फरीदाबाद (विनोद वैष्णव) : भारत सोका गकाई (बीएसजी) और मानव रचना एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस (एमआरईआई) के द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित ‘स्कूलथॉन ऑन सस्टेनेबिलिटी (एसओएस)’ प्रतियोगिता का ग्रैंड फाइनल मानव रचना शैक्षणिक संस्थान (एमआरईआई) परिसर में आयोजित किया गया। समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि नीति आयोग से वरिष्ठ सलाहकार संजीत सिंह, अतिरिक्त निदेशक (शिक्षा) दिल्ली सरकार डॉ. प्रांजल पाटिल, अभिनेता मानव गोहिल, भारत सोका के अध्यक्ष विशेष गुप्ता, उपाध्यक्ष एमआरईआई डॉ. अमित भल्ला शामिल रहे।
बीएसजी और एमआरईआई की ओर से आयोजित इस प्रतियोगिता का मकसद युवा पीढ़ी के बीच वैश्विक चुनौतियों के लिए महत्वपूर्ण सोच और नवीन स्थिरता समाधानों को प्रेरित करना रहा। इसमें देशभर से करीब 150 टीमों ने भाग लिया, जिनमें से 24 फाइनल में पहुंची। फाइनल में 12 विजेताओं का चयन किया गया और हर टीम को 50,000 रुपये का नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम के प्रायोजकों के तौर पर फ्रूवेला इंडिया, क्रेमिका फूड इंडस्ट्रीज लिमिटेड, द व्हाइट टीक कंपनी और सर्वोदय हेल्थकेयर शामिल रहे।
एसओएस ने युवा छात्रों को विभिन्न विषयों पर विचार साझा करने और एक-दूसरे के साथ सहयोग करने के लिए एक बेहतरीन मंच प्रदान किया। इस प्रतियोगिता के माध्यम से कई बेहतरीन नए विचार सामने आए जोकि सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने में मददगार साबित होंगे। मौके पर संजीत सिंह ने कहा, “सभी 17 एसडीजी को संबोधित करने के लिए इन्हें मानवीय व्यवहार को अपनाने की आवश्यकता है। ये लक्ष्य जीवन के प्रति जागरूकता पैदा करते हैं और दुनिया पर हमारे दैनिक कार्यों के प्रभाव को दर्शाते हैं।
डॉ. प्रांजल पाटिल ने कहा, “हमारे द्वारा आज उठाए गए कदम हमारे कल के भविष्य का फैसला करेंगे। इसलिए जरूरी है कि बेहतरीन कल के लिए आज से ही शुरुआत की जाए। मानव गोहिल ने कहा, “सतत विकास लक्ष्य बेहद जरूरी है। भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एक आंदोलन की जरूरत है। जिससे कि मानसिकता को बदलने की दिशा में प्रयास किए जा सकें। बीएसजी चेयरपर्सन विशेष गुप्ता ने प्रतियोगिता के मकसद को बताते हुए सभी भाग लेने वाली टीमों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, “हमारे स्कूल टिकाऊ भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। एसओएस प्रतियोगिता हमारे युवाओं में नवाचार, सहयोग और उद्देश्य को जगाती है, हमारे ग्रह की बेहतरी के लिए समर्पित एक पीढ़ी का पोषण करती है।
एमआरईआई के उपाध्यक्ष, डॉ. अमित भल्ला ने कहा, “स्कूली स्तर पर शिक्षा में स्थिरता को शामिल करने से युवा पीढ़ी को जिम्मेदार और सक्रिय बनाने में मदद मिलती है। इस तरह की पहल से छात्रों को यह समझने में मदद मिलती है कि उनके कार्यों के दूरगामी परिणाम कैसे होते हैं।