चाणक्य नीति : ये तीन चीजें है दुनिया मे सबसे कीमती , इनके सामने हीरे, मोती, सोना कुछ भी नहीं

Posted by: | Posted on: August 16, 2021

फरीदाबाद ( पिंकी जोशी ) : आचार्य चाणक्य बहुत विद्वान, शांत , दूरदृष्टा और रणनीतिकार थे। उन्होंने चाणक्य नीति में अपने ज्ञान और अनुभव को साहित्य के रूप में संग्रहित किया। इस नीति शास्त्र में आचार्य चाणक्य ने एक श्लोक में तीन चीजों को दुनिया की सबसे कीमती चीज माना है।

आइए जानते हैं चाणक्य के अनुसार कौनसी चीज हैं जो हीरे मोती से भी बढ़कर हैं।

चाणक्य नीति का श्लोक
पृथिव्यां त्रीणि रत्नानि जलमन्नं सुभाषितम् ।
मूढैः पाषाणखण्डेषु रत्नसंज्ञा विधीयते ॥

अर्थात पृथ्वी के सभी रत्नों में जल, अन्न और मधुर वचन सबसे महत्वपूर्ण रत्न हैं। इनके सामने हीरा, मोती, पन्ना और सोना सिर्फ एक पत्थर के समान हैं। पृथ्वी में जल की मात्रा सबसे अधिक है। लेकिन पीने योग्य पानी बहुत कम है। इसलिए चाणक्य यह जानते थे कि पानी कितना जरूरी है। जल के बिना लोगों का जीवन संभव नहीं हैं। इसी तरह मनुष्य के जीवित रहने के लिए अन्न कितना आवश्यक है। जल एवं अन्न से इंसान अपने जीवन की रक्षा कर पाता है, इससे उसके प्राणों की रक्षा और बल-बुद्धि में बढ़ोतरी होती है।

वे कहते हैं कि मीठी बोली से इंसान अपने दुश्मनों को भी जीतकर अपना बना सकता है। इसलिए यह प्रयास बहुत जरूरी हैं। चाणक्य कहते हैं कि जो इंसान इन प्रयासों को छोड़कर पत्थरों के पीछे दौड़ते हैं, उनका पूरा जीवन कठिनाइयो से भर जाता है।

आचार्य चाणक्य ने कहा है कि इंसान को केवल 4 चीजों का ही मोह रखना चाहिए। इनके अलावा दुनिया की हर एक महत्व चीज भी फेल है।
नात्रोदक समं दानं न तिथि द्वादशी समा।
न गायत्र्या: परो मंत्रो न मातुदेवतं परम्।।

चाणक्य के अनुसार, दुनिया में दान, एकादशी तिथि, गायत्री मंत्र और माता का स्थान सबसे ऊपर है। मंत्रों में गायत्री मंत्र सबसे श्रेष्ठ है और धरती पर माँ से बड़ा कोई दूसरा नहीं है, यहां तक की कोई देवता भी नहीं हैं। जीवन मे माँ का स्थान पहला माना जाता है।

नोट : सभी जानकारिया सोशल मीडिया द्वारा ली गयी है।





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