जानिए कब है मार्गशीष प्रदोष का व्रत , क्या है इस व्रत की मान्यता

Posted by: | Posted on: November 20, 2021

फरीदाबाद (पिंकी जोशी) : प्रत्येक माह के दोनों पक्षों शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाने वाला व्रत प्रदोष व्रत कहलाता है यह व्रत भगवान् शिव को समर्पित है . शिव पुराण के अनुसार इस व्रत में भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल अर्थात शाम के समय करने का विधान है शास्त्रों के अनुसार प्रदोष व्रत गुरुवार के दिन पड़े तो वह गुरु प्रदोष होता हैं। आज हम आपको मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन आने वाले प्रदोष व्रत की शुभ तिथि , प्रदोष काल पूजा का शुभ मुहूर्त , पूजा विधि , और गुरु प्रदोष के दिन क्या करना चाहिए उसके बारे मे बताएंगे।

मार्गशीर्ष प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त 2021

  • साल 2021 मार्गशीर्ष मास का प्रदोष व्रत 2 दिसंबर गुरुवार के दिन रखा जाएगा।
  • प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त होगा- 2 दिसंबर गुरुवार सायंकाल 05:24 मिनट से 08:07 मिनट तक।
  • ॐ त्रयोदशी तिथि आरम्भ होगी 1 दिसंबर रात्रि 11:35 मिनट पर।
  • त्रयोदशी तिथि समाप्त होगी- 2 दिसंबर रात्रि 08:26 मिनट पर।

गुरु प्रदोष व्रत पूजा विधि :

मान्यता है की प्रदोष व्रत करने से कठिन समस्याएं भी दूर होने लगती है सूर्यास्त के बाद और रात के आने से पहले का समय प्रदोष काल होता है जो शिव भक्ति के लिए सबसे शुभ समय माना गया है गुरुवार को पड़ने वाला प्रदोष गुरु प्रदोष कहलाता है इस दिन प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करे और व्रत का संकल्प लेकर भगवान शिव माता पार्वती और गणेश जी की विधिवत पूजा करे।

गुरु प्रदोष व्रत पूजा विधि :-

सांयकाल के समय भगवान शिव को पंचामृत से स्नान कराकर सभी पूजन सामग्री व बिल्वपत्र अवश्य अर्पित करे इसके बाद शिव परिवार के समक्ष घी का दीपक जलाकर गं गणपतये नमः और शिव पंचाक्षरी मन्त्र नमः शिवाय का 108 बार जाप करें और अंत में महादेव को सफेद चावल से बनी खीर का भोग लगाकर पूजा संपन्न करने के बाद प्रसाद वितरण करे।

गुरु प्रदोष व्रत महाउपाय :-

प्रदोष व्रत भगवान शिव व माता गौरी को प्रसन्न करने के लिए सबसे उत्तम होता है। वही अगर प्रदोष व्रत गुरु प्रदोष हो तो इस दिन का महत्व और भी अधिक बड़ जाता है शास्त्रों के अनुसार गुरु प्रदोष के दिन कुछ विशेष उपाय किए जाए तो व्यक्ति का भाग्य चमक सकता है तो आइये जानते है गुरु प्रदोष के दिन किये जाने वाले उपाय क्या है –

  • गुरु प्रदोष के दिन किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को पीले फल , पीला कपड़ा , चने की दाल , हल्दी , गुड़ व अन्य भोजन सामग्री दान करना शुभ होता है।
  • गुरु प्रदोष के दिन भगवन शिव के साथ भगवान विष्णु जी की पूजा कर उन्हें पीले फल फूल अर्पण कर पीली मिठाई का भोग लगाए तो यह उपाय मनोकामना प्राप्त करने वाला होता है।
  • गुरु प्रदोष के दिन पूजा में चने की दाल , पीला वस्त्र और साबुत पीली हल्दी पीली रखकर विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से सभी समस्याएं दूर हो जाती है।
  • गुरु प्रदोष के दिन प्रदोष काल में शिवलिंग का जलाभिषेक कर पीपल के वृक्ष की पूजा करने और वहां पर शुद्ध घी का दीपक जलाने से सभी सुखो की प्राप्ति होती है।

नोट : सभी जानकारियां सोशल मीडिया द्वारा ली गई है।





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