलभूत सुविधायें पहुँचायीं हैं |  साथ ही, इन्होंने स्कूल में सीसीटीवी कैमरे, बच्चों की शैक्षिक ज्ञान में वृद्धि के लिये उच्च स्तर के शिक्षक एवं सह-पाठ्यक्रम गतिविधियाँ भी उपलब्ध करवायी हैं | डीएलएफ फाउंडेशन ने गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल में शौचालय का भी निर्माण किया है, परंतु अब इसको स्वच्छ और संरक्षित रखना विद्यार्थियों एवं शिक्षकों का कर्तव्य हैं | इस कार्यक्रम से सीखकर, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत आने वाले सभी सरकारी स्कूलों में हम ‘वॉश मॉडल’ कार्यक्रम को ले जायेंगे |‘वॉश मॉडल’ कार्यक्रम के विषय में बताते हुए डीएलएफ फाउंडेशन के सीईओ विनय साहनी ने कहा कि-“ हमारी विभिन्न प्रकार की सीएसआर परियोजनाओं में से एक यह स्कूल की बुनियादी मूलभूत विकास योजना भी हैं | ‘टैलेंट नर्चरिंग प्रोग्राम’ डीएलएफ फाउंडेशन द्वारा शुरू एक विशेष परियोजना है । इसके माध्यम से 1200 से अधिक वंचित वर्ग के प्रतिभासम्पन्न बच्चों को उनकी क्षमता और आय के आधार पर चयन कर शिक्षा का अवसर देना है । साथ ही, डीएलएफ फाउंडेशन उन्हें कोचिंग, परामर्श, सलाह और सॉफ्ट कौशल प्रशिक्षण और पुरस्कार प्रदान करने में भी सहयोग करता है । ‘स्किल-ए-मिलियन प्रोग्राम’ का उद्देश्य आने वाले आठ से दस सालों में दस लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण और नौकरी की नियुक्ति प्रदान करने में संलग्न करता हैं | इसके अतिरिक्त, ‘मॉडल विलेज परियोजना’ के अंतर्ग्रत डीएलएफ फाउंडेशन का लक्ष्य किसी भी गाँव को एक ‘स्मार्ट गाँव’ के रूप में तब्दील करना  एवं आत्मनिर्भर बनाना है |डीएलएफ फाउंडेशन के डॉ साहनी ने इसी कड़ी में आगे कहा कि “हम आगे भी समाज को दृढ़ एवं आत्मनिर्भर बनाने में अपना बहुमूल्य योगदान देते रहेंगे | डीएलएफ फाउंडेशन की ‘वॉश मॉडल’ कार्यक्रम सरकारी स्कूलों में शैक्षिक स्तर के विकास की गुणवक्ता को बढ़ाने में एक महतवपूर्ण हिस्सा है |  साथ ही, डीएलएफ फाउंडेशन ने विद्यालय की बुनियादी ढाँचे के निर्माण में पानी पीने के लिए वाटर टैंक, लड़कों और लड़कियों के लिये अलग-अलग शौचालय भी बनवाया है | इसी के साथ शिक्षकों के शौचालय का भी पुनर्निर्माण किया गया है |इस मौके पर गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल की प्रधानाचार्य कृष्णा सोलंकी ने कहा कि “ हम डीएलएफ फाउंडेशन के बहुत आभारी हैं जिन्होंने स्कूल में विभिन्न प्रकार की बुनियादी ढांचों का निर्माण एवं पुनर्निर्माण किया जैसे  शौचालय, खेल के मैदान, आधुनिक लैब, खेल सामग्री, पुस्तकालय,पीने के पानी, बिजली सुविधायें, सीसीटीवी,स्मार्ट क्लास, माइक्रोफोन,सफाई व्यवस्था व अन्य कई प्रकार की मूलभूत सुविधाओं को स्थापित किया है | हमें उम्मीद है कि आगे भविष्य में भी डीएलएफ फाउंडेशन हमारी सहायता करेगा |‘वॉश मॉडल’ कार्यक्रम के तहत शिक्षा की गुणवक्ता को बढ़ाने के लिये इसमें कई प्रकार की गतिविधियाँ शामिल है जैसे – बाल संसाधन केंद्र का निर्माण, बच्चों में दृढ़ता एवं आत्मनिर्भरता के संचार के लिए क्विज़ प्रतियोगिता, मेला, राष्ट्रीय दिवस समारोह,बाल मतदान का गठन, खेल प्रतियोगिता इत्यादि | साथ ही , विद्यार्थियों को तकनीकों के माध्यम से किताबी ज्ञान एवं सामाजिक अवधारण की जानकारी देना, शैक्षणिक सुविधा आदि मुहैया करता है |

Posted by: | Posted on: March 22, 2018

हरियाणा यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट के जिला प्रधान बने राजेन्द्र दहिया 

फरीदाबाद( विनोद वैष्णव )। हरियाणा यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट के जिला कार्यालय पर एक  बैठक का आयोजन किया गया जिसमे जिले के काफी संख्या में पत्रकारों ने भाग लिया । इस बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आगामी एक अप्रैल को पत्रकरों के हितों की आवाज उठाने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाएगा । इस मौके पर पत्रकारों ने बैठक के दौरान राजेंद्र कुमार दहिया पत्रकार को फरीदाबाद जिला से हरियाणा यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट (रजि.)का प्रधान भी नियुक्त किया गया वहीं राजा पटेल को जिला कोषाध्यक्ष बनाया गया है। उन्होंने पत्रकारों को आश्वासन दिलाया कि वह हमेशा सुख दुख में पत्रकारों के साथ रहेंगे और पत्रकारों के हितों के लिए यूनियन के साथ मिलकर काम करते रहेगें। एचयूजे के जिला प्रधान ने कहा कि जल्द कार्यकारिणी का गठन भी किया जाएगा।  इस मौके पत्रकार जे बी शर्मा, सरूप ङ्क्षसह, सुनिल चौधरी, जोगेन्द्र रावत, मनोज कुमार, मनोज भारद्वाज, राजा पटेल, संजय गुप्ता, यशपाल सिंह, विनोद वैष्णव, पकंज अरोडा, किशोर कुमार, नरेन्द्र भाटी, मुकेश राजपूत, राजेन्द्र सिंह, रविन्द्र तिवारी, ब्रिजेश भदौरिया, अम्बिका प्रसाद ओझा, दीपक, धीरज कुमार, विजय थपालिया, हरजिन्द्र शर्मा, प्रवीन कुमार, केसी माहौर, मौजूद रहे।

Posted by: | Posted on: March 20, 2018

अमर शहीद वीरांगना महारानी अवंतीबाई पर लोधी राजपूत जन कल्याण समिति द्वारा बलिदान दिवस समारोह का कार्यक्रम आयोजित किया गया

फरीदाबाद( विनोद वैष्णव )। अमर शहीद वीरांगना महारानी अवंतीबाई लोधी चौक पर लोधी राजपूत जन कल्याण समिति रजि फरीदाबाद द्वारा बलिदान दिवस समारोह का कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में विधायक श्री नगेन्द्र भडाना, भाजपा नेता सतीश फागना,अजेन्द्र राजपूत, निजी सहायक, माननीय उमाश्री, भारती केन्द्रीय मंत्री भारत सरकार, संस्थापक लाखन ङ्क्षसह लोधी, अध्यक्ष रूप सिह लोधी, एवं उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने पुष्प अर्पित कर श्रृद्धाजंलि दी और दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम की शुरूआत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता अमरजीत रन्धावा ने की व मंच संचालन उमेश कुण्डु द्वारा किया गया। इस अवसर पर संस्थापक लाखन सिंह लोधी ने शहीद की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महारानी का जन्म 16 अगस्त 1831 को मनकेडी के जमीदार राव जुझार ङ्क्षसह के यहां हुआ था। इनका विवाह रामगढ के राजा विक्रमादित्य के साथ हुआ था इनके दो पुत्र अमान सिंह और शेर ङ्क्षसह हुए। राजा विक्रमदित्य अत्याधिक धार्मिक प्रवृतित के होने के कारण अंग्रेजो ने अयोग्य ठहराने का कुचक्र रचा। मई 1857 में राजा का स्वर्गवास हो गया अब सारी राज्य की बागडौर रानी के हाथो में थी। जगह जगह स्वतंत्रता की आग फैल चुकी थी रानी ने अंग्रेजो से एकजुट होकर संग्राम करने के लिए क्रांति का संदेश जमीदारो, मालगुजारो, मुखियो को निम्र प्रकार पत्र भेजे। कागज का टुकड़ा और सादा कांच की चूड़ी भिजवाई देश की रक्षा करो या चूडी पहनाकर घर में बैठो। तुम धर्म ईमान की सौगन्ध है। रानी ने अपने राज्य से अंग्रेज अधिकारियों को भगा दिया। जिसका उल्लेख श्री ध�मन सिंह की कृति अवंतीबाई काव्य रानी के समकाली मदनभात के छन्दो में, अंग्रेज एफ.आर.आर रैडमैन, आईसीएस द्वारा सन 1912 में स�पादिक मण्डला गजेटियर श्री वृन्दावन कलाल वर्मा के उपन्यास, रामगढ़ की रानी सूचना प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रकाशित महिलाएं और स्वराज पर पृष्ठ 65 पर इसी मंत्रालय द्वारा सन सन्तावन के भूले बिसरे शहीद के पृष्ठ 81 पर लेखिका उषा चन्द्रा का कथन है केप्टन ब्रंाडिगंटन आक्रमण के लिए आगे बढ़ा की और देशद्रोही रीवा नरेश ने अंग्रेजों का साथ दिया। मेजर अर्थकिन द्वारा जबलपुर पत्र व्यवहार केस की फाईल 10 और 33/1857 में लिखा है कि शंकर शाह की मृत्यु से कू्र द्ध लगभग 4000 विद्रोही रानी के साथ हो गये हैं। रानी ने मण्डला राज पर घेरा डाल दिया। किसी प्रकार ब्रंाडिगंटन अपनी जान बचाकर भाग गया। उसने पुन: अपने साथ जनरल हुईट लॉक, ले�िटेनेंट वार्टन, ले�िटनेंट कालवर्न को सेनाओं सहित बुलाया तथा रीवा नरेश ने अंग्रेजों का साथ दिया। किले को घिरा देख रानी देवरागढ की पहाडिय़ों में निकल गयी और 18 दिनो तक छापामार युद्ध चला। अंत में रानी के बाये हाथ में गोली लगी समस्त सेना धीरे लड़ते हुए शहीद हो चली थी। रानी ने अन्त में स्वयं की कटार से 20 मार्च 1858 को आत्म बलिदान कर देश पर शहीद हो गयी। इस अवसर पर मीनू शर्मा और मोनिका राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता भारत को इन बेटियों को आज बलिदान दिवस पर लोधी राजपूत जन कल्याण समिति रजि फरीदाबाद द्वारा शहीद की प्रतिमा भेंट कर स�मानित किया गया। इस अवसर पर लाखन ङ्क्षसह लोधी, रूप सिंह लोधी, अनार सिंह लोधी, नरेन्द्र लोधी, ओमप्रकाश, पूर्ण सिंह लोधी, ओमकार सिंह लोधी, महीपाल लोधी, मुकेश लोधी, अ.भा. हिन्द महासभा से भुवनेशवर शर्मा, जगविजय वर्मा, डौली चौधरी, अ�िबका शर्मा, देव मानव ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष संगीता रावत, संतोष शर्मा, बिजेन्द्र गोला, गिर्राज लोहिया, लच्छू भैया, प्रदीप राणा, सुरेश माथुर, सैन समाज, पूजा यादव,सुरेश चौहान, सुरेन्द्र दत्त शर्मा, यशोदा रावत, अलका आर्या, सीतराम, धर्मपाल लोधी, अर्जुन सिंह, लेखराज, महेन्द्र लोधी, विजयपाल सिंह लोधी आदि मौजूद रहे।

Posted by: | Posted on: March 20, 2018

वैष्णोदेवी मंदिर में नवरात्रों के तीसरे दिन की गई मां चंद्रघंटा की पूजा

( विनोद वैष्णव )| वैष्णोदेवी मंदिर में नवरात्रों के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की भव्य पूजा अर्चना की गई। मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने प्रातकालीन पूजा अर्चना का शुभारंभ करवाया। इस अवसर पर मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा। पूजा अर्चना के अवसर पर मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने श्रद्धालुओं के बीच मां चंद्रघंटा का बखान किया। उन्होंने बताया कि मां चंद्रघंटा के शिख पर चंद्र व हाथ में घंटा रहता है। चंद्रमा शांति व घंटा नाद का प्रतीक है। देवासुर संग्राम में देवी के घंटा नाद से अनेकानेक असुर काल के ग्रास बन गए थे। शास्त्रों के अनुसार अराधना में नाद पर विशेष ध्यान दिया गया है। सुर एवं संगीत दोनों को ही वशीकरण का बीज मंत्र माना गया है। चंद्रघंटा देवी इसी की आराध्य शक्ति है। मां चंद्रघंटा नाद के साथ शांति का संदेश देती हैं। श्री भाटिया के अनुसार जो भी ाक्त सच्चे मन से मां चंद्रघंटा की अराधना कर मुराद मांगते हैं, वह अवश्य पूरी होती है।इस अवसर पर मंदिर में पूजा अर्चना मंदिर के प्रधान जगदीश भाटिया के साथ पूजा अर्चना में प्रताप भाटिया, गिर्राजदत्त गौड, फकीरचंद कथूरिया, राजकुमार, सुरेंद्र गेरा, नरेश मदान, सुरेंद्र झांब, प्रदीप खत्री, नवीन, प्रीतम, अनिल ग्रोवर एवं ललित गुप्ता भी शामिल रहे। इस अवसर पर प्रधान जगदीश भाटिया ने माता रानी को प्रसाद का भोग लगवाया। इसके बाद भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया।